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एसआरवीएस स्कूल ने पुलिस महानिदेशक ने Hybrid mode साइबर जागरुकता कार्यशाला में बताया डिजिटल युग में सावधानी के तरीके



 21/Nov/25

चंदौली। एसआरवीएस स्कूल पंचफेडवा अलीनगर स्थित ऑडिटोरियम में आज दिनांक 21.11.2025 को Hybrid mode साइबर जागरूकता कार्यशाला (Cyber Awareness Workshop) का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम उत्तर प्रदेश और अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, वाराणसी, पुलिस उपमहानिरीक्षक वाराणसी, परिक्षेत्र वाराणसी व पुलिस उपमहानिरीक्षक साइबर क्राइम ने वर्चुअल माध्यम से सीधे संवाद स्थापित किया। उन्होंने साइबर सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रदेश पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम उत्तर प्रदेश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छात्र-छात्राओं, उद्यमियों एवं नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के लिए स्वयं सतर्क रहें, किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या मैसेज पर विश्वास न करें। साइबर अपराधों की रोकथाम में पुलिस के साथ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सबसे अहम है।

अपर पुलिस महानिदेशक, वाराणसी जोन, वाराणसी द्वारा बताया गया कि वर्तमान डिजिटल युग में साइबर जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे साइबर फ्रॉड की किसी भी घटना को हल्के में न लें और तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें। साइबर अपराधी अब केवल ओटीपी फ्रॉड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लिंक/एपीके फाइल भेजकर लोगों से ठगी कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर निजी जानकारी साझा न करने तथा किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह आवश्यक है कि हर नागरिक 'गोल्डन आवर' (Golden Hour) के महत्व को समझे और वित्तीय धोखाधड़ी होने पर तुरंत कार्रवाई करे।

पुलिस उपमहानिरीक्षक वाराणसी, परिक्षेत्र वाराणसी द्वारा बताया गया कि 'गोल्डन आवर' साइबर ठगी होने के बाद का वह शुरुआती महत्वपूर्ण समय होता है, जो आमतौर पर पहला एक घंटा माना जाता है। इस दौरान की गई त्वरित शिकायत आपके खोए हुए पैसे को वापस पाने या ट्रांजेक्शन को फ्रीज कराने में 90% तक मददगार साबित हो सकती है। पुलिस उपमहानिरीक्षक साइबर क्राइम द्वारा बताया गया कि लिंक फ्रॉड, ई-कॉमर्स फ्रॉड, APK/ऐप इंस्टॉल फ्रॉड, फ्री वाई-फाई फ्रॉड, बिजली बिल फ्रॉड, OLX फ्रॉड जैसे अनेक तरीकों से साइबर ठगी की जा रही है। साइबर फ्रॉड होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें और अपने बैंक को ईमेल कर अकाउंट फ्रीज करवाएँ। युवा वर्ग ऑनलाइन सबसे सक्रिय है, अतः उन्हें सोशल मीडिया पर विशेष सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध लिंक या जानकारी को तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए।

वर्कशॉप में साइबर सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करने के लिए साइबर एक्सपर्ट अमित कुमार दुबे (नेशनल साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट) द्वारा फेक वेबसाइटों, पासवर्ड सुरक्षा, साइबर स्कैम, सोशल मीडिया प्राइवेसी, मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA), फिशिंग ईमेल, स्पैम कॉल से बचाव आदि पर विस्तृत तकनीकी जानकारी दी गई। उपस्थित छात्र-छात्राओं द्वारा पूछे गए सभी सवालों का विशेषज्ञ द्वारा समाधान किया गया।

यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम जिलाधिकारी चंदौली, चंद्रमोहन गर्ग व पुलिस अधीक्षक चंदौली, आदित्य लांग्हे की गरिमामयी अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) और अपराधों से आम नागरिकों तथा पुलिसकर्मियों को जागरूक करना और उनके बचाव के तरीकों पर प्रशिक्षण देना था। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी चंदौली, अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन, क्षेत्राधिकारी लाइन सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी,मृत्युजंय सिंह साइबर एक्सपर्ट,संजय मिश्रा साइबर फारेंसिक एक्सपर्ट,श्याम जी सिंह AMD एसआरवीएस स्कूल, छात्र-छात्राएं एवं पत्रकार बंधु मौजूद रहे।


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