चंदौली। शहीद गांव में श्री राम कथा पण्डित शक्ति तिवारी के मुखार वाणी से सुनने के लिए ग्रामीणों व आस पास के क्षेत्र से आए श्रद्धालुओ, श्रोताओं से खचाखच भरा हुआ पंडाल सभी श्रोता गढ़ राम नाम में लीन हो गये। श्रीराम कथा वाचक शक्ति तिवारी महाराज जी के मुखार विंदु से श्रीराम कथा भगवान् राम की कथा है, जो भगवान् विष्णु के 24 अवतारों में 17वें अवतार हैं। महर्षि श्री वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण एवं गोस्वामी श्री तुलसीदास जी द्वारा संकलितश्री राम कथा भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम की कहानी है। अपने अवतार मेंपौराणिक वैदिक विचारधारा और महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण है। रामायण को आदिकाव्य माना जाता है, भगवान राम मानवता को आदर्श जीवन जीने की शिक्षा देते हैं। भगवान राम को धार्मिकता का अवतार बताया गया है।
प्रवचन में स्वामी शक्ति तिवारी महाराज प्रवचन ने अद्भुत प्रसंग राम नाम लेने से क्या होता है? · ईश्वर कहां रहते है कैसा दिखते है और क्या करते है? · ज्यादा चिंता करने वाले इसे अवश्य सुनें!! · ये माया तेरी बहुत कठिन है राम विशेष रहा। रामायण श्री राम की एक अद्भुत अमर कहानी है जो हमें विचारधारा, भक्ति, कर्तव्य, रिश्ते, धर्म, और कर्म को सही मायने में सिखाता है।
अब कछु नाथ न चाहिअ मोरें। दीन दयाल अनुग्रह तोरें॥
फिरती बार मोहि जो देबा। सो प्रसादु मैं सिर धरि लेबा॥
जब प्रभु श्री राम केवट को उतराई देते हैं तब केवट हाथ जोड़कर प्रभु से कहता है: हे नाथ, आज मैंने क्या नहीं पाया, आपकी कृपा से मेरे सारे दोष, दुख समाप्त हो गये। हे दीनदयाल, अब मुझे कुछ नहीं चाहिए, लौटते समय आप जो कुछ भी देंगे मैं उसे प्रसाद समझ सिर चढ़ा लूंगा।
सठ सुधरहिं सत्संगति पाई। पारस परस कुघात सुहाई॥
सत्संग के बिना विवेक नहीं होता और राम जी की कृपा के बिना वह सत्संग नहीं मिलता, सत्संगति आनंद और कल्याण की जड़ है। दुष्ट भी सत्संगति पाकर सुधर जाते हैं जैसे पारस के स्पर्श से लोहा सुंदर सोना बन जाता है।
कथा के इस शुभ अवसर पर पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू एवं गौ रक्षा जिला अध्यक्ष परमानंद तिवारी ने प्रभु श्रीराम रस कथा का श्रवण किया साथ ही कथा वाचक शक्ति तिवारी महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त किए।
कार्यक्रम में शैलेश तिवारी, छोटे लाल यादव, दीपू तिवारी, लकी पाण्डेय, संतोष उपाध्याय, प्रवीण तिवारी, एवं समस्त ग्रामीण वासी व क्षेत्रवासी गढ़ उपस्थित रहे।