चन्दौली। तीन वर्ष पूर्व हुए युवक के हत्याकांड का फैसला शनिवार को आ गया। सत्र न्यायाधीश (सुनील कुमार पंचम) की अदालत ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गोकुलपुर निवासी अभियुक्त अमित कुमार उर्फ गोलू व झांसी थाना चन्दौली निवासी अभियुक्त कन्हैया खरवार के अपराध को गंभीरता से लेतें हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 75-75 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अभियोजन की तरफ से जिला शासकीय अधिवक्ता फौ. शशि शंकर सिंह, सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार पांडेय तथा जुबैर अहमद और सरफराज आलम ने प्रभावी पक्ष रखा।
हत्या कर शव पर नमक छिड़क कर जमीन में गाड़ा था अभियुक्तों ने
अभियोजन पक्ष के अनुसार बिछियाकलां थाना चन्दौली निवासी वादी नन्दलाल जायसवाल ने थाना चन्दौली कोतवाली में 17 सितंबर 2020 को तहरीर दी थी कि उसका 20 वर्षीय पुत्र सिद्धार्थ जायसवाल (वीरू जायसवाल ) 15 सितम्बर 2020 को घर से सुबह 10 बजे बिना बताये निकला और अभी तक घर वापस नही आया है। अपने गांव तथा नाते रिश्तेदारी में पता कर लिया हूं, कहीं पता नही चल रहा है। पुत्र के मोबाईल नम्बर पर समय 08.41 पर किसी का फोन आया और किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बोला गया कि तुम्हारा लड़का मेरे कब्जे में है। बीस लाख रूपये और जमीन की मांग की। तब आप के लड़के को छोड़ेंगे। चंदौली थाना प्रभारी बृजेश चन्द्र तिवारी ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की तो गवाहों के बयान के आधार पर घटना कारित करने में अभियुक्तगण अमित कुमार उर्फ गोलू एवं कन्हैया खरवार का नाम प्रकाश में आया। 18 सितम्बर 2020 को अभियुक्तगण अमित कुमार उर्फ गोलू एवं कन्हैया खरवार को रिलायंस पेट्रोल पंप से गिरफ्तार किया गया, जिनके द्वारा मृतक सिद्धार्थ जायसवाल की अपने बिछियाकला स्थित मकान में सिगरेट लाने को लेकर हुए विवाद में चाकू से गला काटकर हत्या करना स्वीकार करते हुए उसके शव के उपर नमक व मिट्टी डालकर गड्ढे में गाड़ देने का कथन किया गया।
जिला शासकीय अधिवक्ता शशि शंकर सिंह एवं वादी के अधिवक्ता जुबैर अहमद की ओर से तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्तगण द्वारा एक बीस वर्षीय युवक की नृशंस हत्या कारित की गई है और उसकी लाश को गड्ढे में डालकर छिपाया गया है। जिस प्रकार से हत्या कारित की गई है वह काफी वीभत्स हैं जो अभियुक्तगण की क्रूरता आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है। मृतक सिद्धार्थ जायसवाल उर्फ वीरू जायसवाल अपने पिता का सबसे बड़ा लड़का था। उसकी हत्या से उसका परिवार टूट चुका है। उसके परिवार की संवेदनाओं को दृष्टिगत रखते हुए एवं अभियुक्तगण द्वारा कारित अपराध की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए अभियुक्तगण को अधिकतम सजा अर्थात मृत्युदण्ड की सजा से दण्डित किया जाना न्यायोचित होगा ताकि समाज को एक कड़ा संदेश जा सके।