हरहुआ के पूर्व ब्लाक प्रमुख व सपा नेता अरविंद सिंह रिंकू का बीएचयू में उपचार के दौरान बृहस्पतिवार को निधन हो गया। कैंसर बीमारी से ग्रसित अरविंद सिंह रिंकू के फेफड़ों में संक्रमण हो गया। कुछ दिन पूर्व ही बीएचयू में कैंसर का ऑपरेशन हुआ था। पोस्टमार्टम के बाद शव लंका पुलिस ने परिजनों को रात में सौंप दिया। इस बात की जानकारी जैसे ही शुभचिंतकों व समर्थकों को हुई तो इलाके में सन्नाटा फैल गया। लोगों के फोन की घंटियां घनघनाने लगी। धीरे-धीरे करके लोग बीएचयू पहुंचे वहां से शव लेकर घर मझमिठिया गयें फिर रात में कंधा देतें घाट पहुंचे। सबकी आखे नम थी। सबके जुबा पर एक बात थी इतना जल्दी कैसे छोड़कर जा सकते हैं। लेकिन भगवान के आगे किसकी चली है। सबको एक ना एक दिन जाना ही है।
थानाध्यक्ष की हत्या में मिर्जापुर कोर्ट ने सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
4 मार्च 2001 की रात तत्कालीन एएसपी डॉ जेके गोस्वामी ने लंका थाने पर सूचना दी कि एक दिन पहले उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि कैंट थाना के हुकुलगंज में तीन लोगों की हत्या से संबंधित अभियुक्त कृपाशंकर अपने साथी प्रीतम सिंह, अरविंद सिंह रिंकू, मोनू सिंह, बबलू सिंह, सुभाष, यदुनाथ व अन्य साथियों के साथ वाराणसी से मिर्जापुर के लालगंज थाना क्षेत्र में जा रहें हैं। सूचना पर तत्कालीन थानाध्यक्ष जैतपुरा अजय सिंह, थानाध्यक्ष सारनाथ केपी सिंह, चौकी इंचार्ज पहड़िया रतन सिंह यादव, उपनिरीक्षक विनोद कुमार दुबे, एसओजी उपनिरीक्षक भृगुनाथ मिश्रा, थानाध्यक्ष रामनगर प्रदीप सिंह चंदेल, चौकी इंचार्ज कचहरी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी व उपनिरीक्षक संतोष सिंह को बुलाया और लालगंज थाना क्षेत्र पहुंची। वहां पता चला लगा कि पास के ही गांव में सभी आरोपी अपने अन्य साथियों के साथ बगैर नंबर की इंडिका कार और जिला पंचायत अध्यक्ष मिर्जापुर की एंबेसडर कार से खाना खाने गए हैं। लालगंज थाना क्षेत्र की रवाही पुलिया के पास पुलिस टीम ने घेरेबंदी की। लगभग 12 बजे रात इंडिका कार और अंबेसडर कार निकली। वाहन को रूकने का इशारा किया गया और बताया गया कि पुलिस है। पुलिस का नाम सुनते ही इंडिका कार से स्वचालित हथियारों से फायरिंग होने लगी। इस मुठभेड़ में थानाध्यक्ष जैतपुरा अजय सिंह की मौत हो गई थी। जबकि, बदमाशों की तरफ से मुन्ना बजरंगी के करीबी प्रीतम सिंह की मौत हुई थी और उनका साथी कृपाशंकर चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गया था। एसओजी की टीम में शामिल अन्य घायलों को हेरिटेज में भर्ती कराया गया था। वादी सहायक पुलिस अधीक्षक जेके गोस्वामी ने रिंकू सिंह और अन्य के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज कराया था। उसी मामले में मिर्जापुर की कोर्ट अपर सत्र न्यायाधीश भगौती प्रसाद सक्सेना की अदालत ने दोषी पाते हुए 7 मई 2019 को अरविंद सिंह रिंकू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। मझमिठिया निवासी अरविंद सिंह रिंकू पर बनारस, मिर्जापुर, सोनभद्र, भदोही, लखनऊ समेत बिहार में विभिन्न आरोपों में तीन दर्जन से अधिक अपराधिक मुकदमा दर्ज थे। अरविंद सिंह रिंकू की पत्नि रीतू सिंह जिला पंचायत सदस्य हैं। रिंकू के दो बच्चे भी हैं जो अभी छोटे है।