गांडीव के सुशील मिश्र की सेवा बहाली के साथ ही 6 वर्ष का वेतन व अन्य पावना देने का आदेश
वाराणसी प्रेस क्लब ने समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी को दी बधाई
मजीठिया मामले की लड़ाई लड़ रहे समाचारपत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। वाराणसी श्रम न्यायालय ने गाण्डीव के कर्मचारी रहे सुशील मिश्र के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उनको सेवा में पुनः बहाल करने के साथ ही उन्हे बेकारी अवधि ( लगभग 6 वर्ष) के सम्पूर्ण वेतन व अन्य पावनाओ का भुगतान करने का आदेश दिया है।
यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी ने बताया कि वाराणसी से प्रकाशित हिन्दी सांध्य दैनिक गांडीव में श्री सुशील मिश्र वर्ष 1988 से प्रूफ रीडर पद पर स्थायी रूप से कार्य कर रहे थे। मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों के अनुरूप वेतन मांगने से नाराज गाण्डीव प्रबंधन ने नवम्बर 2014 में अवैधानिक तरीके से उनकी सेवा समाप्त कर दी।
खबर है कि मजीठिया मामले की लड़ाई लड़ रहे समाचारपत्र कर्मचारी यूनियन ने स्थानीय श्रम न्यायालय में वाद दाखिल किया। यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी की मजबूत पैरवी का नतीजा रहा कि श्रम न्यायालय ने फैसला सुशील मिश्र के पक्ष में सुनाया।न्यायालय ने श्री मिश्र की सेवा को पुनः उसी पद पर निर्णय के एक माह के भीतर बहाल करने। बेकारी अवधि (नवम्बर 2014 से अब तक ) के सम्पूर्ण वेतन के साथ ही अन्य समस्त लाभों का भुगतान करने व वाद व्यय का एक हजार रुपया भी देने का सेवायोजक (गांडीव प्रबंधन) को आदेश दिया है। अपने आदेश में श्रम न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अमेरिका सिंह ने यह भी कहा है कि सेवायोजक के ऐसा न करने पर अभिनिर्णय की तिथी से श्रमिक सम्पूर्ण वेतन पर सात प्रतिशत वार्षिक व्याज पाने का अधिकारी होगा।
यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी पत्रकार संघ के पदाधिकारियों की खबर से हैं काफी खफा
वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश गुप्ता व महामंत्री अशोक कुमार मिश्र ने इस सफलता के लिए समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री को बधाई देते हुए श्रम न्यायालय के इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे यूनियन की जीत बताया है।
काशी पत्रकार संघ के आसन्न चुनाव में लाभ उठाने के लिए संघ के वर्तमान शीर्ष पदाधिकारियों ने इस सफलता का श्रेय स्वयं लेने में जुटे है और समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी की पहल को बौना साबित करते हुए उन्हें वकील के रूप में प्रस्तुत करने में जुटे हैं। समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन के मंत्री अजय मुखर्जी पत्रकार संघ के पदाधिकारियों की खबर से काफी खफा हैं, उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए वाराणसी प्रेस क्लब के महामंन्त्री अशोक कुमार मिश्र से एक अनौपचारिक बातचीत में कहा कि वे 1980 से पालेकर की लड़ाई लड़ रहे हैं। काशी पत्रकार संघ शीर्ष पदाधिकारियों जिन्हें किन्हीं कारणों से निकाला जा चुका है उनके भी हक और हुकूक की लड़ाई वही लड़ रहे हैं इस कारण काशी पत्रकार संघ के पदाधिकारी समाचार पत्र कर्मचारी यूनियन से किसी भी मायने में ऊपर नहीं हैं। इस ओछी राजनीति के लिए वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेश गुप्ता व महामंत्री अशोक कुमार मिश्र उनके साथ हैं।
साथ ही कहा है सपकयू के मंत्री को अपनी लड़ाई को आगे भी जारी रखते हुए अन्य मीडिया संस्थानों में भी मजीठिया वेज बोर्ड की संस्तुतियों को पूरी तरह लागू करने के लिए ठोस पहल करनी चाहिए जिससे पत्रकारों, कर्मियों का उत्पीड़न बंद हो।