वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अवैध प्लाटिंग के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई है। जोन-1 और जोन-3 की प्रवर्तन टीम ने संयुक्त रूप से लगभग 15 बीघा क्षेत्र में विकसित की जा रही अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया।
वार्ड शिवपुर के मौजा अहिरान चमांव में कलावती देवी, आशुतोष सिंह और अजय यादव सहित अन्य लोगों द्वारा लगभग 2.19 बीघा भूमि में बिना लेआउट स्वीकृति के अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। इसके अलावा पिसौर पेट्रोल पंप टंकी के पास, पिसौर में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगभग 1.5 बीघा भूमि में अवैध प्लाटिंग विकसित की जा रही थी।
इन सभी मामलों में 16 दिसंबर 2025 को उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की धारा-27 के अंतर्गत ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
वार्ड दशाश्वमेध के मौजा छितौनी में आनंद पटेल द्वारा लगभग 5 बीघा भूमि तथा विनोद यादव और अनिल मिश्रा द्वारा लगभग 6 बीघा भूमि में बिना लेआउट स्वीकृति के अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। इस पर भी 16 दिसंबर 2025 को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने आम नागरिकों से अपील करते हुए कहा है कि—
भूमि क्रय से पूर्व लैंडयूज अवश्य जांच लें, भूमि का आवासीय होना अनिवार्य है।
पहुँच मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 9 मीटर होनी चाहिए।
प्लाटिंग एवं विक्रय केवल लेआउट स्वीकृति प्राप्त होने के बाद ही करें।
लेआउट जमा करने के उपरांत प्राधिकरण द्वारा 7 दिवस के भीतर स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
कार्रवाई के दौरान जोनल अधिकारी सौरभ देव प्रजापति और शिवाजी मिश्रा, अवर अभियंता रविन्द्र प्रकाश, प्रवर्तन दल के सुपरवाइजर तथा पुलिस बल मौजूद रहा।
विकास प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि बिना लेआउट और मानचित्र स्वीकृति के किसी भी प्रकार का निर्माण या प्लाटिंग किए जाने पर आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।