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नकली कफ सिरप कांड में ED की एंट्री



 03/Dec/25

मुख्य आरोपी शुभम को भेजा नोटिस, 8 दिसंबर को पेश होने के आदेश

ईडी की टीम फरार चल रहे शुभम जायसवाल के आवास पर पहुंची और उसे पूछताछ के लिए नोटिस जारी कर 8 दिसंबर को तलब किया। टीम ने परिवार को निर्देश दिया कि निर्धारित तिथि पर शुभम ईडी कार्यालय में हाजिर हो, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। नकली कफ सिरप कारोबार का यह नेटवर्क कई राज्यों में फैलने की आशंका के चलते एजेंसी पूरे प्रकरण की आर्थिक लेन-देन और सप्लाई चेन की गहन जांच कर रही है। आप को बता दें कि कफ सिरप तस्करी गिरोह के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के पिता भोला जयसवाल सहित तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला प्रसाद समेत कुल 28 लोगों के नाम शामिल हैं।

कफ सिरप की बोतलें बरामद
अक्टूबर में जब पुलिस ने सोनभद्र के चुर्क लाइन मोड़ के पास दो कंटेनरों की जांच की तो 1 लाख 20 हजार से अधिक कफ सिरप की बोतलें नमकीन के पैकेटों के बीच छिपी मिलीं। इस केस में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह गाजियाबाद में भी चूने के बोरों में छिपाकर एक बड़ी खेप पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश भेजने की तैयारी चल रही थी।

2 करोड़ की कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद
जांच के दौरान अब वाराणसी में एक जिम के नीचे स्थित गोदाम से करीब 2 करोड़ रुपये की कोडीन आधारित कफ सिरप बरामद हुई है। पेंट की बाल्टियों के भीतर रखी इन बोतलों का सुराग भी सीधे शुभम जायसवाल से जुड़ रहा है। डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार ने बताया कि बरामद सिरप और पैटर्न की बारीकी से जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, तस्करी का अंतिम ठिकाना बांग्लादेश था। पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक खेप पहुंचाने के बाद, छोटे कैरियर साइकिल आदि माध्यमों से इसे सीमा पार कराते थे। बांग्लादेश में इसकी कीमत भारत की तुलना में 8 से 10 गुना अधिक मिलती थी। इसी गैरकानूनी कारोबार ने शुभम को महज तीन वर्षों में करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक बना दिया।
शुभम जायसवाल रांची में रजिस्टर्ड अपनी फर्म शैली ट्रेडर्सके जरिए इस पूरे रैकेट को संचालित करता था। उसके तार विभिन्न राज्यों से जुड़े पाए गए हैं। अब 100 करोड़ रुपये से अधिक की कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी मामले में शुभम सहित 28 लोगों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT गठित की गई है, जो नेटवर्क, सप्लायर, ट्रांसपोर्ट चैनल और फंडिंग सहित हर पहलू की गहन जांच कर रही है। हालांकि अब इस मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी एंट्री हो गई है।

 


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