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उपाध्यक्ष महोदय पूर्ण बोरा द्वारा “अस्सी नदी” के जीर्णोद्धार हेतु महत्वपूर्ण समन्वय बैठक आहूत



 01/Dec/25

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महोदय श्री पूर्ण बोरा की अध्यक्षता में अस्सी नदीके व्यापक जीर्णोद्धार एवं पुनरुद्धार परियोजना के संबंध में महत्वपूर्ण उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में जीर्णोद्धार कार्य को तकनीकी, पर्यावरणीय तथा संरचनात्मक दृष्टि से प्रभावी बनाने के उद्देश्य से बी.एच.यू. आईटी टीम,ई एण्ड वाई टीम तथा प्राधिकरण के संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की गई।

उपाध्यक्ष महोदय ने बताया कि अस्सी नदी का पुनर्जीवन वाराणसी के जल स्रोतों के संरक्षण, शहरी जल प्रबंधन, भूजल पुनर्भरण तथा सतत पर्यावरणीय विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। नदी के प्राकृतिक प्रवाह, जलधारण क्षमता तथा तटीय संरचनाओं के सुधार के लिए परियोजना को तीन चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि परियोजना के विस्तृत क्षेत्र का निर्धारण (From–To Mapping), कार्य-सीमा की पहचान, तकनीकी सर्वेक्षण तथा निर्माण संबंधी प्राथमिक आवश्यकताओं को वैज्ञानिक पद्धति से चिन्हित किया जाएगा।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जीर्णोद्धार कार्यों का प्रारंभिक खाका तैयार करने हेतु बी.एच.यू. की आईटी टीम आधुनिक तकनीकों-ड्रोन मैपिंग, डिजिटल सर्वे, हाइड्रोलोजिकल एनालिसिस तथा 3D मैपिंग-का उपयोग करेगी। वहीं इनवाई टीम नदी के किनारों, जलग्रहण क्षेत्रों तथा प्रदूषण स्रोतों का विस्तृत मूल्यांकन करते हुए पर्यावरण संतुलन बहाल करने की योजना पर कार्य करेगी। उपाध्यक्ष महोदय ने दोनों टीमों को कार्ययोजना के समन्वय हेतु नियमित मीटिंग और प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

बैठक में तीन प्रमुख तालाबों

1. कर्दमेश्वर महादेव मंदिर के अपस्ट्रीम स्थित तालाब,

2. कंदवा तालाब,

3. कंचनपुर तालाब,

को अस्सी नदी जीर्णोद्धार परियोजना से सीधे जोड़ते हुए उनके सौंदर्यीकरण, गहरीकरण, जल संचयन क्षमता बढ़ाने तथा सीवेज मुक्त रखने के लिए विशेष कार्य-योजना पर भी विस्तार से विचार किया गया। उपाध्यक्ष महोदय ने कहा कि इन तालाबों का संरक्षण न केवल अस्सी नदी के पुनर्जीवन में सहायक होगा, बल्कि स्थानीय जल प्रबंधन, जैव विविधता तथा धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों की स्वच्छता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्य समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी ढंग से सुनिश्चित हों। साथ ही, तकनीकी संस्थानों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर परियोजना को मॉडल स्वरूप में विकसित करने पर बल दिया।

बैठक में अधीक्षण अभियंता श्री अजय पवार, बी.एच.यू. आईटी टीम के विशेषज्ञगण, ई एण्ड वाई टीम के तकनीकी सदस्य तथा प्राधिकरण के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने परियोजना को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए और निर्धारित समयसीमा में सर्वेक्षण एवं प्रारूप रिपोर्ट तैयार करने पर सहमति व्यक्त की।

 


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