सनबीम अकादमी, सामनेघाट ने आज साहित्य, कल्पना और रचनात्मकता से भरे एक शानदार आयोजन “Beyond Words 2.0 – Kids Literature Festival” की मेजबानी की। बच्चों में पढ़ने, कहानियों और सृजनात्मक अभिव्यक्ति के प्रति रुचि जगाने के उद्देश्य से आयोजित इस महोत्सव में 1000 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे यह वाराणसी का सबसे बड़ा बच्चों का साहित्य महोत्सव बन गया।
पूरे परिसर को कहानी, कला, रचनात्मकता और सीख से सराबोर एक जीवंत साहित्यिक संसार का रूप दिया गया। जो इस बात की पुष्टि करता है कि पठन केवल एक आदत नहीं, बल्कि कल्पनाशक्ति और सीखने की दिशा में पहला कदम है।
मुख्य वक्ताओं द्वारा संचालित प्रेरणादायक सत्र
फेस्टिवल में देश के प्रतिष्ठित लेखकों, स्टोरीटेलर्स और शिक्षाविदों ने बच्चों के लिए आयु-उपयुक्त और आकर्षक वर्कशॉप्स का संचालन किया।
मुख्य वक्ताओं में शामिल थे:
वसुंधा आहुजा, रजत चौधरी, रूपल, छवि सिंघानिया, त्रिशा डे नियोगी,रीदा जमाल खान, जुनैद खान और राजेश्वर तिवारी। इन विशेषज्ञों ने बच्चों को कहानी लेखन, अभिव्यक्ति, कल्पना, पठन कौशल और रचनात्मक सोच को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों से जोड़कर एक यादगार अनुभव दिया। बच्चों के लिए आयु-उपयुक्त फिल्म प्रदर्शन भी आयोजित किया गया, जिससे सीखने को एक दृश्यात्मक आयाम मिला।
वसुंधा आहुजा ने कहा
“बियॉन्ड वर्ड्स 2.0 की ऊर्जा बेहद अद्भुत थी। इतने जिज्ञासु बच्चे देखकर विश्वास होता है कि पढ़ने का जादू अभी भी जीवित है।”
रजत चौधरी ने कहा
“इतने उत्साहित और सीखने को आतुर बच्चों के बीच समय बिताना बेहद सुखद रहा। सनबीम अकादमी ने एक प्रेरक मंच प्रदान किया है।”
रूपल ने कहा
“सबसे प्रभावशाली बात थी हर वर्कशॉप की सोच-समझकर की गई योजना। बच्चों को सोचने, सवाल करने और कल्पना करने का पूरा मौका मिला।”
छवि सिंघानिया बोलीं
“बच्चों का आत्मविश्वास और अपनी बात रखने की क्षमता देख कर बहुत खुशी हुई। ऐसे उत्सव बच्चों के अंदर रचनात्मकता को पंख देते हैं।”
त्रिशा डे नियोगी ने कहा
“इतने जुड़ाव के साथ सीखने वाले बच्चे मिलना सचमुच सुखद है। यह फेस्टिवल अनुभव आधारित शिक्षा का बेहतरीन उदाहरण है।”
रीदा जमाल खान ने कहा
“फेस्टिवल ने सीख और मनोरंजन को बेहतरीन तरीके से जोड़ा। यह देखकर अच्छा लगा कि स्कूल बच्चों की रचनात्मक वृद्धि पर इतना ध्यान देता है।”
जुनैद खान बोले
“छात्रों का उत्साह हर सत्र को यादगार बना गया। सनबीम अकादमी ने साहित्यिक उत्सवों की एक नई मिसाल पेश की है।”
राजेश्वर तिवारी ने कहा
“यह आयोजन सच में कल्पना का उत्सव रहा। छात्रों की कहानी और साहित्य के प्रति रुचि देखना बेहद प्रेरक था।”
अभिभावकों के लिए विशेष सत्र
पढ़ने की आदतों को घर से बढ़ावा देने के उद्देश्य से अभिभावकों के लिए एक विशेष पेरेंटिंग वर्कशॉप भी आयोजित की गई, जिसमें बच्चों की भावनात्मक विकास और घर पर पढ़ने का माहौल तैयार करने पर चर्चा हुई। साथ ही एक विशेष फिल्म प्रदर्शन भी किया गया, जिससे आयोजन पूरे परिवार के लिए सार्थक अनुभव बन गया।
नेतृत्व का दृष्टिकोण: संपूर्ण शिक्षा की दिशा में मजबूत कदम
रोहन मदोक, सीईओ, सनबीम अकादमी ग्रुप, ने कहा
“Beyond Words 2.0 हमारे उस संकल्प का प्रतिनिधित्व करता है जिससे हम बच्चों की कल्पनाशक्ति को पोषित करना चाहते हैं। पढ़ना ज्ञान, सोच और आत्मविश्वास का आधार है, और यह फेस्टिवल बच्चों को इसी दिशा में प्रेरित करता है।”
सलोनी मदोक, हेड ऑफ ऑपरेशंस, ने कहा
“बच्चों के उत्साह और उनकी सक्रिय भागीदारी ने साबित कर दिया कि जब शिक्षा और रचनात्मकता एक साथ आती हैं तो सीखना और भी प्रभावी हो जाता है।”
पूूनम मदोक, डायरेक्टर, ने कहा
“हम हमेशा से ऐसी शिक्षा में विश्वास करते हैं जो पुस्तकों से आगे निकलकर बच्चों को अनुभवों से जोड़ती है। बियॉन्ड वर्ड्स 2.0 ने इस दृष्टिकोण को शानदार तरीके से दर्शाया।”
शश्वती शर्मा, प्रिंसिपल, सामनेघाट, ने कहा
“फेस्टिवल ने सीख और आनंद का सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया। बच्चों को लेखकों और कथावाचकों के साथ इस तरह जुड़ते देखना बेहद प्रेरक अनुभव रहा।”
डॉ.के.के.पांडा, डिप्टी डायरेक्टर, ने कहा
“ऐसे आयोजन बच्चों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पढ़ने से कल्पना, सहानुभूति और अभिव्यक्ति का विकास होता है-जो जीवनभर साथ रहने वाले मूल्य हैं।”
रचनात्मकता, कहानियों और सीख से भरा दिन
फेस्टिवल के दौरान परिसर में स्टोरी कॉर्नर, रीडिंग लाउंज, क्रिएटिव हब, वर्कशॉप एरीना और फिल्म जोन जैसे आकर्षक स्टॉलों पर बच्चों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति देखने को मिली।
छात्र इस आयोजन से केवल किताबें ही नहीं, बल्कि नई प्रेरणाएँ, यादें और पढ़ने के प्रति नया उत्साह लेकर वापस लौटे।
बियॉन्ड वर्ड्स 2.0 ने सिद्ध किया कि सनबीम अकादमी सिर्फ शिक्षा नहीं देती, बल्कि बच्चों को भविष्य की दुनिया के लिए तैयार करती है।