वाराणसी । बहुचर्चित अधिवक्ता पुत्र हेमंत पटेल हत्याकांड में आरोपित स्कूल प्रबंधक के पुत्र को राहत नहीं मिली है। विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम तृतीय) पूनम पाठक की अदालत ने आरोपित राज विजयेंद्र सिंह उर्फ रवि की आरोप से उन्मोचन (डिस्चार्ज) प्रार्थना-पत्र को सुनवाई के बाद खारिजकर दिया।
अब अदालत ने 4 दिसंबर 2025 को मामले में आरोप तय करने हेतु अगली सुनवाई निर्धारित कर दी है। वादी पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने महत्वपूर्ण दलीलें रखते हुए प्रार्थना-पत्र का विरोध किया।
पूरा मामला : कैसे हुई हत्या ?
वादी कैलाश चंद्र वर्मा (एडवोकेट) द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, 22 अप्रैल 2025को दोपहर लगभग 1 बजे, आरोपित राज विजयेंद्र सिंह ने अपने मोबाइल से वादी के पुत्र हेमंत पटेल को विद्यालय बुलाया। हेमंत को लाने के लिए शशांक और किशन को भेजा गया।
हेमंत बाइक से उनके साथ विद्यालय पहुंचने निकला, लेकिन दोपहर 2:03 बजे वादी के नाती के मोबाइल पर आशीष पटेल का फोन आया, जिसमें बताया गया कि विद्यालय प्रबंधक के कमरे में, आरोपित राज विजयेंद्र सिंह ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से हेमंत की गोली मारकर हत्या कर दी।
पुलिस ने घटना के अगले दिन आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
कचहरी में उबाल-वकीलों ने किया कई दिनों तक प्रदर्शन
घटना के बाद वाराणसी कचहरी में कई दिनों तक अधिवक्ताओं ने जोरदार विरोध किया।
उन्होंने न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच का आश्वासन देने के बाद ही अधिवक्ताओं का आंदोलन शांत हुआ।
अदालत का ताज़ा फैसला
अदालत ने आरोपित की ओर से लगाई गई उन्मोचन अर्जी को तथ्यों के आधार पर उचित न मानते हुए खारिज कर दिया है। अब 4 दिसंबर 2025 को मामले में औपचारिक रूप से आरोप तय किए जाएंगे।