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सरदार पटेल की जयंती के उपलक्ष में एकता यात्रा



 20/Nov/25

भारतीय जनता पार्टी महानगर के तत्वाधान में आज दिनांक 20 नवंबर को शहर उत्तरी विधानसभा में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में भव्य एकता यात्रा निकाली गई । यात्रा का शुभारंभ सरदार वल्लभभाई पटेल के मलदहिया स्थित मूर्ति पर महानगर अध्यक्ष एवं राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार द्वारा माल्यार्पण के साथ हुआ ।एकता यात्रा में भारतीय जनता पार्टी उत्तरी विधानसभा के महानगर पदाधिकारी पार्षद महिलाएं एवं स्कूल कॉलेज के बच्चे शामिल रहे। यात्रा लहुराबीर जगतगंज संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय तेलिया बाग होते हुए पटेल धर्मशाला पर जाकर समाप्त हुई। लहुराबीर पर चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति पर भी माल्यार्पण किया गया ।पुरी यात्रा के दौरान सभी लोग

हाथों में तिरंगा लिए हुए, 'एक भारत श्रेष्ठ भारत, भारत माता की जय, वंदे मातरम का नारा लगाते हुए' 'एकता का संदेश दे रहे थे ।

पटेल धर्मशाला के प्रांगण में सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि ने कहा सरदार पटेल जी अपने गृह मंत्री रहते हुए पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया था । वह भारत की एकता के महानायक थे।सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का लौहपुरुष और भारत का एकीकरणकर्ता कहा जाता है। उन्होंने स्वतंत्र भारत की नींव मजबूत करने में ऐतिहासिक योगदान दिया। सरदार पटेल के ही पद चिन्हों पर चलते हुए भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण कराया ।धारा 370 हटाए ।आज सरदार पटेल के योगदान को सभी स्कूल कॉलेज के बच्चों को बताना और राष्ट्र के प्रति प्रेम भावना जगाना अत्यंत आवश्यक है ।

पटेल जी ने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति, कूटनीति से हैदराबाद, जूनागढ़ जैसी जटिल रियासतों को भी शांतिपूर्ण एवं सशक्त निर्णयों से भारत में शामिल किया।

आज़ाद भारत को एक अखंड देश बनाने का श्रेय सरदार पटेल को जाता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहर उत्तरी के विधायक एवं राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल ने कहा भारत कई बार गुलाम हुआ। यहां शासन रियासत को ही राष्ट्र समझते थे। एक रियासत पर जब हमला हुआ तो दूसरी रियासतों के शासक ने उनकी सहायता नहीं की। इसी का परिणाम रहा अंग्रेज एवं पुर्तगालियों ने हमें गुलाम बनाया । यहां तक गजनबी जैसे लुटेरे ने भी हमें गुलाम बनाया ।अंग्रेजों ने भारत का विभाजन मजहब के अनुसार कराया ।सरदार पटेल ने सभी रियासतों के शासन से बात करके भारत में विलय कराया। और अखंड भारत का निर्माण किया। भाषा खानपान एवं पहनावा भिन्न-भिन्न होते हुए भी सभी को एक किया ,अगर उस समय सरदार पटेल प्रधानमंत्री हुए होते तो पाकिस्तान बांग्लादेश आदि का निर्माण नहीं हुआ होता। हम पहले भारतीय हैं, इसके बाद कोई और जाती है। ऐसी यात्राएं समाज को जोड़ने और युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को मजबूत करने का काम करती हैं ।आज भारतीय जनता पार्टी ही है, जो सरदार पटेल जी को सम्मान दे रही है ।कांग्रेस ने उनको कभी भी वह स्थान नहीं दिया जो उन्हें मिलना चाहिए था ।यहां तक की भारत रत्न देने में भी कई वर्ष लगा दिए।

देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री बनकर उन्होंने आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और सीमा-प्रबंधन को मजबूत किया।देश को एक प्रशासनिक ढांचे में बांधने का बड़ा कार्य किया। संप्रभु और मजबूत राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की,

विदेशों के हस्तक्षेप को रोका, पाकिस्तान से आने वाली चुनौतियों का सख्ती से सामना किया।

नक्शे, सीमाओं और सुरक्षा व्यवस्था को एक ढांचे में स्थापित किया। किसानों और आम जनता के नेता वो खुद किसान परिवार से थे, इसलिए किसानों की समस्याओं और हितों को प्राथमिकता दी।खेड़ा और बारडोली सत्याग्रह के सफल नेतृत्व से जनता के अधिकारों की रक्षा की।गांधीजी ने उन्हें सरदार की उपाधि बारडोली आंदोलन में जनता के आग्रह पर दी। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोगों में महानगर अध्यक्ष प्रदीप अग्रहरि, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल ,अशोक पटेल,जगदीश त्रिपाठी ,मधुकर चित्रांश, अरविंद सिंह ,चंद्रशेखर उपाध्याय, अशोक जाटव ,जेपी सिंह, रणंजय सिंह, अवधेश राय , संजय कुमार ,राकेश शर्मा, सिद्धनाथ शर्मा, सुशील गुप्ता, मदन मोहन दुबे, अशोक यादव, बृजेश चौरसिया , अजय गुप्ता, संदीप रघुवंशी, विनोद भारद्वाज, रतन मौर्य, मोनिका, नीलम चौबे, दिनेश कालरा,संगीता पटेल, रिचा सिंह ,सोमनाथ विश्वकर्मा, संदीप रघुवंशी , शैलेंद्र श्रीवास्तव, बृजेश श्रीवास्तव, राजेंद्र यादव, आलोक मिश्रा, प्रमील पाण्डेय,अशोक कुमार पांडेय, आदि लोग रहे लोग रहे ।

 


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