वाराणसी। हाल ही में हुए शहर के नामचीन ट्रांसपोर्टर सूरज की मौत सबके लिए एक कहानी बनी हुई है। प्रथम दृष्टया देखने से सिर में चोट लगने, कई हड्डियां टूटने से हुई है। हालांकि इसे और पुख्ता करने के लिए चिकित्सकों ने बिसरा और खून को विज्ञानी जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। दाहिने तरफ से गिरने के कारण उस साइट की कई हड्डियां टूटने संग सात जगह चोट के निशान मिले हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सीसीटीवी फुटेज से संकेत मिले हैं कि दिवंगत सूरज के साथ ज्यादती नहीं 'हुई होगी। मृत सूरज के स्वजन ने अपने सामने पोस्टमार्टम कराने के लिए हंगामा मचाया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने दो चिकित्सकों के पैनल से वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया । दुखी स्वजन देर शाम सूरज का मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया। रेस्टोरेंट के मैनेजर ने बताया कि अतिथि डिस्टर्ब हो रहे थे, इसलिए सूरज को सिर्फ बाहर निकाला गया।
बताते चले कि मूलतः बिहार के मधेपुरा व हाल निवासी पिशाच मोचन अंतर्गत रामकांत नगर कालोनी निवासी सूरज सिंह रामंकटोरा में विध्यवासिनी ट्रांसपोर्ट चलाते थे। वह वह शनिवार की रात नौ और 10 बजे के बीच धनबाद से वाराणसी पहुंचे अपने बचपन के दोस्त बबलू शाह के साथ विनायक प्लाजा टावर स्थित पांचवीं मंजिल पर स्थित माई टेबल बार एंड रोस्टोरेंट में
भोजन करने गए थे। अचानक देर रात 1:04 बजे विनायक प्लाजा टावर की आठवीं मंजिल से गिरने उनकी, मौत हो गई। दोस्त बबलू शाह का आरोप है कि खाने-पीने के दौरान उपजे विवाद में रेस्टोरेंट के मैनेजर ने बाउंसरों संग मिलकर सूरज की पीटकर हत्या की फिर से छत से नीचे फेंक दिया।
सीसीटीवी फोटेज के अनुसार 1:02 बजे पांचवें तल से सीढ़ी से ऊपर गया, 1:04 बजे छठवें तल पर दिखा, 1:06 बजे से 1.08 बजे तक आठवें तल की लाबी पर चक्कर लगाते दिखा, और अंत में 1:20 बजे तक दोस्त बबलू शाह माई टेबल रेस्टोरेंट में बैठा दिखा। इसके बाद ऐसा क्या हुआ कि सूरज आठवें मंजिल से सीधे नीचे गिर गया। यह अभी भी सबके लिए एक सवाल बना हुआ है।