बिना स्वीकृति मानचित्र चल रहे हॉस्पिटल व डायग्नोस्टिक सेंटरों पर होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश नगर नियोजन और विकास अधिनियम -1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत किसी भी भवन निर्माण से पूर्व नियमानुसार मानचित्र स्वीकृत होना अनिवार्य है। *इसी प्रकार पीसीपीएनडीटी एक्ट (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques Act,1994)* के अंतर्गत पंजीकृत अथवा पंजीकृत होने वाले सभी चिकित्सालयों एवं डायग्नोस्टिक सेंटरों के लिए मानचित्र स्वीकृति (Map Approval) कराना अनिवार्य है। यह प्रावधान इस उद्देश्य से किया गया है कि चिकित्सा संस्थानों की इमारतें, उनके उपयोग, सुरक्षा मानकों एवं निर्माण की वैधता पूर्णतः नियमानुसार हो, ताकि आम जनता की सुरक्षा एवं सुविधा सुनिश्चित की जा सके।
प्राधिकरण के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि वाराणसी जनपद के अनेक हॉस्पिटल एवं डायग्नोस्टिक सेंटर बिना प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए ही संचालित किए जा रहे हैं। यह कृत्य न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी गंभीर है। इस पर तत्काल प्रभाव से कार्यवाही प्रारंभ करने के निर्देश *उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण पूर्ण बोरा द्वारा सभी जोनल अधिकारियों को दिए गए हैं।
उपाध्यक्ष महोदय के निर्देशानुसार वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा विशेष टीम गठित की गई है जो आगामी दिनों में जनपद के सभी ऐसे हॉस्पिटल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटरों का सर्वेक्षण और स्थल निरीक्षण करेगी जो पीसीपीएनडीटी एक्ट के अंतर्गत पंजीकृत हैं अथवा इस प्रकार की गतिविधियां संचालित की जा रही है। निरीक्षण के दौरान यदि कोई संस्थान बिना स्वीकृत मानचित्र के पाई जाती है, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी, इसमें नोटिस दिया जाना, निर्माण सील करना तथा अन्य प्रभावी विधिक कारवाही किया जाना शामिल है।
प्राधिकरण के इस कार्यवाही का उद्देश्य किसी व्यक्ति संस्थान का उत्पीड़न करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित कराना है कि वाराणसी विकास क्षेत्र में सभी चिकित्सा संस्थान नगर नियोजन के मानकों के अनुरूप संचालित हों। इससे न केवल शहर की सौंदर्य व्यवस्था बनी रहेगी बल्कि भवनों की सुरक्षा, अग्निशमन प्रावधान और मरीजों की सुविधा भी सुनिश्चित होगी।
उपाध्यक्ष महोदय द्वारा सभी हॉस्पिटल संचालकों, चिकित्सकों एवं संस्था प्रबंधकों से अपील की जाती है कि वे शीघ्रातिशीघ्र अपने भवनों का मानचित्र स्वीकृत कराएं। जिन हॉस्पिटलों के मानचित्र पूर्व में स्वीकृत नहीं हैं, विकास प्राधिकरण से संपर्क कर आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण करते हुए नियमानुसार शमन करा लें। इससे भविष्य में किसी भी प्रकार की कार्यवाही अथवा असुविधा से बचा जा सकेगा।