MENU

ANI को दिल्ली हाईकोर्ट से तगड़ा झटका नहीं बंद होगा Dynamite News



 30/Oct/25

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने डाइनामाइट न्यूज़ के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन के मुकदमे में एएनआई द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट से समाचार एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सी. हरि शंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने आदेश दिया कि एएनआई की अपील में कोई दम नहीं है और इसे प्रारंभिक स्तर पर ही खारिज किया जाता है। इस फैसले के साथ डाइनामाइट न्यूज़ ने एएनआई को तगड़ा सबक सिखाया है। अदालत ने एएनआई के आचरण को अनुचित ठहराते हुए उसके रवैये पर नाराज़गी भी जताई।

इससे पहले, 14 अक्टूबर को एकल न्यायाधीश ने आदेश दिया था कि यूट्यूब डाइनामाइट न्यूज़ का चैनल अनब्लॉक करे। अदालत ने यह आदेश तब दिया था जब डाइनामाइट न्यूज़ ने अदालत को आश्वस्त किया कि वह उन सभी नौ वीडियो को हटा देगा, जिन पर एएनआई ने कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाया था। 21 मार्च को डाइनामाइट न्यूज़ ने अदालत को बताया था कि वह पिछले दस वर्षों से YouTube चैनल https://www.youtube.com/@DynamiteNews1 चला रहा है और अब तक अपने चैनल पर 17 हजार से अधिक वीडियो अपलोड कर चुका है। इन 17 हजार वीडियो में से, किसी कर्मचारी की अनजाने में हुई गलती के कारण नौ वीडियो में एएनआई के कुछ सेकंड के अंश चल गए थे। डाइनामाइट न्यूज़ ने अदालत को यह भी भरोसा दिलाया कि भविष्य में वह एएनआई के किसी भी वीडियो का उपयोग अपने चैनल पर नहीं करेगा। अदालत ने इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया और फिर आदेश पारित किया। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को हुई, जब डाइनामाइट न्यूज़ ने बताया कि एएनआई ने अदालत की जानकारी दिए बिना सीधे यूट्यूब से संपर्क कर कुछ नए यूआरएल हटवाने की मांग की थी। डाइनामाइट न्यूज़ का कहना था कि यह कदम 21 मार्च के आदेश की अवहेलना था, क्योंकि एएनआई ने अदालत में आए बिना चैनल को ब्लॉक करवाने की कोशिश की।

दिल्ली हाईकोर्ट ने एएनआई को निर्देश दिया कि वह दो दिनों के भीतर डाइनामाइट न्यूज़ को सभी संबंधित यूआरएल की सूची उपलब्ध कराए, ताकि उन वीडियो अंशों को हटाया जा सके। साथ ही, यूट्यूब को आदेश दिया गया कि जैसे ही डाइनामाइट न्यूज़ को सूची मिल जाए और वह यूट्यूब से संपर्क करे, तो यूट्यूब दो दिनों के भीतर उसका चैनल अनब्लॉक करे।

हाई कोर्ट न्यायाधीश ने स्पष्ट कहा कि जैसे ही प्रतिवादी संख्या 2 (यूट्यूब) चैनल को अनब्लॉक करेगा, प्रतिवादी संख्या 1 (डाइनामाइट न्यूज़) को वादी (एएनआई) द्वारा बताए गए सभी यूआरएल को 24 घंटे के भीतर हटाना, निष्क्रिय करना और ब्लॉक करना होगा तथा इसकी सूचना वादी और प्रतिवादी संख्या 2 को देनी होगी। यदि प्रतिवादी संख्या 1 ऐसा करने में विफल रहता है, तो प्रतिवादी संख्या 2 को दोबारा उसका चैनल ब्लॉक करना होगा।

इसके बाद में एएनआई ने इस आदेश के खिलाफ डिवीजन बेंच में अपील की थी, लेकिन बुधवार को हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों वाली बेंच ने एएनआई की अपील को पूरी तरह खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश के आदेश में कोई त्रुटि नहीं है और एएनआई की अपील निराधार है। इस फैसले के बाद अब डाइनामाइट न्यूज़ का यूट्यूब चैनल बहाल रहेगा और एएनआई को मामले में कोई राहत नहीं मिल सकी है। अदालत की सख्त टिप्पणियों ने एएनआई के रवैये पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसे अदालत ने अनुचितकरार दिया।

पत्रकारिता करने वाले तमाम यू-ट्यूबर और न्यूज़ वेबसाइट्स यदि गलती से एएनआई के किसी वीडियो का थोड़ा-सा भी विज़ुअल इस्तेमाल कर लेते हैं, तो एएनआई तुरंत उस चैनल पर कॉपीराइट का दावा ठोककर चैनल संचालकों से वसूली के लिए ब्लैकमेलिंग शुरू कर देता है। यही तरीका एएनआई ने डाइनामाइट न्यूज़ के साथ भी अपनाया था।

डाइनामाइट न्यूज़ का कहना था कि 17 हजार वीडियो में से पाँच साल पुराने किसी एक वीडियो में कॉपीराइट स्ट्राइक दिखाकर एएनआई पूरे चैनल को ब्लॉक नहीं कर सकता। डाइनामाइट न्यूज़ ने दबाव में न आते हुए कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः एएनआई को कड़ा सबक मिला। छोटे-छोटे यू-ट्यूबर, जिन्हें एएनआई चैनल ब्लॉक कराने की धमकी देकर ब्लैकमेल करता था, अब राहत महसूस करेंगे। अदालत के इस आदेश के बाद एएनआई किसी को चैनल बंद कराने का डर नहीं दिखा सकेगा। डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने दिल्ली दूरदर्शन में दस वर्षों तक मुख्य राजनीतिक संवाददाता और प्राइम टाइम न्यूज़ एंकर के रूप में कार्य किया है।


इस खबर को शेयर करें

Leave a Comment

7449


सबरंग