वाराणसी (Clown Times)। बुधवार दोपहर कैंट थाना क्षेत्र स्थित होटल शरीन इन — टाउन सिटी में पुलिस ने छापेमारी कर कथित सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया। डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार के निर्देशन में एडीसीपी नीतू कादयान, एसीपी नितिन तनेजा और इंस्पेक्टर कैंट शिवाकांत मिश्रा की संयुक्त टीम ने यह कार्रवाई की। पुलिस ने कार्रवाई के दौरान होटल के अलग-अलग कमरों से चार युवतियों को हिरासत में लिया है, जबकि दो रशियन युवतियाँ कमरे में बंद होकर भाग निकलीं — जिनके फरार होने का सीसीटीवी फुटेज पुलिस के पास है और इसकी जांच जारी है।
छापेमारी में क्या मिला
पुलिस की टीम ने छापेमारी के दौरान जब एक कमरे में पहुंचकर दरवाजा खोला तो वहाँ दो रशियन प्रवासिनी थीं। पुलिस के अनुसार, वे अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर बैठीं। पुलिस ने बाहर से समझाने पर भी दरवाजा नहीं खोला। बाद में पुलिस ने दरवाजे का लॉक तोड़ा तो कमरे में कोई नहीं था — कमरे की खिड़की खुली मिली और वहीँ से दोनों फरार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। डीसीपी प्रमोद कुमार ने बताया कि फरार होने की फुटेज पुलिस के पास है और मामले की विस्तृत जांच हो रही है।
वहीं होटल के चार अन्य कमरों से मिली युवतियों को हिरासत में लेकर प्राथमिक पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने बताया कि हिरासत में ली गई चारों युवतियाँ — तीन कोलकाता तथा एक दिल्ली की निवासी हैं। हिरासत में ली गई युवतियों का कहना है कि वे किसी एजेंट के माध्यम से बुकिंग पर वाराणसी आई थीं और होटल की गाड़ी ने उन्हें रेलवे स्टेशन से रिसीव किया था। उनके अनुसार वे सभी देव दीपावली तक वाराणसी में ठहरीं रहना चाहती थीं। इन युवतियों ने पुलिस को बताया कि 2 नवंबर को और कुछ विदेशी युवतियाँ आने वाली थीं।
नेटवर्क की झलक —ऑनलाइन बुकिंग व एडवांस पेमेंट
पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आया है कि होटल में देशी और विदेशी ग्राहकों के लिए ऑन-डिमांड युवतियों को उपलब्ध कराने का कथित नेटवर्क संचालित था। पुलिस के अनुसार ग्राहक ऑनलाइन बुकिंग करते थे और लगभग 70 प्रतिशत भुगतान एडवांस में लिया जाता था। फोरेंसिक टीम को बुलाकर कमरे-कमरे से फिंगरप्रिंट सैंपल, अन्य साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज जब्त किए जा रहे हैं ताकि विदेशी युवतियों की पहचान और वीजा संबंधी जानकारी जुटाई जा सके।
होटल संचालन व जिम्मेदारियों का नक्शा
पुलिस की जांच में होटल की संपत्ति और संचालन का निम्न क्रम सामने आया है —
• होटल की मुख्य संपत्ति के मालिक बताये गये सुमित शरीन हैं, जिन्होंने होटल का एग्रीमेंट दशमीत सिंह से किया था।
• इसके बाद होटल को किराये पर अमन राय को दिया गया, जिन्होंने OYO के साथ टाई-अप कर इसे “शरीन इन — टाउन सिटी” के नाम से संचालित किया।
• बाद में संचालन की जिम्मेदारी पीयूष जायसवाल को सौंपी गई, जिन्होंने गाजीपुर निवासी उमेश यादव को मैनेजर नियुक्त किया। छापेमारी के दौरान पुलिस के अनुसार श्री उमेश यादव मौके से फरार हो गए हैं और उनकी तलाश जारी है।
• इसके अतिरिक्त ट्रैवल डेस्क संचालक शिवम शर्मा समेत कुल पाँच लोगों के खिलाफ एसीपी कैंट की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी है — पुलिस ने बताया कि संबंधित नामों एवं क्रम से शिकायत व साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ायी जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई — होटल सीलिंग व आगे की योजनाएँ
पुलिस ने होटल को अस्थायी रूप से सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी है और मामले की गहन जांच चल रही है। एडीसीपी नीतू कादयान ने मीडिया को बताया कि “होटल में लंबे समय से अनैतिक गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। प्रारंभिक जांच में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। विदेशी युवतियों की पहचान और उनके नेटवर्क का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। होटल संचालक और संबंधित एजेंटों की भूमिका की गहन जांच की जा रही है।” डीसीपी प्रमोद कुमार ने स्पष्ट किया कि फरार रशियन युवतियों की पहचान व उनकी वीजा-प्रवेश से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए फोरेंसिक व साइबर टीम की सहायता ली जा रही है।
पुलिस के पास मौजूद सबूत और आगे की प्रक्रिया
• पुलिस ने फोरेंसिक टीम बुलाकर कमरों से फिंगरप्रिंट सैंपल व अन्य संभव डिजिटल तथा भौतिक साक्ष्य संकलित किए हैं।
• होटल के रिसेप्शन व सीसीटीवी फुटेज, आगमन-लॉग, गेस्ट-बुक तथा बुकिंग रसीदों की जांच की जा रही है।
• एजेंटों के मोबाइल नंबर, बैंक ट्रांज़ैक्शन और एडवांस भुगतान के रिकॉर्ड ट्रेस करने के निर्देश दिए गए हैं।
• फरार व्यक्तियों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए पुलिस स्थानीय और पड़ोसी जिलों के साथ समन्वय कर रही है तथा आवश्यकता पड़ने पर सीमा पार सहयोग के विकल्प भी देखे जा रहे हैं (यदि विदेशी भागीदारों के साथ कोई इंटर-नैशनल संपर्क जुड़ा हुआ मिले तो) — फिलहाल यह प्राथमिक आरोपों व जांच का दायरा है।
पुलिस का रुख और कानूनी स्थिति
पुलिस का कहना है कि छापेमारी में मिले संकेतों के आधार पर आरोपों की पुष्टि व आरोपितों के खिलाफ आवश्यक कानूनी धाराएँ लागू की जाएँगी। अभी तक गिरफ्तारी (उद्धरण: छापेमारी के समय फरार) और FIR दर्ज करने की प्रक्रिया प्रशासन ने आरम्भ कर दी है। किसी भी आरोप को कानूनी रूप से स्थापित करने के लिए कोर्ट में प्रस्तुत साक्ष्यों की आवश्यकता होगी। पुलिस ने मीडिया को आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष व विस्तार से की जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।