दीपावली का पर्व रोशनी और उल्लास का प्रतीक है, लेकिन पटाखों से उत्पन्न धुआं और प्रदूषण कई लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकता है। ब्रेथ ईज़ी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, अस्सी, वाराणसी के वरिष्ठ श्वांस, टीबी एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ एस.के. पाठक ने इस अवसर पर एक महत्वपूर्ण संदेश जारी किया है। डॉ० पाठक ने बताया कि “सबसे ज्यादा खतरा होता हैं अस्थमा, सीओपीडी, टीबी और फेफड़ों के मरीजों को, बच्चों और बुज़ुर्गों को, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, गर्भवती महिलाओं को, क्योंकि धुएं में मौजूद रसायन भ्रूण को प्रभावित कर सकते हैं I”
आगे डॉ० पाठक ने बताया कि “धुएं का असर फेफड़ों पर पड़ता हैं, जिससे तत्काल प्रभाव में खांसी, घरघराहट, सांस फूलना, आंखों में जलन और दीर्घकालिक प्रभाव में फेफड़ों की कार्यक्षमता में गिरावट, संक्रमण का खतरा, एलर्जी और ब्रोंकाइटिस की समस्या हो जाती हैं I दीपावली पर पटाखों से परहेज़ करें, खासकर अगर आपको सांस की कोई बीमारी है। बच्चों और बुज़ुर्गों को सुरक्षित रखें। मास्क पहनें, इनहेलर साथ रखें और घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें। अगर सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योकिं प्रदूषण का स्तर दीपावली पर बढ़ जाता हैं, जिसमे वायु प्रदूषण में 200% तक की वृद्धि देखी जाती है, PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण वायुमार्ग को नुकसान पहुँचाते हैं I”
अंत में डॉ० पाठक ने कहा कि ब्रेथ ईजी द्वारा मरीजों के लिए 24x7 आपातकालीन श्वसन सेवा उपलब्ध हैं जिसमे फेफड़ा रोग विशेषज्ञों की टीम, नवीनतम डायग्नोस्टिक सुविधाएं एक ही छत के नीचे कम समय व कम खर्च में उपलब्ध हैं I