वाराणसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के सातो महुआ स्थित बनारस फायर वर्क्स के गोदाम पर पुलिस और प्रशासनिक टीम ने छापेमारी की। यह कार्रवाई डीसीपी गोमती जोन, एसीपी बड़ागांव और एसएचओ बड़ागांव की टीम द्वारा मानक से अधिक पटाखों के भंडारण की सूचना के आधार पर की गई। बता दें कि बनारस फायर वर्क्स का लाइसेंस मो. सलमान के नाम से जारी है, जो कि भाजपा के वरिष्ठ और प्रतिष्ठित नेता मो. आसिफ उर्फ "पटाखा वाले" के पुत्र हैं। जानकारी के अनुसार, हाल ही में थाना चौक अंतर्गत नया चौक मोहल्ले में स्थित मो. आसिफ की दुकान और मकान पर भी छापेमारी हुई थी, जिसमें पुलिस ने लगभग 300 किलो पटाखा सामग्री जब्त की थी और उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि मो. सलमान ही बनारस फायर वर्क्स के लाइसेंसधारी हैं, लेकिन छापेमारी के बाद उनके विरुद्ध कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उनके पिता मो. आसिफ को आरोपित बनाया गया है। यह सवाल उठ रहा है कि जब माल का स्वामित्व पुत्र के नाम पर है, तो केवल पिता पर कार्रवाई क्यों की गई?
सूत्रों की मानें तो मो. आसिफ पर पूर्व में भी अवैध पटाखा भंडारण के कई मामले दर्ज हैं। इस कारण उनके नाम पर लाइसेंस मिलना संभव नहीं था। आरोप है कि उन्होंने बेटे के नाम पर लाइसेंस प्राप्त किया और दावा किया कि दोनों के बीच कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है। लेकिन लाइसेंस मिलते ही बनारस के हड़हासराय, दालमंडी, नई सड़क जैसे क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार कर धड़ल्ले से कारोबार शुरू कर दिया गया।
इसी कारण स्थानीय पटाखा कारोबारी उनके खिलाफ मुखर हो गए। कहा जा रहा है कि इन्हीं विरोधियों की शिकायत पर पहले चौक स्थित प्रतिष्ठान पर छापा पड़ा और अब बड़ागांव गोदाम में भी छापेमारी हुई।
छापे के बाद जब मो. आसिफ की मदद के लिए वाराणसी व्यापार मंडल के लोकप्रिय अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा चौक थाने पहुंचे, तब भी पुलिस ने कोई सहायता नहीं दी। यह भी उल्लेखनीय है कि मो. आसिफ न्यू बनारस व्यापार समिति के संरक्षक हैं और भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से उनके करीबी संबंध रहे हैं। बावजूद इसके, इस बार पार्टी के किसी बड़े नेता ने उनका खुलकर समर्थन नहीं किया।
यह पूरा घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि योगी सरकार में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई तय है, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित क्यों न हों। मो. आसिफ पर अब यह जिम्मेदारी है कि वे अपने ऊपर लगे अवैध व्यापार के दाग को साफ करें और अपने बेटे के नाम से प्राप्त लाइसेंस का उपयोग नियमों के तहत करें।
दीपावली जैसे पावन पर्व पर जब पूरा देश उजाले और उत्सव में डूबा होता है, तब पटाखों की अहम भूमिका होती है। लेकिन सुरक्षा और वैधता उतनी ही जरूरी है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि मो. आसिफ और उनका परिवार अब पूरी ईमानदारी और जवाबदेही के साथ कारोबार करेंगे। क्योंकि योगी सरकार में कोई भी गलत करने वाला नेता किसी भी कीमत पर बच नहीं सकता।