भाजपा नेता और व्यापार मंडल के संरक्षक हैं अवैध पटाखा कारोबारी हैं आसिफ
वाराणसी के थाना चौक क्षेत्र में त्योहारों के मद्देनज़र चलाए जा रहे विशेष चेकिंग अभियान के तहत एक बड़ी कार्रवाई सामने आई है। थाना चौक पुलिस ने नया चौक इलाके में एक मकान पर दबिश देकर 306 किलोग्राम अवैध पटाखे बरामद किए हैं। यह कार्रवाई चौकी प्रभारी दालमंडी के नेतृत्व में की गई, जिसमें पुलिस टीम में उपनिरीक्षक यशवंत सिंह, महिला उपनिरीक्षक मानसी वर्मा, उपनिरीक्षक शुभम शर्मा, मुख्य आरक्षी अरविन्द कुमार यादव और महिला आरक्षी श्वेता सिंह शामिल रहे।
बता दें कि शेख आसिफ भाजपा नेता है जिनके घर की दीवारों पर प्रधानमंत्री मोदी से सभी बड़े नेताओं के साथ तस्वीर सजी हुई हैं, और इनपर लगभग आधा दर्जन बार अवैध पटाखों के भंडारण को लेकर इनके ऊपर मुकदमा कायम हो चुका है। क्षेत्र में इन्हें लोग भाजपा नेता कम आसिफ पटाखा वाले के नाम से ज्यादा जानते हैं
बताते चलें कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि नया चौक स्थित मकान संख्या CK-46/76 में भारी मात्रा में अवैध पटाखों का भंडारण किया गया है। यह मकान शेख मोहम्मद आसिफ पुत्र स्वर्गीय अहमद अली का है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम ने तत्काल दबिश दी। जैसे ही टीम मकान के करीब पहुंची, दो व्यक्ति—नन्ने और विशाल—मौके से फरार हो गए। पुलिस ने मकान की तलाशी ली तो 9 बोरियों और 1 गत्ते में भरकर रखे गए भारी मात्रा में पटाखे बरामद हुए।
बरामद पटाखों में GINNY ELECTRIC SPARKLERS, AKASH COLOURED SPARKLERS, SIKHA COLOURED SPARKLERS, SPECIAL FOUNTAIN, BIJLI CRACKERS, CHOCO 12 SHOT, BABY ROCKET, CREATIVE 30 SHOTS, DIAMOND 3 IN ONE, DEFINETLY 30 SHOTS, SILVER RAIN TORCHES, FLOWER POTS SUPER, MEGA FLASH, REEMAA BABY ROCKET, GROUND CRACKERS BIG और अन्य ब्रांड शामिल थे। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक तराजू से सभी बोरियों और गत्ते का वजन कराकर पुष्टि की कि कुल मात्रा 306 किलोग्राम है।
नमूने के तौर पर लगभग 5 किलोग्राम पटाखे अलग कर सील किए गए, जबकि बाकी पटाखों को कब्जे में लेकर थाना चौक परिसर में सुरक्षित रखवाया गया। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि फरार आरोपी नन्ने और विशाल, शेख मोहम्मद आसिफ के कर्मचारी हैं और सभी मिलकर इन पटाखों को बेचने की तैयारी में थे। कार्यवाही के दौरान शेख मोहम्मद आसिफ मौके पर नहीं मिले, जिन्हें अब तलब कर आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
बरामदगी के समय आरोपी का भाई शाहिद उर्फ छोटू मौके पर पहुंचा, जिसे मकान और दुकान की सुपुर्दगी दी गई। स्थानीय जनता भी मौके पर एकत्र हुई, लेकिन कोई भी व्यक्ति गवाही देने के लिए आगे नहीं आया।
पुलिस ने इस पूरी कार्यवाही को सर्वोच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंजाम दिया। बरामदगी की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई तथा मौके की कार्रवाई को मोबाइल पर टाइप कर थाने में प्रिंट कराकर दस्तावेजी रूप दिया गया।
पुलिस के अनुसार रिहायशी इलाके में इस तरह का विस्फोटक भंडारण बेहद खतरनाक है और मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करता है। इस कृत्य को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 287 और विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 9(ख) के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना गया है। फिलहाल, बरामद पटाखों को सुरक्षित रख लिया गया है और फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।