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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दो दिवसीय भारत इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन



 18/Sep/25

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) स्थित स्वतंत्रता भवन में दो दिवसीय भारत इनोवेशन कॉन्क्लेव 2025 का भव्य आयोजन किया गया। देश में नवाचार और उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को नई दिशा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कॉन्क्लेव में अटल इनक्यूबेशन सेंटर - BHU (AIC-BHU) ने अपनी सातवीं वर्षगांठ भी पूरे उत्साह के साथ मनाई।

कॉन्क्लेव में 200 से अधिक स्टार्टअप्स, 52 प्रदर्शनी बूथ, 850 प्रतिभागी, 6 वैश्विक निवेशक और 10 नीति निर्माता शामिल हुए। इसमें फिनटेक, कृषि, पर्यटन एवं संस्कृति, फूडटेक, हेल्थटेक, क्लीनटेक और रचनात्मक उद्योगों से जुड़े नवाचारों को मंच प्रदान किया गया।

उद्घाटन सत्र में BHU के कुलपति अजित कुमार चतुर्वेदी ने अध्यक्षीय संबोधन देते हुए इसे "भारत की उद्यमिता भावना का उत्सव" बताया। गौरव मोटवानी, मुख्य प्रबंधक, NSE मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने NSE EMERGE जैसे प्लेटफॉर्म की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की नवाचार यात्रा का ऐतिहासिक मोड़ है।

अशीष बाजपेयी, निदेशक, Institute of Management Studies, BHU ने स्वागत भाषण दिया, जबकि पी.वी. राजीव (पीआईसी, AIC-BHU) ने संस्था की 160+ स्टार्टअप्स को दी गई सहायता का उल्लेख किया। राजकिरण प्रभाकर (अध्यक्ष, BIC) ने कॉन्क्लेव के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन सुजीत कुमार दुबे (डीन, Faculty of Management Studies, BHU) ने प्रस्तुत किया।

इस आयोजन का समन्वय अनिंदिता चक्रवर्ती (वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर, IM-BHU) ने किया। इसके संचालन में नंद लाल, परिषा मालू, श्रेया महर्षि और पंकज कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

उद्घाटन समारोह में मदन मोहन मालवीय जी को पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा BHU के छात्रों ने कुलगीत और समापन पर राष्ट्रगान प्रस्तुत किया।

कॉन्क्लेव ने यह संदेश दिया कि नवाचार अब केवल तकनीक तक सीमित नहीं, बल्कि यह समावेशी, जनकल्याणकारी और सतत आर्थिक विकास का माध्यम बन चुका है। आयोजन ने भारत को रचनात्मकता, तकनीक और स्थिरता का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है।


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