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राष्ट्रभाषा की अवधारणा एक देश की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान को दर्शाती है : डॉ.अशोक राय



 14/Sep/25

हिंदी दिवस पर विशेष
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वाराणसी।  संस्कृत से हिंदी भाषा का उदय एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रक्रिया है, जिसमें कई शताब्दियों का समय लगा है। संस्कृत, जो कि एक प्राचीन और समृद्ध भाषा है, हिंदी ने भाषा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उक्त जानकारी बातचीत के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता चिकित्सा प्रकोष्ठ के क्षेत्र संयोजक डा॰अशोक राय ने दी। 
डॉ. राय ने बताया कि संस्कृत: हिंदी की जननी संस्कृत को हिंदी की जननी माना जा सकता है, क्योंकि हिंदी भाषा का विकास संस्कृत से ही हुआ है। संस्कृत की समृद्धि और विविधता ने हिंदी को भी समृद्ध बनाया है। संस्कृत के शब्द, व्याकरण और साहित्य ने हिंदी भाषा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
 हिंदी का विकास एक धीमी और क्रमिक प्रक्रिया है, जिसमें कई शताब्दियों का समय लगा है। हिंदी भाषा का विकास संस्कृत से शुरू हुआ और फिर प्राकृत, अपभ्रंश और अंत में हिंदी के रूप में विकसित हुई। इस प्रक्रिया में हिंदी ने कई अन्य भाषाओं के शब्दों और प्रभावों को भी आत्मसात किया है।
 संस्कृत का प्रभाव हिंदी भाषा पर बहुत गहरा है। हिंदी के कई शब्द संस्कृत से लिए गए हैं और हिंदी की व्याकरण भी संस्कृत से प्रभावित है। संस्कृत के साहित्य और कला ने भी हिंदी साहित्य और कला को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डॉ. अशोक राय ने कहा कि  हिंदी दिवस के अवसर पर हमें हिंदी भाषा के महत्व और इसके योगदान को समझने का अवसर मिलता है। हिंदी न केवल भारत की एक प्रमुख भाषा है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, संस्कार और भारतीयता का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
हिन्दी भाषा के विभिन्न विकास के साथ हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाए जाना चाहिए। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी का विश्वविद्यालय स्तर बढ़ेगा।और हम मिलकर इस दिशा में प्रयास करें। साथ ही एक भाव से संकल्पित वातावरण निर्मित करें। राष्ट्रभाषा की अवधारणा एक देश की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय पहचान को दर्शाती है। भारत में विविधता और बहुभाषिता को सम्मान देने के लिए, संविधान में कई भाषाओं को मान्यता दी गई है, जिनमें से हिन्दी राजभाषा के रूप में प्रमुख है। 
डॉ. राय ने कहा कि भारत में हिंदी का प्रभाव बहुत व्यापक है। यह भाषा देश के अधिकांश हिस्सों में बोली और समझी जाती है। हिंदी ने भारतीय समाज को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। विश्व में हिंदी का प्रभाव भी बढ़ रहा है। विदेशों में हिंदी भाषा के प्रति रुचि बढ़ रही है और कई विश्वविद्यालयों में हिंदी विभाग खोले जा रहे हैं। हिंदी साहित्य और फिल्मों ने विश्वभर में अपनी पहचान बनाई है और यह भाषा अब वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
भारतीय संस्कृति, संस्कार और भारतीयता में हिंदी का योगदान हिंदी ने भारतीय संस्कृति, संस्कार और भारतीयता को संरक्षित और प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भाषा हमारी सांस्कृतिक विरासत को पीढ़ियों से आगे बढ़ाने का माध्यम है।


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