प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी में मॉरीशस के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए भारत-मॉरीशस संबंधों को आत्मिक और पारिवारिक बताया। उन्होंने कहा, “चिर काल से काशी भारत की सभ्यता और सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक रही है। हमारी संस्कृति और संस्कार, सदियों पहले भारत से मॉरीशस पहुँचे, और वहाँ की जीवन-धारा में रच-बस गए।”
प्रधानमंत्री ने ज़ोर दिया कि भारत और मॉरीशस सिर्फ़ कूटनीतिक साझेदार नहीं हैं, बल्कि “एक आत्मिक मिलन” का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा, “मैं गर्व से कहता हूँ कि भारत और मॉरीशस सिर्फ़ भागीदार नहीं, बल्कि एक परिवार हैं।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि मार्च में मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में भागीदारी के दौरान दोनों देशों ने अपने संबंधों को ‘Enhanced Strategic Partnership’ (बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी) का दर्जा दिया था। काशी में हुई बैठक में द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श हुआ।
प्रधानमंत्री ने चागोस समझौता संपन्न होने पर प्रधानमंत्री रामगुलाम और मॉरीशस की जनता को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह मॉरीशस की संप्रभुता की ऐतिहासिक जीत है और भारत हमेशा से उपनिवेशवाद और मॉरीशस की पूर्ण संप्रभुता के समर्थन में खड़ा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने मॉरीशस की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए एक विशेष आर्थिक पैकेज पर निर्णय लिया है। इस पैकेज से इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे और स्वास्थ्य सेवाओं को बल मिलेगा।
उन्होंने बताया कि भारत के बाहर पहला जनऔषधि केंद्र अब मॉरीशस में खुल चुका है। साथ ही, भारत मॉरीशस में AYUSH Centre of Excellence, 500-बेड का सर शिवसागर रामगुलाम नेशनल हॉस्पिटल और एक पशु चिकित्सा विद्यालय और पशु अस्पताल की स्थापना में सहयोग करेगा।
इसके अलावा चागोस मरीन प्रोटेक्टेड एरिया, SSR इंटरनेशनल एयरपोर्ट का ATC टावर, और हाईवे व रिंग रोड के विस्तार जैसी परियोजनाओं को भी आगे बढ़ाया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह पैकेज कोई सहायता नहीं है। यह हमारे साझा भविष्य में एक निवेश है।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि मॉरीशस में UPI और RuPay कार्ड की शुरुआत के बाद अब स्थानीय मुद्रा में व्यापार को सक्षम करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। ऊर्जा सुरक्षा में भारत की साझेदारी को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत 100 इलेक्ट्रिक बसें मॉरीशस को देगा, जिनमें से 10 पहुँच चुकी हैं।
तमारिंड फाल्स में 17.5 मेगावॉट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट के निर्माण में भी भारत सहयोग करेगा।
मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में, अब तक 5000 से अधिक मॉरीशस के नागरिक भारत में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। मार्च में तय किए गए 500 सिविल सेवकों की ट्रेनिंग में से पहला बैच इस समय मसूरी में प्रशिक्षण ले रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि मॉरीशस में एक नया विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय स्थापित किया जाएगा, और मिशन कर्मयोगी के ट्रेनिंग मॉड्यूल्स भी जल्द शुरू होंगे।
IIT मद्रास और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने यूनिवर्सिटी ऑफ मॉरीशस के साथ समझौते किए हैं, जिससे रिसर्च, शिक्षा और नवाचार में साझेदारी और गहरी होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि “मुक्त, खुला, सुरक्षित, स्थिर, और समृद्ध हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है।” भारत ने मॉरीशस के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा और समुद्री क्षमता को मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
मॉरीशस के कोस्ट गार्ड शिप का साजोसामान भारत में किया जा रहा है और 120 अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। आज हाइड्रोग्राफी सहयोग पर समझौता हुआ है, जिसके तहत अगले पाँच वर्षों तक संयुक्त EEZ सर्वे, नेविगेशन चार्ट और हाइड्रोग्राफिक डेटा पर सहयोग किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत और मॉरीशस दो राष्ट्र हैं, लेकिन हमारे सपने और नियति एक हैं।”
उन्होंने मॉरीशस के राष्ट्रपिता सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उन्हें भारत-मॉरीशस संबंधों का अटूट सेतु बताया।