तत्कालीन नगर आयुक्त ने वर्ष 2004 में दर्ज कराया था मुकदमा
वाराणसी। 21 वर्ष पूर्व नगर निगम में सदन की बैठक के दौरान बलवा व मारपीट के मामले में आरोपित पूर्व उपसभापति, वर्तमान पार्षद व पूर्व पार्षदों को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मनीष कुमार की अदालत ने सोनारपुरा निवासी पूर्व उप सभापति शैलेंद्र यादव उर्फ बिल्लू, वर्तमान पार्षद राजेश कुमार यादव उर्फ चल्लू, पूर्व पार्षदगण ओमप्रकाश सिंह एवं भरत लाल को आरोप सिद्ध न होने पर संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, बृजपाल सिंह यादव गुड्डू, नरेश यादव व संदीप यादव ने पक्ष रखा।
✨प्रकरण के अनुसार तत्कालीन नगर आयुक्त लालजी राय ने सिगरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि 18 अक्टूबर 2004 को अपराह्न 3 बजे नगर निगम की कार्यकारिणी समिति की बैठक चल रही थी। जिसमें महापौर सहित कार्यकारिणी समिति के सदस्य भी उपस्थित थे। साथ ही बैठक में वादी भी नगर आयुक्त के रूप में और उसके साथ उप नगर आयुक्त केएन राय, सुभाष पाण्डेय, सतीश चन्द्र मिश्र, रमेश चन्द्र सिंह, सहायक नगर आयुक्त आदि भी मौजूद थे और सरकारी कार्य कर रहे थे। इस बीच पहले से सुनियोजित ढंग से कुछ लोग बैठक में हंगामा करने और गाली गलौज देने लगे। साथ ही बाहर से भी कुछ लोग वहां घुस आए और धमकी देने लगे कि नगर आयुक्त हमलोगों का ठीका आदि कार्य बन्द कर रहे है और हमारी बात नहीं सुन रहे है। इनको जान से मार दो। जब उनके और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा विरोध किया तो हंगामा करने वालों में शामिल मंगल प्रजापति, शैलेन्द्र यादव, ओपी सिंह, नईम अहमद, भरत लाल, शम्भूनाथ बाटुल, मुरारी यादव, राजेश कुमार यादव आदि सभासदों ने अपने 7-8 अज्ञात साथियों के साथ मिलकर कार्यकारिणी कक्ष के दरवाजे को अन्दर से बन्द कर दिया और अपने साथियों से सभी को जान से खत्म करने के लिए ललकारने लगे। जिसके बाद सभी हमलावर अपने अन्य अज्ञात साथियों के साथ मिलकर नगर आयुक्त वी अन्य अधीनस्थ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ऊपर लात-मुक्का चलाते हुए ढकेल दिया। जिस पर एक अधिकारी की अंगुली में भी काफी चोटें आई। साथ ही उनलोगो ने सभागार में तोड़फोड़ करने के साथ ही काफी हंगामा किया। इस मामले में विवेचना के दौरान पूर्व उपसभापति शैलेंद्र यादव उर्फ बिल्लू, वर्तमान पार्षद राजेश कुमार यादव, पूर्व पार्षद मंगल प्रजापति, ओमप्रकाश सिंह, नईम अहमद, भरत लाल, शंभू नाथ व मुरारी यादव का नाम प्रकाश में आने पर पुलिस ने उसे आरोपित बनाया गया था। अदालत में सुनवाई के दौरान पूर्व पार्षद मंगल प्रजापति, शंभूनाथ बाटुल व मुरारी यादव की मृत्यु हो जाने के चलते उनके खिलाफ सुनवाई समाप्त कर दी गई थी। जबकि अन्य को आरोप सिद्ध न होने पर दोषमुक्त कर दिया।