प्रदेश के सबसे प्रतिष्ठित सनबीम शिक्षण समूह शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकों के बहुमुखी उन्नति के प्रति निरंतर अभिनव प्रयास करता रहता है और इसी क्रम में शिक्षक दिवस के अवसर पर सबसे प्रतिष्ठित आई एम सनबीम पुरस्कार सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
वाराणसी ज़िले के सनबीम भगवानपुर , अन्नपूर्णा , लहरतारा , वरुणा , सारनाथ , सनसिटी , इंदिरानगर, सनबीम इंटरनेशनल वरुणा , सनबीम कॉलेज फॉर वीमेन भगवानपुर एवं सनबीम विमेंस कॉलेज वरुणा के सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाओं के प्रोत्साहन एवं उनके अध्यापन यात्रा को सम्मान प्रदान करने के लिए "आई एम सनबीम" जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार का आरम्भ दो वर्ष पहले किया गया। इस पुरस्कार के चयन एवं प्रदान करने की प्रक्रिया कई स्तरों से होकर गुज़रती है जिसमे देश भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविद, पुरस्कार के लिए आवेदक शिक्षकों के अनुभव एवं उनके काबिलियत का आंकलन करने के बाद ही उन्हें पुरस्कार प्रदान करते है। उसके बाद एक भव्य समारोह में सनबीम शिक्षण समूह के बोर्ड मेंबर्स एवं मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
इस सम्मान समारोह का यह तीसरा वर्ष है जिसमे विद्यालय एवं कॉलेज समेत 10 शाखाओं से 200 से भी अधिक शिक्षकों ने पुरस्कार के लिए आवेदन पत्र भरा था। आवेदक शिक्षकों की काबिलियत को लिखित के साथ साथ साक्षात्कार के माध्यम से भी आंका जाता ह। देशभर के प्रतिष्ठित 26 शिक्षाविदों के ज्यूरी पैनल ने इनमे से 57 शिक्षकों को यह पुरस्कार 19 विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किया ।
ज़ीस्टा एजुकेशन के सीईओ आनंद कृष्णा स्वामी, बाल भारती पब्लिक स्कूल नॉएडा की प्रिंसिपल आशा प्रभाकर, शिक्षाविद डॉ अशोक पांडेय, टिंकर विलेज के कोफाउंडर बालाजी रामानुजन, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के डॉ माधव देव सारस्वत, राजमाता कृष्णकुमारी गर्ल्स कॉलेज जोधपुर की प्रिंसिपल नीरा सिंह, मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल अजमेर की प्रिंसिपल निति भल्ला सैनी, आई०पी०एस०सी० की अध्यक्ष एवं सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी निशि मिश्रा, नारायण स्कूल्ज ऑफ़ ग्रुप के निदेशक कर्नल सत्य राव, सैन्य एवं शौर्य शिक्षाविद लेफ्टिनेंट कर्नल ए० शेखर , मेयो कॉलेज अजमेर के पूर्व निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुरेंद्र कुलकर्णी, सिनेमाविद एंड शिक्षाविद सैयद सुल्तान अहमद , साउथ एशिया की कैंब्रिज एम्बेसडर एवं रॉकवुड्स इंटरनेशनल स्कूल उदयपुर प्रिंसिपल डॉ वसुधा नीलमणि, अराइज़ इंडिया के महानिदेशक एवं सीईओ विनेश मेनन जैसे 26 प्रतिष्ठित एवं जाने माने शिक्षाविदों ने ज्यूरी पैनल में रहकर पुरस्कार लाभार्थियों का चयन किया।
दिनांक 8 सितम्बर को सनबीम लहरतारा के प्रांगण में भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमे यह सम्मान सभी सम्मानित लाभार्थियों को प्रदान किया गया। इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि, दी मान स्कूल नई दिल्ली के प्रिंसिपल श्रीनिवासन श्रीराम ने शिरकत की। उन्होंने अपने उद्बोधन में शिक्षकों को अनंतकाल तक समाज एवं देश का मुख्य आर्किटेक्ट बताया । उन्होंने कहा कि आप किसी भी प्रोफेशन में जाइये लेकिन उस प्रोफेशन की बिल्डिंग तक आपको पहुंचाने का सिंघद्वार शिक्षक है। शिक्षा और शिक्षक किसी भी देश की उन्नति का सबसे बड़ा कारक और सम्पदा है। इस अवसर पर सनबीम शिक्षण समूह के अध्यक्ष डॉ दीपक मधोक ने इस सम्मान समारोह एवं आई एम सनबीम पुरस्कार को सूबे का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान समारोह बताते हुए कहा कि जो शिक्षक हर परिस्थिति में अडिग होकर अपनी सेवा देते हैं उनको सम्मानित करने का मतलब देश को सम्मानित करना है और इसी लिए हमारा यह प्रयास है कि यह समारोह प्रतिवर्ष और भी गरिमामयी हो। समूह की उपाध्यक्ष श्रीमती भारती मधोक ने कहा कि शिक्षक नीव के पत्थर है जो भले हमेशा दिखते न हो पर उनके होने का महत्व हमेशा अनुभव किया जा सकता है। कोई व्यक्ति कितनी भी प्रतिष्ठित पद पर क्यों न हो वो कभी भी उन शिक्षकों को नहीं भूलता जिन्होंने उसके जीवन को गढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समूह की निदेशिका श्रीमती अमृता बर्मन ने सभी शिक्षकों को राष्ट्र की सबसे बड़ी संपत्ति की संज्ञा प्रदान की। उन्होंने कहा की सनबीम शिक्षण समूह में बच्चों की प्रगति के साथ साथ शिक्षकों की उन्नति एवं उत्साह का भी विशेष ध्यान रखा जाता है और ये हमारी उपलब्धि है कि हमारे शिक्षक हर रोज़ विभिन्न कार्यशालाओं और ऑनलाइन एवं ऑफलाइन ट्रेनिंग कोर्सेज के ज़रिये प्रोफेशनल से साथ साथ व्यक्तिगत रूप में भी निखर रहे हैं।
समूह की सहनिदेशिका श्रीमती प्रतिमा गुप्ता ने "आई एम सनबीम" को सफलता का मानक बताते हुए प्रगतिशील शिक्षकों को बधाई दी। उन्होंने कहा यह पुरस्कार पाने का मतलब शिक्षकों का एक पड़ाव सफलता के साथ पूरा करना हुआ। शिक्षकों पर अब ज़िम्मेदारी दोगुनी हो गई है। अभी तो नापी है मुट्ठी भर ज़मीन, अभी तो सारा आसमान बाकी है - इस सूक्ति को ध्यान में रखकर शिक्षकों को निरंतर आगे बढ़ते रहना होगा।
"आई एम सनबीम" की समन्वयक श्रीमती कामिका ने बताया कि यह प्रयास हर शिक्षक को बेहतर से बेहतरीन बनाने का है जो हमेशा जारी रहेगा।