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थाना बड़ागाँव एवं थाना फूलपुर की संयुक्त पुलिस टीम ने मुठभेड़ में ₹25,000के इनामी कुख्यात गौ-तस्कर गोविन्द सिंह को किया गिरफ्तार



 03/Sep/25

अभियोग संख्या 314/2025, धारा 3/5ए/5बी/8 गोवध निवारण अधिनियम एवं धारा 325 बीएनएस के तहत वांछित अभियुक्त गोविन्द सिंह की तलाश इलेक्ट्रॉनिक एवं मैनुअल सर्विलांस के माध्यम से की जा रही थी। मुखबिर की सूचना पर थाना बड़ागाँव एवं थाना फूलपुर की संयुक्त पुलिस टीम ने आज रामेश्वर के निकट वरुणा पुल के पास दबिश दी। इस दौरान अभियुक्त ने पुलिस टीम पर फायरिंग की, जिसके जवाब में पुलिस द्वारा आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई में अभियुक्त के पैर में गोली लगी। घायल अवस्था में अभियुक्त गोविन्द सिंह पुत्र स्व. सूर्य नारायण सिंह, निवासी कैमूर, बिहार को मौके से गिरफ्तार किया गया, जिसे उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया है।

गोमती ज़ोन में विगत महीनों से गौ-तस्करी के विरुद्ध विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व में थाना बड़ागांव एवं थाना फूलपुर क्षेत्र में हुई दो मुठभेड़ों में दो गौ-तस्कर गिरफ्तार किए जा चुके हैं। उनसे प्राप्त जानकारियों के आधार पर नेटवर्क की गहन जाँच जारी थी। उसी कड़ी में आज की कार्यवाही में बिहार निवासी गोविन्द सिंह की गिरफ्तारी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्त गोविन्द सिंह ने पूछताछ में गौ-तस्करी के अंतर्राज्यीय नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी हैं। यह नेटवर्क पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से लेकर बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है।

  • व्यापारी (पहला स्तर): पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों से गायों को ₹500–600 में खरीदना या चोरी करना और इन्हें बिहार भेजना।
  • व्यापारी (दूसरा स्तर): बिहार के पशु मेलों में इन पशुओं को प्राप्त कर आगे बंगाल भेजना।
  • ट्रांसपोर्टर: पशुओं को ले जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करना।
  • चिंगड़ा: रास्ते से गाड़ियों को पास कराने का ठेका लेना।

गोविन्द सिंह की शुरुआत एक “स्पॉटर” के रूप में हुई थी, अर्थात् यह गाड़ियों के आगे-आगे चलकर पुलिस चेकिंग व नाकों की जानकारी देता था। धीरे-धीरे इसने स्वतंत्र रूप से अवैध पशु परिवहन की व्यवस्था शुरू कर दी और ट्रांसपोर्टर की भूमिका निभाने लगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपना नेटवर्क फैला लिया। इसके द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश से ₹500–600 में खरीदी/चोरी की गई गायें बिहार के मेलों में ₹10,000 तक बेची जाती हैं और बंगाल पहुँचने पर इनकी कीमत और अधिक बढ़ जाती है। उल्लेखनीय है कि उक्त अपराधी का भाई राजू सिंह भी गौ तस्कर है जो पहले से जेल में है।

पूछताछ में इस पूरे नेटवर्क में शामिल कई अपराधियों के नाम सामने आएं हैं जिनके खिलाफ गोमती जोन पुलिस आगे भी कठोर कार्यवाही करेगी।

गोविन्द सिंह पर 9 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं:

  • मु०अ०स० 0314/2025, धारा 3/5ए/5बी/8 गोवध निवारण अधि0 व 325 बीएनएस, थाना बड़ागांव, वाराणसी
  • मु०अ०स० 0121/2025, धारा 3/5ए/5बी/8 गोवध निवारण अधि0, थाना फूलपुर, वाराणसी
  • मु०अ०स० 0292/2024, धारा 3/5ए/5बी/8 गोवध निवारण अधि0, थाना फूलपुर, वाराणसी
  • मु०अ०स० 0151/2024, धारा 3/5/8 गोवध निवारण अधि0, थाना जैतपुरा, कमिश्नरेट वाराणसी
  • मु०अ०स० 0001/2025, धारा 3(1) उ0प्र0 गैंगस्टर एक्ट, थाना जैतपुरा, कमिश्नरेट वाराणसी
  • मु०अ०स० 0216/2024, धारा 3/5ए/8/5 गोवध निवारण अधि0 व 11 पशु क्रूरता अधि0, थाना चन्दौली
  • मु०अ०स० 0044/2023, धारा 3/5ए/8/5 गोवध निवारण अधि0, 11 पशु क्रूरता अधि0, 420/429 भादवि व 4/25 आर्म्स एक्ट, थाना चन्दौली
  • मु०अ०स० 0145/2023, धारा 3/5ए/8/5 गोवध निवारण अधि0 व 11 पशु क्रूरता अधि0, थाना गोपीगंज, जनपद भदोही
  • मु०अ०स० 0196/2024, धारा 3/5ए/8/5 गोवध निवारण अधि0 व 11 पशु क्रूरता अधि0 व 325 बीएनएस, थाना चकिया, चन्दौली

यह स्पष्ट होता है कि गौ-तस्करी का यह नेटवर्क अत्यंत संगठित और लाभकारी है, जिसमें कई स्तरों पर अपराधी शामिल हैं। वाराणसी पुलिस इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। आगे भी ऐसी कार्यवाहियाँ जारी रहेंगी और शेष अपराधियों की गिरफ्तारी कर उनको भी अंजाम तक पहुंचाया जाएगा।

अभियुक्त के कब्जे से एक देसी तमंचा (315 बोर), एक जीवित कारतूस (315 बोर) तथा एक खोखा कारतूस बरामद किया गया।


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