सनातन धर्म में गोहत्या महापाप है। गोहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी यह पाप लगता है इसलिये सत्ता में आकर गोहत्या करने वाले राजनीतिक दलों को मत देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है । हिन्दुओं को इससे बचने और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने की आवश्यकता है । हमारे शास्त्र हमें बताते हैं कि गोमाता सर्वदेवमयी है । इनकी पूजा करने से 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है । इनका स्थान सर्वोपरि है, तभी तो सनातन धर्म में देवता और गुरु के लिए नहीं,अपितु गोमाता के लिए पहली रोटी (गो-ग्रास) निकालने का नियम है।
उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 ने मुम्बई के बोरीवली कोराकेन्द्र में आयोजित गोसंसद् के प्रदेश प्रभारियों की बैठक में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हमारे देश का यह भी गौरवपूर्ण इतिहास रहा है कि चक्रवर्ती सम्राट् दिलीप,भगवान् राम और भगवान् कृष्ण ने भी गोसेवा की है परन्तु बहुसंख्यक गो-पूजक सनातनियों के इस देश में आज गोमाता की हत्या हो रही है, जो हम सबके लिए कलङ्क है । इसी कलङ्क को भारत की भूमि से मिटाने के लिए पूर्व में भी अनेक सन्तों ने गोरक्षा आन्दोलन किया था । तब से अब तक अनेक सरकारें आयीं, लेकिन किसी ने भी गोहत्या बन्दी की उद्घोषणा नहीं की,बल्कि गोहत्या को बढ़ावा ही देती रहीं ।
उन्होंने आगे नारा दिया कि - करें जो गोमाता पर चोट, हम कैसे दें उसको वोट ?
हमारा धर्म हमें यह भी सिखाता है कि यदि हम गलत करने वाले का समर्थन करते हैं,तो हमें भी उस गलत कार्य को करने का पाप भोगना पडता है। यदि कोई सरकार गोहत्या कर रही हो और हम उसे वोट देकर अपना समर्थन देते हैं तो उसके द्वारा किये जा रहे गोहत्या का पाप हमें भी लगेगा। इसीलिए हम गोभक्त सनातनी हिन्दुओं से यह कहना चाहते हैं कि आप गोहत्यारी पार्टियों को अपना अमूल्य वोट देकर गोहत्या के महापाप के भागी न बनें। देश में होने वाले चुनाव में कौन-सी पार्टी कब सत्ता में आयेगी, यह पहले से नहीं कहा जा सकता इसलिए आप सब यह स्पष्ट निर्णय कर लें कि जिस भी पार्टी की सरकार बने, उसे शपथ-ग्रहण करते ही सबसे पहला कार्य गोहत्या बन्द कराकर गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना होगा। आपके द्वार पर जो भी वोट लेने आये,उनसे आप यह कह सकते हैं कि गोहत्या न करने का शपथ-पत्र लिखित रूप से देने पर ही वोट दिया जायेगा, ताकि आपको स्वयं गोहत्या का पाप न लगे।
ज्ञातव्य है कि परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज इस समय मुम्बई में चातुर्मास्य व्रत कर रहे हैं। भाद्रपद पूर्णिमा को सीमोल्लंघन के बाद वे मध्य प्रदेश के परमहंसी गंगा आश्रम में अपने ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव द्विपीठाधीश्वर स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के आराधना महोत्सव के लिए प्रस्थान करेंगे और वहाँ से वे सीधे बिहार के लिए रवाना होंगे।
शङ्कराचार्य जी के आगमन से पहले शङ्कराचार्य जी की गौभक्त सेना पूरे बिहार में गाय के प्रत्याशी को वोट देने को प्रेरित करेगी और जब शङ्कराचार्य जी महाराज का बिहार आगमन होगा तो वे बिहार के हर जिले में दौरा करते हुए गोमतदाता सङ्कल्प सभा को सम्बोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री की मां के लिए बिहार में कहे गए अपशब्द पर भी पूज्यपाद शंकराचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि किसी की भी मां को गाली देना ठीक नहीं, गौमाता का दूध पीएं सभी नेता, जिससे सब की बुद्धि ठीक हो।
उक्त जानकारी शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने दी है।
">बिहार के गौभक्तों तैयार हो जाओ, बिहार चुनाव में गौरक्षा के लिए पड़ेगा सनातनी हिन्दुओं का वोट : शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द
सनातन धर्म में गोहत्या महापाप है। गोहत्या करने वाले को समर्थन देने वाले को भी यह पाप लगता है इसलिये सत्ता में आकर गोहत्या करने वाले राजनीतिक दलों को मत देकर उन्हें सत्ता में लाने वाले मतदाताओं को भी गोहत्या का पाप लग रहा है । हिन्दुओं को इससे बचने और अपने मताधिकार का सही प्रयोग करने की आवश्यकता है । हमारे शास्त्र हमें बताते हैं कि गोमाता सर्वदेवमयी है । इनकी पूजा करने से 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा एक साथ हो जाती है । इनका स्थान सर्वोपरि है, तभी तो सनातन धर्म में देवता और गुरु के लिए नहीं,अपितु गोमाता के लिए पहली रोटी (गो-ग्रास) निकालने का नियम है।
उक्त उद्गार परमाराध्य परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती 1008 ने मुम्बई के बोरीवली कोराकेन्द्र में आयोजित गोसंसद् के प्रदेश प्रभारियों की बैठक में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हमारे देश का यह भी गौरवपूर्ण इतिहास रहा है कि चक्रवर्ती सम्राट् दिलीप,भगवान् राम और भगवान् कृष्ण ने भी गोसेवा की है परन्तु बहुसंख्यक गो-पूजक सनातनियों के इस देश में आज गोमाता की हत्या हो रही है, जो हम सबके लिए कलङ्क है । इसी कलङ्क को भारत की भूमि से मिटाने के लिए पूर्व में भी अनेक सन्तों ने गोरक्षा आन्दोलन किया था । तब से अब तक अनेक सरकारें आयीं, लेकिन किसी ने भी गोहत्या बन्दी की उद्घोषणा नहीं की,बल्कि गोहत्या को बढ़ावा ही देती रहीं ।
उन्होंने आगे नारा दिया कि - करें जो गोमाता पर चोट, हम कैसे दें उसको वोट ?
हमारा धर्म हमें यह भी सिखाता है कि यदि हम गलत करने वाले का समर्थन करते हैं,तो हमें भी उस गलत कार्य को करने का पाप भोगना पडता है। यदि कोई सरकार गोहत्या कर रही हो और हम उसे वोट देकर अपना समर्थन देते हैं तो उसके द्वारा किये जा रहे गोहत्या का पाप हमें भी लगेगा। इसीलिए हम गोभक्त सनातनी हिन्दुओं से यह कहना चाहते हैं कि आप गोहत्यारी पार्टियों को अपना अमूल्य वोट देकर गोहत्या के महापाप के भागी न बनें। देश में होने वाले चुनाव में कौन-सी पार्टी कब सत्ता में आयेगी, यह पहले से नहीं कहा जा सकता इसलिए आप सब यह स्पष्ट निर्णय कर लें कि जिस भी पार्टी की सरकार बने, उसे शपथ-ग्रहण करते ही सबसे पहला कार्य गोहत्या बन्द कराकर गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना होगा। आपके द्वार पर जो भी वोट लेने आये,उनसे आप यह कह सकते हैं कि गोहत्या न करने का शपथ-पत्र लिखित रूप से देने पर ही वोट दिया जायेगा, ताकि आपको स्वयं गोहत्या का पाप न लगे।
ज्ञातव्य है कि परमाराध्य शङ्कराचार्य जी महाराज इस समय मुम्बई में चातुर्मास्य व्रत कर रहे हैं। भाद्रपद पूर्णिमा को सीमोल्लंघन के बाद वे मध्य प्रदेश के परमहंसी गंगा आश्रम में अपने ब्रह्मलीन सद्गुरुदेव द्विपीठाधीश्वर स्वामी श्री स्वरूपानन्द सरस्वती जी महाराज के आराधना महोत्सव के लिए प्रस्थान करेंगे और वहाँ से वे सीधे बिहार के लिए रवाना होंगे।
शङ्कराचार्य जी के आगमन से पहले शङ्कराचार्य जी की गौभक्त सेना पूरे बिहार में गाय के प्रत्याशी को वोट देने को प्रेरित करेगी और जब शङ्कराचार्य जी महाराज का बिहार आगमन होगा तो वे बिहार के हर जिले में दौरा करते हुए गोमतदाता सङ्कल्प सभा को सम्बोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री की मां के लिए बिहार में कहे गए अपशब्द पर भी पूज्यपाद शंकराचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुआ कहा कि किसी की भी मां को गाली देना ठीक नहीं, गौमाता का दूध पीएं सभी नेता, जिससे सब की बुद्धि ठीक हो।
उक्त जानकारी शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने दी है।