वाराणसी। साइबर क्राइम वाराणसी की टीम को बड़ी सफलता मिली है। फर्जी ट्राई और सीबीआई अधिकारी बनकर एक नागरिक से 49 लाख 40 हजार रुपये की साइबर ठगी करने वाले दो अंतरराज्यीय शातिर अपराधियों को मध्य प्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके कब्जे से बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की है।
थाना सिगरा क्षेत्र के महमूरगंज निवासी सुभाष चंद्रा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर 11 मई 2025 को मुकदमा दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने उन्हें गिरफ्तारी का भय दिखाकर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से "डिजिटल अरेस्ट" कर लिया और कथित RBI खातों में रकम जमा करवाकर धोखाधड़ी की।
उक्त प्रकरण के दृष्टिगत पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, डीसीपी अपराध सरवणन टी, एडीसीपी साइबर क्राइम नीतू कादयान, और एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना के निर्देशन में व निरीक्षक गोपाल जी कुशवाहा के अगुवाई में टीम का गठन कर उक्त घटना के अनावरण हेतु निर्देशित किया गया।
अपराध करने का तरीका: अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर पीड़ित को विश्वास में लेते थे। फर्जी डिजिटल हस्ताक्षरित दस्तावेजों के जरिए उन्हें धमकाते थे और उनके पैसे तथाकथित जांच खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे। इसके बाद विभिन्न बैंक खातों के जरिए रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर बाहर निकालते थे।
गिरफ्तार दोनों आरोपी, अभिलाष श्रीवास्तव पुत्र सुनील श्रीवास्तव, गली नं. 01, वार्ड नं. 26, सुदामापुरी, थाना मुरार, जिला ग्वालियर, मध्य प्रदेश व समीर राणा पुत्र नारायण सिंह राणा, ग्राम धगौरी, पोस्ट मौ, थाना मौ, जिला भिंड, मध्य प्रदेश के रहने वाले है।
दोनों आरोपियों के पास से 21 बैंक पासबुक, 15 एटीएम कार्ड, 19 चेक बुक, 1 एंड्रॉयड मोबाइल, 12 सिम कार्ड, ₹1,10,500 नकद, 3 अकाउंट ओपनिंग फॉर्म और 1 लेखा-जोखा डायरी बरामद के गई हैं।
गिरफ्तारी करने वाली टीम में निरीक्षक गोपाल जी कुशवाहा, उपनिरीक्षक संजीव कनौजिया, सहायक उपनिरीक्षक/कम्प्यूटर ऑपरेटर ग्रेड-B श्यामलाल गुप्ता, कांस्टेबल पृथ्वीराज सिंह, कांस्टेबल अंकित प्रजापति एवं थाना साइबर क्राइम वाराणसी के अन्य समस्त कर्मचारीगण शामिल रहे।