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विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर मैदान में मुख्य समारोह आयोजित किया गया, जहां कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने ध्वजारोहण किया। अपने संबोधन में कुलपति जी ने बीएचयू समुदाय के कल्याण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
प्रोफेसर चतुर्वेदी ने कहा कि हमारा वर्तमान हमारे संस्थापकों की महान विरासत का ऋणी है, जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए। उन्होंने कहा, “हमें इस विरासत से प्रेरणा लेते हुए यह संकल्प करना चाहिए कि देश और उसके हित हमारे लिए सर्वोपरि रहेंगे।” कुलपति ने कहा कि हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को मातृभूमि के प्रति अपने प्रेम ने एकजुट किया था, और उनके लिए न क्षेत्र, न धर्म, न भाषा - कुछ भी मायने नहीं रखता था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हम भारतीय हैं और यही हमारी सच्ची पहचान है, बाकी सब गौण है।”
बीएचयू समुदाय को अपने संदेश में कुलपति जी ने सभी हितधारकों के बीच नियमित संवाद और संपर्क की महत्ता बताई, ताकि समस्याओं का समाधान हो सके और साझा लक्ष्यों की प्राप्ति हो। उन्होंने कहा, “काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छवि को बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें बीएचयू की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा।
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के विशेष कदम: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति जी ने बीएचयू समुदाय के हित में कई घोषणाएं कीं, विशेषकर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही पूरा परिसर में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा और इस वर्ष के अंत तक 72 महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी सिस्टम लगा दिये जाएंगे।
कुलपति जी ने एक और महत्वपूर्ण पहल की जानकारी देते हुए बताया कि "नमस्ते बीएचयू" ऐप में एक नई सुविधा जोड़ी जा रही है। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय का कोई भी सदस्य किसी आपात या संकट की स्थिति में अपनी Real Time Location विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ साझा कर सकेगा, जिससे त्वरित मदद और प्रतिक्रिया संभव होगी। उन्होंने बताया कि इस सेवा का परीक्षण पूरा हो चुका है और यह सुविधा 31 अगस्त से पहले चालू हो जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्यों से नमस्ते बीएचयू ऐप का अधिकतम उपयोग करने की अपील की ताकि वे सूचित रहें, प्रक्रियाओं में समय और ऊर्जा बचा सकें और शिकायतों का शीघ्र समाधान पा सकें।
नॉन-नेट अध्येतावृत्ति के समय पर भुगतान की पीएचडी शोधार्थियों की लंबे समय से चली आ रही समस्या के समाधान की दिशा में कुलपति जी ने बताया कि विश्वविद्यालय एक समयबद्ध व्यवस्था लागू करने जा रहा है। प्रस्तावित प्रणाली के अनुसार, जो शोधार्थी उपस्थिति और अन्य शैक्षणिक मानकों को पूरा करेंगे, उनकी फेलोशिप राशि प्रत्येक माह की पहली तारीख को उनके खाते में भेज दी जाएगी।
उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को सम्मान: कुलपति जी ने कहा कि ऐसे उत्कृष्ट शिक्षकों को चिन्हित, सम्मानित और पुरस्कृत करने की आवश्यकता है, जिन्होंने अपने शैक्षणिक और शोध कार्यों से विश्वविद्यालय में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि पीएचडी शोधार्थियों के उत्कृष्ट थीसिस को दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत किया जाए ताकि शोध में और अधिक प्रभावी कार्य को प्रोत्साहन मिले।
प्रो. चतुर्वेदी ने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय जल्द ही कक्षाओं की कमी की समस्या का समाधान निकालेगा, जिससे NEP सुदृढ़ तरीके से लागू हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि बीएचयू की शक्ति, उपलब्धियां और सफलताओं को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए, ताकि विश्वविद्यालय की सकारात्मक छवि और अधिक मजबूत हो सके।
कार्यक्रम में सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल, सेंट्रल हिंदू ब्वॉयज स्कूल, रणवीर संस्कृत विद्यालय और संगीत एवं मंच कला संकाय के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत ऐतिहासिक मालवीय भवन में महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी को पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बीएचयू परिवार के साथ मिलकर महामना को श्रद्धांजलि दी और मालवीय भवन परिसर में तिरंगा फहराया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी—कुलगुरू प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा, मुख्य आराक्षाधिकारी प्रो. एस. पी. सिंह, परीक्षा नियंता प्रो. सुषमा घिल्डियाल, संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, मालवीय भवन के मानद निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल, शिक्षक, छात्र और कर्मचारी उपस्थित रहे।
कुलपति जी ने अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में भी तिरंगा फहराया। बीएचयू में बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी अध्ययन करते है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का वैश्विक आकर्षण इसकी विशिष्टता का प्रमाण है और यह विविधता को समझने व आत्मसात करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। कुलपति जी ने अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय गान के सुंदर प्रस्तुतिकरण की सराहना की।
कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने केंद्रीय कार्यालय में ध्वजारोहण किया और अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्तव्यों से भी है। उन्होंने कहा कि 79वें स्वतंत्रता दिवस पर हमें आत्ममंथन करना चाहिए कि किस प्रकार हम जनहितकारी व्यवस्था सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ ही कुलसचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें इस बात पर भी मंथन करना चाहिए कि कैसे बीएचयू को दुनिया के शीर्ष शिक्षण एवं शोध संस्थानों में स्थापित किया जा सकता है?
विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों, संकायों और दक्षिणी परिसर में भी ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें छात्रों और शिक्षकों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही।
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने 79वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव भव्य और देशभक्ति के रंगों में सराबोर होकर मनाया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न परिसरों में ध्वजारोहण तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए, जिनमें विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने बड़ी संख्या में भागीदारी की।
विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर मैदान में मुख्य समारोह आयोजित किया गया, जहां कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने ध्वजारोहण किया। अपने संबोधन में कुलपति जी ने बीएचयू समुदाय के कल्याण के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
प्रोफेसर चतुर्वेदी ने कहा कि हमारा वर्तमान हमारे संस्थापकों की महान विरासत का ऋणी है, जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए। उन्होंने कहा, “हमें इस विरासत से प्रेरणा लेते हुए यह संकल्प करना चाहिए कि देश और उसके हित हमारे लिए सर्वोपरि रहेंगे।” कुलपति ने कहा कि हमारे देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को मातृभूमि के प्रति अपने प्रेम ने एकजुट किया था, और उनके लिए न क्षेत्र, न धर्म, न भाषा - कुछ भी मायने नहीं रखता था। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हम भारतीय हैं और यही हमारी सच्ची पहचान है, बाकी सब गौण है।”
बीएचयू समुदाय को अपने संदेश में कुलपति जी ने सभी हितधारकों के बीच नियमित संवाद और संपर्क की महत्ता बताई, ताकि समस्याओं का समाधान हो सके और साझा लक्ष्यों की प्राप्ति हो। उन्होंने कहा, “काशी हिंदू विश्वविद्यालय की छवि को बनाए रखना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। हमें बीएचयू की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध रहना होगा।
सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के विशेष कदम: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कुलपति जी ने बीएचयू समुदाय के हित में कई घोषणाएं कीं, विशेषकर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही पूरा परिसर में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा और इस वर्ष के अंत तक 72 महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी सिस्टम लगा दिये जाएंगे।
कुलपति जी ने एक और महत्वपूर्ण पहल की जानकारी देते हुए बताया कि "नमस्ते बीएचयू" ऐप में एक नई सुविधा जोड़ी जा रही है। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय का कोई भी सदस्य किसी आपात या संकट की स्थिति में अपनी Real Time Location विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ साझा कर सकेगा, जिससे त्वरित मदद और प्रतिक्रिया संभव होगी। उन्होंने बताया कि इस सेवा का परीक्षण पूरा हो चुका है और यह सुविधा 31 अगस्त से पहले चालू हो जाएगी। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्यों से नमस्ते बीएचयू ऐप का अधिकतम उपयोग करने की अपील की ताकि वे सूचित रहें, प्रक्रियाओं में समय और ऊर्जा बचा सकें और शिकायतों का शीघ्र समाधान पा सकें।
नॉन-नेट अध्येतावृत्ति के समय पर भुगतान की पीएचडी शोधार्थियों की लंबे समय से चली आ रही समस्या के समाधान की दिशा में कुलपति जी ने बताया कि विश्वविद्यालय एक समयबद्ध व्यवस्था लागू करने जा रहा है। प्रस्तावित प्रणाली के अनुसार, जो शोधार्थी उपस्थिति और अन्य शैक्षणिक मानकों को पूरा करेंगे, उनकी फेलोशिप राशि प्रत्येक माह की पहली तारीख को उनके खाते में भेज दी जाएगी।
उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को सम्मान: कुलपति जी ने कहा कि ऐसे उत्कृष्ट शिक्षकों को चिन्हित, सम्मानित और पुरस्कृत करने की आवश्यकता है, जिन्होंने अपने शैक्षणिक और शोध कार्यों से विश्वविद्यालय में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने सुझाव दिया कि पीएचडी शोधार्थियों के उत्कृष्ट थीसिस को दीक्षांत समारोह में पुरस्कृत किया जाए ताकि शोध में और अधिक प्रभावी कार्य को प्रोत्साहन मिले।
प्रो. चतुर्वेदी ने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय जल्द ही कक्षाओं की कमी की समस्या का समाधान निकालेगा, जिससे NEP सुदृढ़ तरीके से लागू हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि बीएचयू की शक्ति, उपलब्धियां और सफलताओं को व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए, ताकि विश्वविद्यालय की सकारात्मक छवि और अधिक मजबूत हो सके।
कार्यक्रम में सेंट्रल हिंदू गर्ल्स स्कूल, सेंट्रल हिंदू ब्वॉयज स्कूल, रणवीर संस्कृत विद्यालय और संगीत एवं मंच कला संकाय के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत ऐतिहासिक मालवीय भवन में महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी को पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। कुलपति प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने बीएचयू परिवार के साथ मिलकर महामना को श्रद्धांजलि दी और मालवीय भवन परिसर में तिरंगा फहराया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी—कुलगुरू प्रो. संजय कुमार, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा, मुख्य आराक्षाधिकारी प्रो. एस. पी. सिंह, परीक्षा नियंता प्रो. सुषमा घिल्डियाल, संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, मालवीय भवन के मानद निदेशक प्रो. राजाराम शुक्ल, शिक्षक, छात्र और कर्मचारी उपस्थित रहे।
कुलपति जी ने अंतरराष्ट्रीय छात्रावास में भी तिरंगा फहराया। बीएचयू में बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी अध्ययन करते है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का वैश्विक आकर्षण इसकी विशिष्टता का प्रमाण है और यह विविधता को समझने व आत्मसात करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। कुलपति जी ने अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रीय गान के सुंदर प्रस्तुतिकरण की सराहना की।
कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह ने केंद्रीय कार्यालय में ध्वजारोहण किया और अधिकारियों व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्तव्यों से भी है। उन्होंने कहा कि 79वें स्वतंत्रता दिवस पर हमें आत्ममंथन करना चाहिए कि किस प्रकार हम जनहितकारी व्यवस्था सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ ही कुलसचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें इस बात पर भी मंथन करना चाहिए कि कैसे बीएचयू को दुनिया के शीर्ष शिक्षण एवं शोध संस्थानों में स्थापित किया जा सकता है?
विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों, संकायों और दक्षिणी परिसर में भी ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें छात्रों और शिक्षकों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही।