सनबीम स्कूल सारनाथ में 6 और 7 अगस्त को दो दिवसीय क्रिटिकल थॉट गैदरिंग 3.0 का भव्य आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित विद्यालयों से 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम प्रदर्शन कलाओं और आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसे प्रसिद्ध पुस्तक ‘तोत्तो-चान’ के प्रकाशन के 45वें वर्ष और हिरोशिमा-नागासाकी बमबारी की 80वीं वर्षगांठ को समर्पित किया गया था। कार्यक्रम में बहु-स्वर संवाद (वाद-विवाद), अवाचित दृश्य समीक्षा (चलचित्र समीक्षा), चतुष्टयी (अंग्रेज़ी नाट्य प्रस्तुति) तथा नृत्य और कला स्थापना का संयोजन जैसी आकर्षक प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता, तर्कशक्ति और प्रदर्शन क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
इस आयोजन में प्रमुख राष्ट्रीय विद्यालय द सिंधिया स्कूल - ग्वालियर, बिड़ला विद्या मंदिर- नैनीताल, द इंडियन स्कूल- दिल्ली, द मान स्कूल - दिल्ली, सरला बिड़ला पब्लिक स्कूल- रांची, दिल्ली पब्लिक स्कूल- गया, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल- कानपुर, और कुंदन विद्या मंदिर- लुधियाना ने भाग लिया। वहीं पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्रों से भी 12 प्रतिष्ठित विद्यालयों ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई ।
इस आयोजन की शोभा बढ़ाने हेतु सनबीम ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन्स के माननीय बोर्ड सदस्य डॉ० दीपक मधोक (चेयरपर्सन), श्रीमती भारती मधोक (वाइस चेयरपर्सन), श्रीमती अमृता बर्मन (निदेशक), हर्ष मधोक (मानद निदेशक) तथा आदित्य दत्ता चौधरी (डीन) उपस्थित रहे। साथ ही सनबीम मऊ एवं सनबीम मुगलसराय के निदेशकगण भी विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वाद-विवाद प्रतियोगिता के फाइनल राउंड का निर्णयन प्रसिद्ध वक्ता एवं रंगकर्मी प्रणब मुखर्जी और सौमेन भौमिक द्वारा किया गया।
समापन समारोह में, ओवर ऑल विजेता द इंडियन स्कूल-दिल्ली, ओवरऑल उपविजेता सनबीम स्कूल- लहरतारा एवं ओवरऑल द्वितीय उपविजेता सनबीम स्कूल – मऊ को प्रदान किया गया, जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के माध्यम से निर्णायकों को अत्यंत प्रभावित किया।
प्रधानाचार्या श्रीमती तनुजा सिंह ने सभी प्रतिभागी विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “CTG 3.0 विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा मंच बना, जहाँ उन्होंने संवाद, चिंतन और सृजनशीलता को नए आयाम दिए।
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देशभर के प्रतिष्ठित विद्यालयों से आए 200 से अधिक छात्र-छात्राओं की सहभागिता से बना चिंतन, संवाद और सृजन का प्रेरणादायक मंच
सनबीम स्कूल सारनाथ में 6 और 7 अगस्त को दो दिवसीय क्रिटिकल थॉट गैदरिंग 3.0 का भव्य आयोजन संपन्न हुआ, जिसमें देशभर के प्रतिष्ठित विद्यालयों से 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम प्रदर्शन कलाओं और आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसे प्रसिद्ध पुस्तक ‘तोत्तो-चान’ के प्रकाशन के 45वें वर्ष और हिरोशिमा-नागासाकी बमबारी की 80वीं वर्षगांठ को समर्पित किया गया था। कार्यक्रम में बहु-स्वर संवाद (वाद-विवाद), अवाचित दृश्य समीक्षा (चलचित्र समीक्षा), चतुष्टयी (अंग्रेज़ी नाट्य प्रस्तुति) तथा नृत्य और कला स्थापना का संयोजन जैसी आकर्षक प्रतियोगिताएँ आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभागियों ने अपनी रचनात्मकता, तर्कशक्ति और प्रदर्शन क्षमता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
इस आयोजन में प्रमुख राष्ट्रीय विद्यालय द सिंधिया स्कूल - ग्वालियर, बिड़ला विद्या मंदिर- नैनीताल, द इंडियन स्कूल- दिल्ली, द मान स्कूल - दिल्ली, सरला बिड़ला पब्लिक स्कूल- रांची, दिल्ली पब्लिक स्कूल- गया, सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल- कानपुर, और कुंदन विद्या मंदिर- लुधियाना ने भाग लिया। वहीं पूर्वांचल और आसपास के क्षेत्रों से भी 12 प्रतिष्ठित विद्यालयों ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई ।
इस आयोजन की शोभा बढ़ाने हेतु सनबीम ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन्स के माननीय बोर्ड सदस्य डॉ० दीपक मधोक (चेयरपर्सन), श्रीमती भारती मधोक (वाइस चेयरपर्सन), श्रीमती अमृता बर्मन (निदेशक), हर्ष मधोक (मानद निदेशक) तथा आदित्य दत्ता चौधरी (डीन) उपस्थित रहे। साथ ही सनबीम मऊ एवं सनबीम मुगलसराय के निदेशकगण भी विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वाद-विवाद प्रतियोगिता के फाइनल राउंड का निर्णयन प्रसिद्ध वक्ता एवं रंगकर्मी प्रणब मुखर्जी और सौमेन भौमिक द्वारा किया गया।
समापन समारोह में, ओवर ऑल विजेता द इंडियन स्कूल-दिल्ली, ओवरऑल उपविजेता सनबीम स्कूल- लहरतारा एवं ओवरऑल द्वितीय उपविजेता सनबीम स्कूल – मऊ को प्रदान किया गया, जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के माध्यम से निर्णायकों को अत्यंत प्रभावित किया।
प्रधानाचार्या श्रीमती तनुजा सिंह ने सभी प्रतिभागी विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “CTG 3.0 विद्यार्थियों के लिए एक ऐसा मंच बना, जहाँ उन्होंने संवाद, चिंतन और सृजनशीलता को नए आयाम दिए।