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प्रोजेक्ट ज्ञान की उड़ान के माध्यम से बच्चों में जीवन मूल्यों, वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को भी दिया जाएगा बढ़ावा



 06/Aug/25

वाराणसी। डॉ. अमृत लाल इशरत मेमोरियल सोसाइटी एवं मि. युवराज खन्ना की पहल से प्रोजेक्ट ज्ञान के अंतर्गत शिक्षा की नई रोशनी के उ‌द्देश्य से संचालित इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उ‌द्घाटन प्राथमिक विद्यालय नरौर (बाणासुर मंदिर के पास, वाराणसी) प्रातः 11:00 बजे से आयोजित किया गया। युवराज खन्ना जो अमेरिका के सेंट फ्रांसीस वि‌द्यालय में अध्ययनरत है, अपने प्रोजेक्ट कार्य हेतु भारत आया है। युवराज खन्ना भारत को अपनी परियोजना का केन्द्र इसलिए चुना क्योंकि यह उनके पिता की जन्मभूमि है। उनका यह कदम न केवल पारिवारिक मूल्यों से प्रेरित है, बल्कि राष्ट्र-प्रेम और समाज सेवा की भावना से भी ओत-प्रोत है। इसलिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यस्थल को शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना चाहते हैं। भारत की शिक्षा प्रणाली की सराहना करते हुए उन्होंने यह अनुभव किया कि यहाँ परंपरागत शिक्षा तो सुदृढ़ है, लेकिन तकनीकी ज्ञान की पहुँच अब भी सीमित है। इसी सोच से प्रेरित होकर प्रोजेक्ट ज्ञान का उ‌द्घाटन किया इस अवसर पर शिक्षा, समाज सेवा और ग्रामीण विकास से जुड़ी प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का उ‌द्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को गुणवता युक्त शिक्षा, डिजिटल संसाधन और रचनात्मक वातावरण प्रदान करना है। यह पहल ग्रामीण भारत में शिक्षा की पहुँच को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है। कार्यक्रम का शुभारंभ मीडिया के आगमन से हुआ, जिसकी व्यवस्था जितेन्द्र सर ने संभाली। तत्पश्चात डालिम्स सनबीम की प्रधानाचार्या गुरमीत कौर ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि कार्यक्रम का उ‌द्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा, डिजिटल संसाधन और रचनात्मक वातावरण प्रदान करना है। यह पहल ग्रामीण भारत में शिक्षा की पहुँच को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है।

इसी क्रम में उन्होंने प्रेस वार्ता के उ‌द्देश्य को स्पष्ट किया तथा मंचस्थ सभी गणमान्य अतिथियों का परिचय कराया। तदुपरान्त डालिम्स सनबीम के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप बाबा' मधोक ने अपने संबोधन में कहा कि प्रोजेक्ट ज्ञान" के माध्यम से शिक्षा को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखते हुए बच्चों में जीवन मूल्यों, वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह कार्यक्रम डिजिटल लर्निंग, स्मार्ट क्लासेस, पुस्तकालय और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने की दिशा में कार्य करेगा। प्रोजेक्ट ज्ञान के माध्यम से शिक्षा को केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित न रखते हुए बच्चों में जीवन मूल्यों, वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता को भी बढ़ावा दिया जाएगा। यह कार्यक्रम डिजिटल लर्निंग, स्मार्ट क्लासेस, और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने की दिशा में कार्य करेगा। इसी क्रम में डालिम्स सनबीम की निर्देशिका पूजा मधोक ने प्रेरक संबोधन ‌द्वारा बताया कि आज का दिन हमारे लिए केवल उ‌द्घाटन का नहीं, बल्कि सपनों को आकार देने का दिन है। डॉ. अमृत लाल इशरत मेमोरियल सनबीम सोसाइटी ने सदैव शिक्षा को सेवा माना है, और आज हम उसी सेवा भाव के साथ प्रोजेक्ट ज्ञान के माध्यम से ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक नई शुरुआत कर रहे हैं। एक गाँव, एक स्कूल, एक बच्चा, यही बदलाव की असली शुरुआत है। हम चाहते हैं कि हर बच्चा बिना किसी संसाधन की कमी के, आत्मविश्वास से भरा हुआ, शिक्षित और संस्कारित बने। हमारा संकल्प है कि यह विद्यालय न केवल किताबों की शिक्षा देगा, बल्कि जीवन की शिक्षा भी देगा। "प्रोजेक्ट ज्ञान" के भव्य शुभारंभ की औपचारिक घोषणा मि० युवराज खन्ना द्वारा की गई, जिन्होंने इस अभियान की दृष्टि, कार्य-योजना और भावी विस्तार के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट ज्ञान का यह प्रयास ग्रामीण शिक्षा में नवाचार, तकनीकी संसाधनों, जीवन कौशल और मूल्यों का समावेश करते हुए एक समग्र, समावेशी एवं स्थायी विकास की दिशा में एक प्रेरक कदम है। इसी क्रम में उनके कर कमलों द्वारा प्राथमिक वि‌द्यालय के छात्रों को 25 लैपटॉप का वितरण किया गया। एवं कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से संबंधित शिक्षण हेतु दो शिक्षकों की नियुक्ति की गयी, ताकि प्रभावशाली परिणाम प्राप्त हो सकें। विशेष अतिथियों ने भी मंच से अपने विचार साझा किए और इस पहल के प्रति अपना समर्थन और अनुभव प्रस्तुत किया, जो ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। इसके उपरांत मीडिया के साथ एक खुला संवाद (प्रश्नोत्तर सत्र) आयोजित किया गया, जिसमें पत्रकारों ने मुख्य प्रवक्ताओं से योजनाओं, चुनौतियों और अपेक्षाओं पर प्रश्न पूछे। सभी प्रश्नों का उत्तर सहज, पारदर्शी और प्रेरणादायक ढंग से दिया गया।

कार्यक्रम के समापन पर डालिम्स सनबीम की प्रशासनिक अधिकारी सुश्री रितु वाधवा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया, जिसमें सभी अतिथियों, मीडिया प्रतिनिधियों, शिक्षकों एवं आयोजन टीम को आभार व्यक्त किया गया।


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