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'सत्या फाउंडेशन' ने विद्यार्थियों को ध्वनि प्रदूषण बारे किया जागरुक



 26/Jul/25

वाराणसी के सनबीम स्कूल अन्नपूर्णा में आज शनिवार को ध्वनि प्रदूषण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि थे-'सत्या फाउंडेशन' के सचिव चेतन उपाध्याय. विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए चेतन उपाध्याय ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण के कारण श्रवण क्षमता, रक्तचाप, नींद, एकाग्रता, स्मरण शक्ति और जीवनी शक्ति आदि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ध्वनि की तीव्रता की इकाई डेसीबल की चर्चा की और यह भी बताया कि किसी भी मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से साउंड लेवल मीटर को डाउनलोड किया जा सकता है. मनुष्य के अच्छे स्वास्थ्य के लिए 40 से 50 डेसीबल की ध्वनि उचित है. जबकि भारत के कानून में, दिन के दौरान स्पीकर बॉक्स से 1 मीटर की दूरी पर 70-75 डेसीबल की ध्वनि की अनुमति है. रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 तक ध्वनि को पूरी तरह से 100% स्विच ऑफ रखने का नियम है. दिन के दौरान आवाज को कम करने और रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच ध्वनि को पूरी तरह से स्विच ऑफ कराने के लिए एक स्कूली विद्यार्थी भी 112 नंबर पर गुप्त रूप से शिकायत दर्ज कर सकता है, बस इसके लिए यह कहना पड़ता है कि मेरा नाम और नंबर गोपनीय रखा जाए. ये सारा नियम मस्जिद मंदिर पर भी लागू होता है. दिन की डेसीबल सीमा या/ और रात की समय सीमा का उल्लंघन करने पर दोषी के खिलाफ पर्यावरण संरक्षण अधिनियम-1986 के अंतर्गत 1,00,000 तक जुर्माना या 5 साल तक की जेल या एक साथ दोनों सजा हो सकती है. शोर के खिलाफ घर बैठे ऑनलाइन मुकदमा दर्ज कराने के लिए गूगल प्ले स्टोर से UPCOP को डाउनलोड किया जा सकता है।

सड़क पर डी.जे. के कारण यातायात प्रभावित होता है और तेज शोर से एकाग्रता भंग होने और दिमागी असंतुलन के कारण, वाहन दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है. चेतन उपाध्याय ने मतदान यानी वोटिंग कराई कि क्या बारात या धार्मिक जुलूस में रोड डी.जे. पर सरकार को पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए तो सभी ने एक साथ हाथ उठाकर कहा - हाँ, साल के 365 दिन, रोड डी.जे. पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए।

फिर विद्यार्थियों से पूछा गया कि क्या इस बार, सावन में सड़क पर डी.जे. के शोर में कमी आई है? सभी ने हाथ उठाकर कहा, बहुत कमी आई है. और फिर चेतन उपाध्याय ने बताया कि इसके लिए अपने बनारस के सांसद और देश के पीएम नरेन्द्र मोदी सबसे अधिक धन्यवाद के पात्र हैं. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस दिशा में सक्रिय हुए. और पिछले काफी समय से वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल (आई.पी.एस.), ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं. आप सभी के लिए जोरदार तालियों के बीच कार्यक्रम का समापन हुआ।

 


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