इसी क्रम में संस्था की निदेशिका श्रीमती पूजा मधोक ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि मनोविज्ञान की समझ केवल समस्याओं को पहचानने तक सीमित नहीं, बल्कि प्रत्येक छात्र के व्यक्तित्व को निखारने का माध्यम है। यह कार्यशाला शिक्षकों को संवेदनशीलता और व्यवहारिक ज्ञान दोनों से समृद्ध करती है। यह कार्यशाला हमारे शिक्षकों को विद्यार्थियों की सोच, भावना, व्यवहार और आवश्यकताओं को समझने की दिशा में एक नया दृष्टिकोण प्रदान करेगी। एक शिक्षक का प्रभाव केवल कक्षा तक सीमित नहीं होता, वह जीवन भर छात्र के साथ चलता है। हमें विद्यार्थियों के मानसिक स्तर को समझने और उनके विकास में सहभागी बनने की आवश्यकता है। यह कार्यशाला उसी दिशा में एक सार्थक कदम है।
कार्यशाला के अंत में शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और इस प्रकार की कार्यशालाओं को समय-समय पर आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला के समापन अवसर पर रामकटोरा शाखा के प्रधानाचार्य श्री दीपेंद्र वर्मा सभी अतिथियों, वक्ताओं एवं शिक्षकों को धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यशाला न केवल जानकारीवर्द्धक रही, बल्कि हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी। हम सभी विद्यालय प्रबंधन के प्रति आभारी हूँ, जिनके निरंतर मार्गदर्शन एवं समर्थन से यह आयोजन संभव हो सका।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गान के साथ हुआ तथा विद्यालय प्रबंधन द्वारा सभी प्रतिभागी शिक्षकों को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
इस कार्यशाला ने निश्चित रूप से शिक्षकों के भीतर संवेदनशीलता, सहानुभूति एवं प्रभावी कक्षा प्रबंधन कौशल को और अधिक सशक्त किया है, जिससे छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायता मिलेगी।