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VDA जोन-5 के जोनल अधिकारी, JE सहित 3 कर्मचारियों को एंटी करप्शन टीम ने 25 हजार घूस लेते कैसे किया गिरफ्तार ?



 22/Jul/25

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में वाराणसी विकास प्राधिकरण का घोष कोड जनरल अधिकारी, JE सहित तीन कर्मचारियों को 25 हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

बता दें कि सूबे की योगी सरकार जहां जीरो टॉलरेंस की बात की जा रही है वहीं प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में वाराणसी विकास प्राधिकरण के जोनल से लेकर के JE सहित तीन कर्मचारियों का ₹25000 घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा जाना इस बात की गवाही है कि भ्रष्टाचार किसी भी सरकार में रुकने वाला नहीं है।
बताते चलें कि आज से कई महीने पहले क्लाउन टाइम्स ने गुलाबी मीनाकारी के कलाकार बलराम दास की खबर साझा किया था जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी कला के लिए सम्मानित किया था, ऐसे कलाकार से सरकार के द्वारा नामित VDA की एक नेता के द्वारा VDA के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों की साठ- गांठ  से वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन जब इस खबर को क्लाउन टाइम्स ने प्रसारित किया तो VDA के लोकप्रिय उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने दोनों कर्मचारियों को तत्काल निलंबित कर दिया था, लेकिन मजे की बात है कि इस मामले में भाजपा संगठन से जुड़े किसी भी नेता और मंत्री ने सब कुछ जानते हुए अब तक VDA के उस नामित सदस्य को पद से हटाने की योगी सरकार से कोई सिफारिश नहीं किया है, सोचिए अगर भाजपा की योगी सरकार सरकार में वीडिए का नामित सदस्य ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो तो और बनारस का पूरा संगठन इस मामले में चुप्पी साध लिया हो तो सोचिए अकेले वाराणसी के सांसद PM मोदी और UP के CM योगी भ्रष्टाचार के मामले में क्या करेंगे ?

खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में एंटी करप्शन टीम ने वाराणसी विकास प्राधिकरण जोन- 5 के पड़ाव स्थित कार्यालय के बाहर जोनल अधिकारी गौरव सिंह जयप्रकाश, JE अशोक यादव और संविदा पर तैनात एसोसिएट इंजीनियर मोहम्मद अनस को 25 हजार घूस लेते रंगे हाथ कैसे घर दबोचा।
शिकायतकर्ता अजय कुमार गुप्ता के इस बयान को अपने ध्यान से जरूर सुना होगा कि उन्होंने कैसे एंटी करप्शन टीम वाराणसी इकाई में 18 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई। जैसा कि अजय गुप्ता ने एंटी करप्शन को शिकायत में बताया था कि उन्होंने पंचवटी पर किराये की चार हजार स्क्वायर फीट जमीन लेकर उसमें अस्थायी टिन शेड डालकर अपना व्यवसाय कर रहे थे। इसी को लेकर जोन-5 के जोनल अधिकारी गौरव सिंह जयप्रकाश की ओर से मानचित्र पास कराने का दबाव डाला गया। नक्शा पास नहीं कराने पर टिनशेड तोड़ने की धमकी दी जा रही। और इसके बाद पड़ाव स्थित ऑफिस में मुलाकात के लिए बुलाया गया। जैसा कि हर मामले में अवैध निर्माण करने वालों को नोटिस देकर बुलाया जाता है।
अजय का आरोप है जोनल अधिकारी गौरव सिंह जयप्रकाश, जेई अशोक यादव और एसोसिएट इंजीनियर मोहम्मद अनस ने 50 हजार घूस की मांग किया था। इसी मामले को लेकर जोनल अधिकारी ने शुक्रवार को दोबारा कार्यालय बुलाया और कहा कि 25 हजार दे दो, तुम्हारे यहां कोई नहीं जाएगा। भविष्य में किसी तरह की कोई नोटिस भी जारी नहीं होगी। और इसके बाद जोनल अधिकारी गौरव और जेई अशोक यादव के कहने पर अजय ने 25 हजार रुपये मोहम्मद अनस की कार में रख दिया इसी कार की डिग्गी में रुपये रखते समय तीनों अभियुक्तों को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत के नोट के साथ गिरफ्तार करके, विधिक कार्यवाही के लिए सभी रामनगर थाना ले जाकर जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एंटी करप्शन वाराणसी इकाई के इंस्पेक्टर मैनेजर सिंह के अनुसार रामनगर के रामपुर निवासी शिकायतकर्ता अजय कुमार गुप्ता के द्वारा एंटी करप्शन टीम वाराणसी इकाई में 18 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई। 
इसी शिकायत के आधार पर वाराणसी एंटी करप्शन टीम ने वीडिए के कर्मचारियों को गिरफ्तारी के लिए 18 जुलाई को पूरा जाल बनाया और 19 जुलाई को 25 हजार घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल किया।
डिप्टी एसपी मैनेजर सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में आजमगढ़ फूलपुर थाना क्षेत्र के लोनियाडीह हथौराकला निवासी जोनल अधिकारी गौरव सिंह जयप्रकाश, मऊ कोतवाली क्षेत्र के सलाहाबाद मोड़ निवासी जेई अशोक यादव और शिवपुर के संगम नगर कालोनी के निवासी मोहम्मद अनस है।

भ्रष्टाचार के मामले में रंगे हाथों पकड़े गए आरोपितों के खिलाफ वीडिए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजकर उन्हें उनके किए की सजा दिलाने की तैयारी में हैं।
कुल मिलाकर समाज में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी हैं कि इस पर पूरी तरह से अंकुश लगा पाना सरकार के भरोसे किसी भी कीमत पर संभव नहीं है, जब तक आम जनमानस सही तरीके से काम करने की आदत नहीं बनाएगा और अपनी गलत कामों के लिए सरकार में बैठे सरकारी कर्मचारियों को घूस देकर अपने फंसे हुए गलत काम को करवाने के लिए सत्ता में बैठे राजनेताओं से पैरवी कराना और इसके बाद भी सुविधा शुल्क देकर काम करने का चलन की आदत के चलते भ्रष्टाचार जैसा दीमक समाज को हर समय खोखला करता रहेगा और भ्रष्टाचारियों के फलने फूलने का रास्ता हमेशा आसान होता रहेगा।


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