उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चंदौली आगमन के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की उपस्थिति में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस दौरान भाजपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत सदस्य सूर्यमुनी तिवारी ने मुख्यमंत्री को एक महत्वपूर्ण मांग पत्र सौंपा, जिसमें जनपद चंदौली की प्रमुख क्षेत्रीय आवश्यकताओं और बहुप्रतीक्षित विकास प्रस्तावों को शामिल किया गया।
भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी ने मुख्यमंत्री का ध्यान अपने विधानसभा क्षेत्र सकलडीहा सहित पूरे जनपद चंदौली की जनता की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं और आवश्यकताओं की ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि यह क्षेत्र कृषि प्रधान होने के बावजूद बुनियादी ढांचे, सिंचाई, उच्च शिक्षा और प्रशासनिक सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि जनपद में एक कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए, ताकि वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों का विस्तार हो सके और किसान तकनीकी रूप से सशक्त बनें। साथ ही ग्राम बबुरी को स्वतंत्र विकास खंड का दर्जा देने की मांग की, जिससे क्षेत्रीय विकास योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सके।
विकास के प्रतीकों की दृष्टि से उन्होंने चंदौली-सैदपुर मार्ग पर स्थित चहनियां चौराहे पर भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा स्थापना का सुझाव दिया, ताकि यह स्थान राष्ट्रीय गौरव और प्रेरणा का केंद्र बन सके। इसके अतिरिक्त सकलडीहा चौराहे पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा स्थापित करने की भी मांग की गई, जो राष्ट्रसेवा एवं त्याग के आदर्शों की स्मृति दिलाएगी। उन्होंने बबुरी एवं आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों को गंगा नहर से जोड़ने की व्यवस्था पर भी बल दिया, ताकि क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो और किसान आत्मनिर्भर बन सकें।
भाजपा नेता सूर्यमुनी तिवारी ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में इन जनहितकारी प्रस्तावों पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा, जिससे चंदौली जनपद की प्रगति को नई दिशा एवं गति मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकार इन सुझावों को सकारात्मक दृष्टिकोण से अपनाकर जनपद के सर्वांगीण विकास की दिशा में प्रभावी कदम उठाएगी।
बैठक में जिले के अन्य जनप्रतिनिधियों, जिला प्रशासन एवं विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही, जिन्होंने जनपद के समेकित विकास को लेकर आवश्यक विचार-विमर्श किया।