वाराणसी। चेतगंज थाना क्षेत्र में वर्ष 2019 की सुबह हुए बहुचर्चित पिशाचमोचन तीर्थ पुरोहित हत्याकांड में अदालत ने छह अभियुक्तों को दोषी पाने पर दंडित किया। फास्ट ट्रैक कोर्ट (द्वितीय) सुनील कुमार की अदालत ने मृतक के सगे छोटे भाई राजेन्द्र उपाध्याय को आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए जुर्माना, उसकी पत्नी पूजा उपाध्याय को आजीवन कारावास व 21 हजार रुपए जुर्माना, पुत्र रजत उपाध्याय को आजीवन कारावास व 28 हजार रुपए जुर्माना, राम विचार उपाध्याय को आजीवन कारावास व 18500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं इसी मामले में साक्ष्य छिपाने के अच्छे हसन को पांच वर्ष के कठोर कारावास व सात हजार रुपए जुर्माना एवं महेंद्र प्रताप राय को पांच वर्ष के कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं अदालत ने इस मामले में आरोप सिद्ध न होने पर पांच आरोपितों कृष्ण मोहन मिश्रा, मदन यादव, मनचंदा, वत्सला व कुश्मेश्वर मिश्रा को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। अदालत में अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीव सिंह चौहान, एडीजीसी पवन जायसवाल, वादी के अधिवक्ता राधेश्याम चौबे व संतोष सिंह ने पक्ष रखा।
प्रकरण के अनुसार चेतगंज थाना क्षेत्र के कालीमहाल में स्थित घर के बाहर ही पिशाचमोचन के तीर्थ पुरोहित कृष्णकांत उपाध्याय की पहले गोली मारकर हत्या कर दी गयी। फिर हत्यारों ने घर में घुसकर उनकी पत्नी ममता उपाध्याय को मौत के घाट उतार दिया था। इस दौरान कृष्णकांत के बेटे सुमित को भी जान से मारने की कोशिश की गयी थी, लेकिन उससे वहां से भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इतना ही नहीं, हमलावरों ने कृष्णकांत व ममता को गोली मारने के बाद मौत की पुष्टि करने के लिए चापड़ से भी उनपर ताबड़तोड़ वार किये थे। घटना को अंजाम देने के बाद हमलावर वहां से स्कूटी पर सवार होकर भाग निकले थे। इस हत्याकांड मैं मृतक के बेटे सुमित ने चाचा राजेंद्र उपाध्याय, चाची पूजा उपाध्याय, उनके बेटे रजत उपाध्याय और राम विचार उपाध्याय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में विवेचना के दौरान पुलिस ने इस घटना में कृष्ण मोहन मिश्रा, मदन यादव, मनचंदा, वत्सला, कुश्मेश्वर मिश्रा व रमेश उपाध्याय का नाम प्रकाश में आने पर उन्हें आरोपित बनाया था। हालांकि इस मामले में विचारण के दौरान रमेश उपाध्याय की मौत हो जाने के चलते उसके खिलाफ सुनवाई समाप्ति हो गयी।