वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग के निर्देशानुसार पड़ाव स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान में आज दिनांक 30/06/2025 को एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में उपस्थित पौधप्रेमियों को बागवानी की आधुनिक तकनीकों एवं जैविक खाद निर्माण के व्यावहारिक तरीकों से अवगत कराया गया।
कार्यशाला में उद्यान विशेषज्ञ गौरव ने बताया कि वर्षा ऋतु पौधों की वृद्धि के लिए सर्वोत्तम होती है। उन्होंने प्रत्यक्ष प्रयोग के माध्यम से यह प्रदर्शित किया कि बगीचों में गिरे सूखे पत्तों एवं रसोई में बचने वाले सब्जियों के अवशेषों से किस प्रकार कम्पोस्ट खाद तैयार की जा सकती है। गड्ढा बनाकर उसमें सूखे पत्ते, सब्जी वेस्ट और यूरिया मिलाकर कुछ समय तक रखने से उत्तम जैविक खाद प्राप्त होती है।
वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) की विधि का भी विस्तृत परिचय कराया गया। बताया गया कि केंचुए मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। “राइस फर्स्ट” तकनीक के अंतर्गत धान की भूसी का प्रयोग मिट्टी की नमी और तापमान संतुलन के लिए उपयोगी बताया गया।
इसके अतिरिक्त, टूटे हुए गमलों के पुनः उपयोग, कोकोपीट, रेत व मिट्टी के संतुलन से गमले भरने जैसी उपयोगी जानकारियाँ भी साझा की गईं। कार्यशाला में बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष पौधप्रेमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण एवं घर-घर हरियाली को बढ़ावा देना रहा।
इस अवसर पर उद्यान प्रभारी अरविंद शर्मा, पर्यटन अधिकारी नितिन द्विवेदी, जोनल अधिकारी गौरव प्रकाश सिंह, एवं विशेष रूप से उपस्थित रहे।