सनबीम स्कूल सारनाथ द्वारा सहचर्या सहोदय, वाराणसी के सौजन्य से आज दिनांक 30 जून को ‘कलाकुंभ–2025’ का भव्य आयोजन अत्यंत गरिमा एवं उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस वार्षिक कला उत्सव में विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों से आए 80 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए अपनी रचनात्मकता एवं कलात्मक प्रतिभा का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को एक ऐसा मंच प्रदान करना था, जहाँ वे अपनी कल्पनाओं को रंगों के माध्यम से साकार कर सकें।
प्राचार्या श्रीमती तनुजा सिंह (सनबीम स्कूल, सारनाथ) ने सभी प्रतिभागियों एवं उपस्थित गणमान्य अतिथियों का हार्दिक स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य एवं महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की गरिमा विशेष अतिथि डॉ. अनुपमा मिश्रा (अध्यक्षा, सहचर्या वाराणसी) की उपस्थिति से और भी बढ़ गई। उन्होंने प्रतिभागियों की कलाकृतियों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों की कल्पनाशीलता तथा सामाजिक सरोकारों से जुड़ी उनकी अभिव्यक्ति अत्यंत प्रेरणादायक रही।
प्रतियोगिता को तीन समूहों में विभाजित किया गया था। समूह A (कक्षा 3 से 5) के लिए विषय था “लोक कला”, समूह B (कक्षा 6 से 8) के लिए “क्लाइमेट होप – एक हरित और टिकाऊ पृथ्वी की कल्पना”, तथा समूह C (कक्षा 9 से 12) के लिए “डिजिटल ड्रीम्स – तकनीक से साकार होता भविष्य”। प्रतिभागियों ने विषयों की गहराई को समझते हुए अत्यंत रचनात्मकता और संवेदनशीलता के साथ अपने विचारों को चित्रों के माध्यम से प्रस्तुत किया।
विजेताओं की सूची इस प्रकार रही:
• समूह A (कक्षा 3–5):
प्रथम स्थान: तनुज शर्मा – सनबीम स्कूल, लहरतारा
द्वितीय स्थान: शिवांश यादव – सनबीम स्कूल, सारनाथ
तृतीय स्थान: याशी राजलक्ष्मी – सनबीम स्कूल, सनसिटी
• समूह B (कक्षा 6–8):
प्रथम स्थान: अनमोल श्रीवास्तव– सनबीम स्कूल, सारनाथ
द्वितीय स्थान: रचित पटेल– सनबीम स्कूल, नारायणपुर
तृतीय स्थान: आराध्या सिंह – वाराणसी पब्लिक स्कूल
• समूह C (कक्षा 9–12):
प्रथम स्थान: वैभवी सवाइका– सनबीम इंग्लिश स्कूल, भगवानपुर
द्वितीय स्थान: उदिता प्रधान– सनबीम स्कूल, सारनाथ
तृतीय स्थान: खुशी यादव– वाराणसी पब्लिक स्कूल
प्रतियोगिता का मूल्यांकन कला क्षेत्र के प्रतिष्ठित एवं अनुभवी निर्णायकों द्वारा किया गया,
जिनमें प्रो. मंजुला चतुर्वेदी (सेवानिवृत्त अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष, ललित कला विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ), डॉ. सुनील कुमार पटेल (सहायक प्रोफेसर, चित्रकला विभाग, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय), सुमित घोष (सहायक प्रोफेसर, फाइन आर्ट्स विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ) सम्मिलित थे ।
‘कलाकुंभ–2025’ केवल एक प्रतियोगिता न होकर एक रचनात्मक पर्व सिद्ध हुआ, जिसमें कला, तकनीक, पर्यावरण एवं संस्कृति का अद्भुत समागम देखने को मिला। सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिससे उनका उत्साह और आत्मविश्वास और भी अधिक बढ़ा।