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BHU सिंह द्वार पर मालवीय जी की प्रतिमा की सफाई का आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने को लेकर 6 पत्रकारों पर हुआ FIR



 28/Jun/25

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा के ऊपर कंधे पर चढ़कर की जा रही सफाई का वायरल वीडियो सोशल मीडिया के माध्यम से अफसरों के संज्ञान में लाना शहर के कुछ मिडिया कर्मियों को महंगा पड़ गया है। वाराणसी जिला मुख्यालय के लंका थानाक्षेत्र में पुलिस ने 6 पत्रकारों के खिलाफ कथित तौर पर लोगों को भड़काने एवं अफवाह फैलाने को लेकर प्राथमिकी दर्ज किया गया है। इनमें वीडियो बनाने और वायरल करने वाले पत्रकार अरशद आलम, अभिषेक झा, अभिषेक त्रिपाठी, सोनू सिंह, शैलेश चौरसिया शामिल है। वहीं, X (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो डालने के मामले में एक नितिन राय के खिलाफ एक अन्य केस दर्ज हुआ है।
जहाँ एक तरफ आरोपी पत्रकारों का कहना है कि शहर में यदि कुछ गलत होता है तो उसको शासन तक पहुंचाना उनका काम है और वे वही कर रहे थे तो वही दूसरी ओर थाना लंका प्रभारी निरीक्षक शिवाकांत मिश्रा का कहना है कि साफ-सफाई का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्‍ट कर जातिगत टिप्पणी करते हुए द्वेष भावना फैलाकर लोगों को उकसाया गया,भ्रामक दुष्‍प्रचार कर क़ानून-व्यवस्था को खराब करने का प्रयास किया गया और इस पोस्ट में मालवीय जी की प्रतिमा की सफाई को उनका अपमान बता कर खबर प्रसारित की गयी, साथ ही आरोपियों द्वारा वीडियो को खबरों के ‘व्हाट्सएप समूहों’ में भी भेजा गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि इस संबंध में संकट मोचन चौकी प्रभारी की तहरीर पर खबर बनारस के ‘एडमिन’ अरशद, अभिषेक झा, अभिषेक त्रिपाठी, सोनू सिंह, शैलेश और ‘एक्स’ हैंडलर नितिन राय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 356(3) (मानहानिकारक सामग्री का प्रसारण), 196(1) (विभिन्न समूहों के बीच अफवाह फैलाकर घृणा और शत्रुता को बढ़ावा देना) और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर संबंधित कार्यवाही की जा रही है। मुकदमे में नामजद पत्रकारों का कहना है, ‘‘ हम सभी इस घटना से स्तब्ध हैं और हम लोग अपना काम कर रहे थे।

*क्या है पूरा मामला*
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक,भारतरत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की लंका स्थित प्रतिमा पर दो युवकों के चढ़े होने का 9 सेकंड का वीडियो 2 दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसने शहर में खलबली मचा दिया है और लोंग उस पर तरह-तरह की अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे थे I विडियो में दिखा रहा था कि एक युवक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की भव्य प्रतिमा के कंधे पर चढ़ा हुआ है, और उसके पास में ही एक अन्य युवक खड़ा है I विडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों का खून खौल उठा क्योकिं मालवीय जी कि प्रतिमा हर बीएचयू छात्र के दिल में बसती है I छात्रों ने इसे सीधे तौर पर मालवीय जी की विरासत और काशी की सांस्कृतिक अस्मिता पर आघात बताया।

हालांकि इसके परिणामस्वरूप पुलिस विभाग सक्रिय हुआ और CCTV फुटेज देखने व जाँच-पड़ताल के पश्चात स्पष्ट किया कि 24 जून को नरिया के एक लॉन में वीआईपी मूवमेंट के कारण मालवीय जी की प्रतिमा की साफ-सफाई के लिए सफाईकर्मी प्रतिमा पर चढ़े थे, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता के.के. सिंह ने बताया कि शहरी मार्गों पर स्थित मूर्तियों की नियमित साफ- सफाई हमारी नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है और महामना की प्रतिमा की धूल हटाने का कार्य ठेकेदार के मजदूरों द्वारा किया जा रहा था परन्तु मूर्ति पर चढ़ना कार्य-प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है, और यदि ऐसा हुआ है तो वह गलत है।

*प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का भाजपा पर निशाना*
मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अजय राय ने एक बयान में कहा कि भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर चढ़े युवक की वीडियो वायरल होने पर सवाल पूछने वाले पत्रकार साथियों पर मुकदमा होना निंदनीय और लोकतंत्र पर सीधा हमला है। भाजपा सरकार डर और तानाशाही की मिसाल है जो दोषियों पर कार्यवाही करने के बजाय सवाल पूछने वाले को ही दोषी बना रही है। पत्रकारों की कलम, समाज की आवाज और शक्ति का प्रतीक है और कांग्रेस पार्टी पत्रकारों के साथ पूरी ताकत के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि पार्टी की मांग है कि असली दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित हो, प्रशासन अपनी जवाबदेही तय करे और पत्रकार साथियों पर फर्जी मुकदमा वापस हो ।


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