वाराणसी, 6 जून। जहाँ सूर्य की तपिश अपने चरम पर हो, वहीं यदि कोई प्यासे को एक लोटा ठंडा जल थमा दे कृ तो वह केवल जल नहीं, बल्कि संवेदना, करुणा और धर्म का अमृत बन जाता है। ऐसा ही दृश्य शुक्रवार को कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ चौक पर देखने को मिला, जहाँ संकल्प अन्न क्षेत्र द्वारा निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर राहगीरों व आम जन के लिए जल एवं शिकंजी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन ने तपते दिन को एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक छाया में बदल दिया।
कार्यक्रम के दौरान संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने भावुक शब्दों में कहा कि“निर्जला एकादशी केवल व्रत या उपवास नहीं है। यह आत्म-नियंत्रण, त्याग और सेवा की वह परीक्षा है जिसमें कोई स्वयं जल ग्रहण नहीं करता, पर दूसरों को शीतल जल का अमृत प्रदान करता है। यही सच्चा धर्म है, यही व्रत की पूर्णता है।”
संकल्प संस्था का यह प्रयास नारा मात्र नहीं, बल्कि कर्म की वह मिसाल है जो कहती है कि “सेवा ही सच्ची साधना है।“ हर गिलास शिकंजी के साथ जो मुस्कान मिली, वह तपते मन को छू गई। कार्यक्रम में श्रद्धा और सहयोग का दृश्य देखते ही बनता था कृ कोई बर्तन थामे, कोई वितरण कर रहा, कोई राहगीरों को छांव में बैठाकर जल ग्रहण करवा रहा था। यह सेवा सिर्फ जल वितरण नहीं, बल्कि संवेदना का सामूहिक उत्सव था।
पौराणिक प्रसंग भी इस दिन को और विशेष बना देते हैं। पद्म पुराण और श्रीमद्भागवत के अनुसार, जब भीमसेन उपवास में असमर्थ थे, तब महर्षि व्यास ने उन्हें निर्देशित किया कि केवल ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी (निर्जला एकादशी) का व्रत रखें कृ यह सभी एकादशियों के पुण्य के समकक्ष है। यह पर्व हमें बताता है कि यदि सेवा भाव हो, तो एक दिन का भी त्याग अमर फल दे सकता है।
इस अवसर पर संतोष अग्रवाल (जालपा) एवं अंकित अग्रवाल (जालपा) का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन, संस्थापक सदस्य आलोक कुमार जैन, संतोष कुमार अग्रवाल (कर्ण घंटा), गिरधर दास अग्रवाल (मद्रास क्लॉथ सेंटर), राजेन्द्र अग्रवाल (माड़ी वाले), प्रमोद, अमित श्रीवास्तव, भइया लाल, मनीष सहित अनेक श्रद्धालुजन एवं समाजसेवी उपस्थित रहे। सभी ने तन, मन और धन से सहभागिता की।