एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में 11वीं बटालियन की टीम पवित्र गंगा नदी के विभिन्न प्रमुख स्नान घाटों पर जल गश्त एवं पिकेट ड्यूटी के माध्यम से जन-सुरक्षा का दायित्व अत्यंत कुशलता और प्रतिबद्धता के साथ निभा रही है।
एनडीआरएफ के 11वीं बटालियन की टीम ने गंगा नदी में नियमित जल गश्ती के दौरान एक युवक को नदी में संघर्ष करते हुए देखा, जो गंगा पार करने के प्रयास में अत्यधिक थकान के कारण डूबने की स्थिति में पहुँच गया था। बिना समय गंवाए, टीम ने तत्परता और साहस का परिचय देते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी। बचाव तकनीकों का कुशलतापूर्वक प्रयोग करते हुए एनडीआरएफ के प्रशिक्षित कर्मियों ने युवक को सुरक्षित बाहर निकाला और प्राथमिक उपचार प्रदान कर उसकी जान बचाई। पीड़ित की पहचान शुभम तिवारी, निवासी जौनपुर (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई।
एनडीआरएफ कर्मी ने डूबते युवक को बहादुरी से बचाया
इसी श्रृंखला में मान मंदिर घाट पर ड्यूटी में तैनात एनडीआरएफ के एक सतर्क और संवेदनशील रेस्क्यू कर्मी ने भी अपने कर्तव्यनिष्ठ व्यवहार से एक किशोर के जीवन की रक्षा कर मानवीय सेवा का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उक्त कर्मी ने देखा कि रामनिवास राठौर (उम्र 17 वर्ष), निवासी जनपद हरदोई, स्नान करते समय अचानक गहरे पानी में बह गया और डूबने लगा। पलभर की भी देर किए बिना, एनडीआरएफ कर्मी ने तुरंत अपना जीवन दांव पर लगाते हुए नदी में छलांग लगाई। तेज धाराओं को चीरते हुए, उस युवक को सफलता पूर्वक बचाकर सुरक्षित तट पर लाया, जहाँ उसे तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया। इस त्वरित और साहसी कार्रवाई ने एनडीआरएफ कर्मियों की पेशेवर दक्षता, सतर्कता, और जनसेवा के प्रति समर्पण को एक बार फिर सार्वजनिक रूप से प्रमाणित कर दिया है l
यह साहसिक एवं प्रभावशाली बचाव कार्य न केवल एक अमूल्य जीवन की रक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एनडीआरएफ केवल आपदा प्रबंधन की अग्रणी संस्था ही नहीं, बल्कि जनविश्वास और सुरक्षा का प्रतीक भी है।