वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा में इस वर्ष तिरंगा झंडा भी शामिल होगा। निर्जला एकादशी को बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए निकलने वाली कलश यात्रा में बतौर मुख्य अतिथि जगद्गुरु सतुआबाबा संतोष दास, विधायक नीलकंठ तिवारी एव॔ अम्बरीष सिंह भोला सम्मिलित होंगे। सुप्रभातम एवं काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के बैनरतले आयोजित होने वाली कलश यात्रा को इस वर्ष काफी भव्य रूप देने की तैयारी चल रही है। खास बात यह है कि इस वर्ष बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक के लिए सिंधु नदी, चिनाब नदी, कैलाश मानसरोवर, रावी नदी, ऋषिकेश से गंगा और महाकुंभ के समय के संगम जल की भी व्यवस्था की गई है। कुछ समाजसेवियों ने मौसम के रुख को देखते हुए गौदौलिया स्थित मारवाड़ी अस्पताल के समक्ष एवं बांसफाटक में शर्बत और पेयजल की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी स्वेच्छापूर्वक वहन कर ली है। यह जानकारी प्रायोजक संस्था सुप्रभातम एवं काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति ने पत्रकार वार्ता में दी।
बुधवार मध्याह्न में हुई पत्रकार वार्ता में दोनों संस्थाओं की ओर से उमाशंकर अग्रवाल, दीपक बजाज, मनीष तुलस्यान, दिलीप सिंह, निधिदेव अग्रवाल व राजीव गुप्ता ने बताया, कलश यात्रा में चांदी के सात अलग-अलग कलशों में पवित्र नदियों का जल तथा लगभग एक हजार श्रद्धालु महिला-पुरुष मिट्टी के कलश में गंगा जल और गाय का दूध लेकर शामिल होंगे। कलश यात्रा 6 जून शुक्रवार को सुबह साढ़े 6 बजे राजेन्द्र प्रसाद घाट से प्रारम्भ होकर गोदौलिया, बांसफाटक होते हुए लगभग साढे सात बजे श्री विश्वनाथ कारिडोर पहुंचेगी। कलशधारी श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करेंगे।
काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के निधिदेव अग्रवाल व पवन चौधरी के अनुसार कलश यात्रा को भव्यता प्रदान करने के लिए पीएसी बैण्ड, शहनाई, डमरू दल, विशालकाय नंदी पर विराजमान शंकर-पार्वती की झांकी, विशेष रूप से सजे रथों पर विशिष्ट साधु-संत और म्यूजिक वाहन भी शामिल होगे। शोभायात्रा में युवक तिरंगा झंडा लहराते चलेंगे। निधिदेव अग्रवाल के अनुसार सभी पवित्र नदियों का जल मंगलवार को वाराणसी पहुंच गया है। उन्होंने स्पष्ट किया, सिंदूर और तिरंगा बाबा विश्वनाथ को अर्पित करने के लिए नहीं होगा। तिरंगा और सिंदूर को पिछले दिनों सीमा पर आपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना को बधाई के प्रतीकात्मक शामिल किया जाएगा।