सिगरेट नहीं, सांसों को चुनो, धुआँ छोड़ो, खुशियाँ पकड़ो : डॉ० एस० के० पाठक
“विश्व तम्बाकू निषेध दिवस” के उपलक्ष पर ब्रेथ इजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी (अस्सी, वाराणसी) द्वारा 30 मई 2025 (दिन शुक्रवार) को सायं 6 बजे एक “जन जागरूकता रैली” का आयोजन किया गया I इस “जन जागरूकता रैली” को हरी झंडी दिखाकर डा. एस. के पाठक (वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ) एवं ब्रेथ ईजी की निर्देशिका श्री मति सुनीता पाठक ने संयुक्त रूप से रवाना किया, जिसमे शहर के युवा एवं सम्मनित नागरिको ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया I जन जागरूकता रैली ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, अस्सी वाराणसी से अस्सी घाट स्थित सुबह -ए- बनारस मंच तक गयी, जहाँ लोगों को धुम्रपान / तम्बाकू एवं गुटखा के बारे में जागरूक किया गया I इस जन जागरूकता कार्यक्रम के दौरान ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्यों ने धुम्रपान व गुटखा से होने वाले दुष्परिणाम पुस्तिका व पर्चा भी वितरित किया I
इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ श्वांस एवं फेफड़ा रोग विशेषज्ञ डॉ० एस० के० पाठक द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों एवं आम नागरिको कों शपथ दिलायी, कि आज के दिन से न तम्बाकू के बने पदार्थो का सेवन करेंगे और न ही सेवन करने की सलाह देंगे और इस बुरी लत को भरसक रोकने का प्रयास करेंगे I इस “जन जागरूकता कार्यक्रम” का नेतृत्व डॉ० एस० के० पाठक ने किया, जिसमे शहर के युवा एवं सम्मनित नागरिको ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया I डॉ० एस० के० पाठक ने बताया कि “प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में 4.9 मिलियन लोग धूम्रपान की वजह से मरते हैं, इसके अलावा दुनिया भर में 40 फीसदी बच्चे, 35 फीसदी महिलाएं और 33 फीसदी मर्द बिन चाहे सिगरेट का धुंआ पीते हैं, जिसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं I पैसिव स्मोकिंग के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन के अनुसार पौने चार लाख लोग दिल की बीमारियों के कारण मरते हैं तो डेढ़ लाख से अधिक लोग सांस की बीमारी के कारण, इसके अलावा 37 हजार लोग अस्थमा से और साढ़े 21 हजार फेफड़े के कैंसर से मरते हैं I
कार्यक्रम के दौरान 400 से भी अधिक लोगों के फेफड़ो का चेक अप किया गया जिसमे से 60% से भी अधिक लोगों के फेफड़ों की क्षमता में कमी पाई गयीं I सभी सदस्यों ने तम्बाकू से बने पदार्थ जैसे बीडी, सिगरेट, गुटखा आदि का सांकेतिक दहन किया और सुबह बनारस में आये सभी नागरिको से अनुरोध किया कि वह आज से बीडी, सिगरेट, गुटखा आदि से नाता तोड़े और स्वास्थ्य जिन्दगी से नाता जोड़े I डॉ० एस० के० पाठक ने बताया कि “तम्बाकू एक धीमा जहर है जो सेवन करने वाले व्यक्ति को धीरे धीरे करके मौत के मुँह मे ढकेलता रहता है l लोग जाने अनजाने मे तम्बाकू उत्पादों का सेवन करते रहते है, धीरे धीरे शौक लत मेँ परिवर्तित हो जाता है और तब नशा आनंद प्राप्ति के लिए नहीं बल्कि ना चाहते हुए भी किया जाता है I“धुम्रपान एवँ तम्बाकू खाने से मुँह् ,गला, श्वासनली व फेफडोँ का कैंसर के अलावा दिल की बीमारियाँ (Heart Disease ), धमनी काठिन्यता, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), पेट के अल्सर (Stomach Ulcer ), अम्लपित (Acidity) व अनिद्रा (insomnia) आदि रोगों की सम्भावना संभवतः हैं I
डॉ० एस० के० पाठक ने बताया कि धुम्रपान व गुटखा खाने वाले मुख्यतः: वो होते है जो कभी दूसरों की देखा देखी, कभी बुरी संगत मे पड़कर, कभी मित्रो के दबाब में, कई बार कम उम्र मेँ खुद को बड़ा दिखाने की चाहत में तो कभी धुएँ के छ्ल्ले उडाने की ललक, कभी फिल्मों मे अपने प्रिय अभिनेता को धूम्रपान करते हुए देखकर तो कभी पारिवारिक माहौल का असर तम्बाकू उत्पादों की लत का कारण बनता हैl
डॉ० एस० के० पाठक के नेतृत्व में हुई इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी चेस्ट फाउंडेशन फॉर ह्यूमैनिटी के सदस्यों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जिसमें सुनील उपाध्याय, अभिषेक केशरी, अश्वनी पाठक, अखिलेश, रतन, विनीत, संजय, आदि लोग सम्मिलित थे I