राष्ट्र एवं समाज हित की होनी चाहिए पत्रकारिता : प्रो. गोपाल सिंह
भारतीयता की भावना देती है हिन्दी पत्रकारिता : प्रो. राघवेंद्र मिश्र
महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, काशी विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित
वाराणसी। महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान और पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में हिन्दी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को ‘‘वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिन्दी पत्रकारिता का मूल्य एवं अवदान’’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित हुई। मुख्य अतिथि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता का मापदण्ड बदलता रहा है। वर्तमान में एक वर्ग देश के विरूद्ध कार्य करने में लगे हैं। तथ्यों को तोड़-मड़ोकर अपने हिसाब से पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि जब सब लोग झूठ बोलने लगते हैं तो सच बोलना खतरनाक हो जाता है। कहा कि काशी से हम सबको सच बोलने का संकल्प लेना चाहिए। सच को बिना लाग लपेट के बोला और दिखाना होगा।
सारस्वत अतिथि पत्रकारिता एवं जनसंचार संकाय, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. राघवेंद्र मिश्र ने हिन्दी पत्रकारिता के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सन् 1780 के बाद से ब्रिटिश सरकार अपने खिलाफ लिखने वाले अखबार को नहीं छपने देती थी। ऐसे मुश्किल हालात में पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 1826 में हिन्दी भाषा का पहला समाचार पत्र निकाला। इसी के साथ उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता के लिए रास्ता बनाया। प्रो. मिश्र ने बताया कि आज 43 से ज्यादा देशों में हिन्दी भाषा में विषय-वस्तु प्रकाशित होता है। हमारे पूर्वज जहां-जहां गए हिन्दी को स्थापित किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता भारतीय होने की भावना देती है। हिन्दी पत्रकारिता लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ती है।
मुख्य वक्ता प्रो. गोपाल सिंह, संकायाध्यक्ष, स्कूल ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ ने पत्रकारिता में हो रही नैतिक गिरावट पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अब पत्रकारिता सिर्फ मुनाफे का जरिया हो गई है। कहा कि पत्रकारिता ने आपने काम से लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होने का सम्मान कमाया है। यह पत्रकारों पर निर्भर करता है कि वह किस हद तक पत्रकारिता धर्म निभाते हैं। पत्रकारिता में सुधार की आवश्यकता है। राष्ट्र एवं समाज हित की पत्रकारिता होनी चाहिए।
स्वागत भाषण हिन्दी पत्रकारिता संस्थान के निदेशक व पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. नागेन्द्र कुमार सिंह तथा बीज वक्तव्य डॉ. विनोद कुमार सिंह ने दिया। संचालन डॉ. प्रभा शंकर मिश्र एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. संजय सिंह गौतम, डॉ. दयानन्द, डॉ. संतोष मिश्र, डॉ. नागेन्द्र पाठक, डॉ. जय प्रकाश श्रीवास्तव, डॉ. मनोहर लाल, डॉ. श्रीराम त्रिपाठी, डॉ. रमेश सिंह, डॉ. अमित सिंह, अनिरूद्ध पांडेय, शैलेश चौरसिया, डॉ. देवाशीष वर्मा, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. सरिता राव, डॉ. विजय सिंह, डॉ. वैष्णवी शुक्ला, डॉ. चंद्रशील पांडेय, गुरुप्रकाश सिंह, देवेन्द्र गिरि, मानस शुक्ला, रवि, किशन, संतोष, गौरव, जय कृष्णा, प्रगति, श्रेया, सुहानी, मानवेंद्र आदि उपस्थित रहे।