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द प्रभु नारायण यूनियन क्लब के निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष विशाल जायसवाल व सचिव कुमार सौरभ को रजिस्ट्रार ने किया खारिज



 03/May/25

PNU क्लब में 80 लाख के कथित घोटालेबाज कुमार सौरभ को अशोक वर्मा दिलाएंगे सजा

द प्रभु नारायण यूनियन क्लब के पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा के साथ कई पूर्व पदाधिकारियों द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष विशाल जायसवाल व सचिव कुमार सौरभ सहित पूरी चुनाव को बताया अवैध।

बता दें कि अध्यक्ष अनिल लालवानी ने कुछ अन्य सदस्यों के साथ मिलकर पूर्व घोषित चुनाव कार्यक्रम के विपरीत दिनांक 19-3-2025 को सचिव व अन्य बोर्ड मेंबर्स को सूचना दिए बिना एक प्रबंध समिति की मीटिंग दिखाते हुए दिनांक 22-3-2025 व 23-3-2025 को नामांकन व 30-3-2025 को चुनाव की घोषणा कर दी जो की क्लब के संविधान के खिलाफ थी क्योंकि संविधान के अनुसार प्रबंध समिति की बैठक में सचिव का होना आवश्यक है एवं सचिव द्वारा ही एजेंडा तैयार किया जाता है। यही नहीं इनके द्वारा क्लब के सभी सदस्यों को सूचित किये बिना एक साजिश के तहत सिर्फ अपने लोगो का नामांकन करा कर उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया जिसकी शिकायत सचिव धर्मेंद्र मिश्रा, अन्य कार्यकारिणी सदस्य एवं कई पूर्व पदाधिकारियों व अन्य सदस्यों ने भी सहायक निबंधक से की जिस पर सहायक निबंधक ने दो बार नोटिस जारी कर सभी से साक्ष्य मांगे और सुनवाई का कई अवसर देने के बाद दिनांक 30-4-2025 को जारी अपने आदेश में स्पस्ट रूप से लिखा है कि "दिनांक 19-3-2025 की बैठक सायं 8 बजे होना दर्शाया गया है। उक्त बैठक में बिमल कुमार त्रिपाठी को मुख्य चुनाव अधिकारी एवं रवि प्रकाश जायसवाल को सह-चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना दर्शाया गया है जिस पर दिनांक 19-3-2025 को ही चुनाव अधिकारीर्यों को मंत्र प्रेषित किया जाना एवं दिनांक 19-3-2025 को ही उनकी सहमति प्राप्त किया जाना दर्शाया गया है। यहाँ यह महत्वपूर्ण है कि यदि प्रबंध समिति की बैठक सायं 8 बजे आयोजित की गयी तो उक्त बैठक समाप्त होने के बाद कब चुनाव अधिकारीयों को पत्र प्रेषित किया गया तथा कब उनकी सहमति प्राप्त की गयी यह प्रश्नवाचक है।

चुनाव अधिकारीयों द्वारा सहमति दिए जाने के उपरांत दिनांक 21-3-2025 को अपने हस्ताक्षर से चुनाव कार्यक्रम जारी करना दर्शाया गया है जिसमे नामांकन की तिथि दिनांक 22 एवं 23 मार्च, नामांकन वापसी दिनांक 24 मार्च तथा मतदान एवं मतगणना दिनांक 30 मार्च को कराये जाने का कार्यक्रम जारी किया गया है किन्तु यह स्पस्ट नहीं किया जा सका कि किन परिस्थितियों में दिनांक 21-3-2025 को कार्यक्रम जारी कर नामांकन हेतु दिनांक 22-3-2025 एवं 23-3-2025 की तिथि तय की गयी। उक्त कार्यक्रम की सूचना समय रहते साधारण सभा की 835 सदस्यों को किस प्रकार एवं किस माध्यम से दी गयी, यह भी स्पस्ट नहीं किया जा सका । उक्त कार्यक्रम समबन्धी सूचना को समाचार पत्र में नामांकन की तिथि को प्रकाशित कराया गया है। यह भी महत्वपूर्ण है कि साधारण सभा के सदस्यों को कूरियर द्वारा सुचना प्रेषित किये जाने की बात कही की गयी है जिसका अवलोकन करने पर यह पाया गया कि चुनाव कार्यक्रम की सूचना कूरियर कंपनी को दिनांक 21-3-2025 को प्राप्त करायी गयी तथा 835 सदस्यों में से दिनांक 24-3-2025 नामांकन तिथि समाप्त होने तक मात्र 300 सदस्यों को ही सूचना प्राप्त हुई। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव हेतु सदस्यों को सूचन प्रेषित किया जाना संदेहास्पद प्रतीत होता है। चुनाव अधिकारीर्यों द्वारा यह कहा गया कि प्रत्येक पद के सापेक्ष मात्र एक नामांकन प्राप्त होने के कारण निर्विरोध निर्वाचन सम्पन्न हुआ है जबकि कई सदस्यों द्वारा यह कहा गया कि जब एक चुनाव कार्यक्रम दिनांक 6-4-2025 के लिए घोषित था तो चुनाव कार्यक्रम में परिवर्तन की सुचना नामांकन के मात्र एक दिन पूर्व क्यों प्रेषित की गयी ? इसी कारण नामांकन की तिथि समाप्त होने तक अधिकांश सदस्यों को चुनाव कार्यक्रम की जानकारी ही नहीं हो पाई। नामांकन के मात्र एक दिन पूर्व सुचना क्यों प्रेषित की गयी इसका कोई संतोषजनक स्पस्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया जा सका। साधारण सभा के सदस्यों को सूचित किये बिना निर्विरोध निर्वाचन दर्शाया जाना विधिसम्मत नहीं माना जा सकता तथा द्वेषपूर्ण कार्यवाही का योतक है।

 

उपरोक्त विवेचित परिस्थितियों एवं साक्ष्यों के दृश्टिगत उभय पक्षों द्वारा चुनाव के सम्बन्ध में की गयी कार्रवाहियां विधि सम्मत नहीं पाए जाने के कारण निरस्त किये जाने योग्य है, अतः निरस्त की जाती है। दोनों चुनाव कार्यवाहियां निरस्त किये जाने की स्थिति में संस्था की प्रबंध समिति वर्तमान में कालातीत घोषित की जाती है।" यहाँ यह बताना जरूरी है कि यह पूरी कार्यवाही क्लब से 80 लाख के गबन के आरोपी कुमार सौरभ का क्लब से निष्काशन रद्द कर उसे पुनः एन केन प्रकरण से सचिय बनाने के लिए की गयी जबकि सच्चाई यह है कि आज तक किसी भी न्यायलय से कुमार सौरभ को क्लीन चीट नहीं मिली है और ना ही वह आज तक सही से अपने सत्र का हिसाब ही दे पाए हैं। जिला जज के यहाँ से कुमार सौरभ की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो चुकी है और माननीय उच्च न्यायलय में विचाराधीन है यही नही सहायक निबंधक द्वारा विना मान्यता मिले और सचिव धर्मेंद्र मिश्रा द्वारा बिना चार्ज हस्तांतरण किये ही कुमार सौरभ द्वारा क्लब से जबरन लाखों रुपये लेकर खर्च भी कर दिया गया है । जिसकी जाँच कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी। पत्रकार वार्ता मैं मुख्य रूप से पांच पूर्व अध्यक्ष श्री रमेश कुमार गिनोडिया, श्री अनुज डिडवानिया, श्री अशोक वर्मा, श्री अम्बुज किशोर व् श्री सशोक खन्ना शामिल रहे इनके अतिरिक्त डॉ. संजय गर्ग, राजेश संद, विजय लीला, संजय जायसवाल, मयंक टकसाली, विनय सिंह, मोहित कपूर, राजीव सेंगर, अवनींद्र सिंह, दीपक अरोरा, राजेश रोकड़िया व् अन्य काफी संख्या में सदस्य गण मौजूद रहे।

 

 


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