वाराणसी 27 अप्रैल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठस्वयंसेवक सुमित शास्त्री का आज 5:30 पर उनके नगवा स्थित आवास पर निधन हो गया वे 100 वर्ष के थे। उनकी अन्तिम यात्रा उनके नगवां स्थित मकान से रात्रि 8 बजे हरिश्चंद्र घाट के लिए रवाना हुई। वो अपने 4 पुत्र और दो पुत्रियों का भरा पुरा परिवार छोड गये। मुखाग्नि उनके कनिष्ठ पुत्र अजयमणी त्रिपाठी ने दी।
सुमित शास्त्री का जन्म कुशीनगर जनपद के बैरिया गांव में हुआ था।बाल्य-काल में ही वे अध्यनार्थ काशी आ गये ।काशी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे वरिष्ठ प्रचारक के प्रेरणा से वे जनसंघ के संस्थापक कार्यकर्ताओं में से एक थे। वे कहते थे संगठन पहले व्यक्ति बाद में। इसी सिद्धांत से प्रेरित उनका संपूर्ण जीवन रहा। अपने जीवन काल में उन्होंने अनेक कार्यकर्ताओं का निर्माण किया। काशी में उनके द्वारा प्रेरित भाजपा के अनेक कार्यकर्ता उच्च पदों पर विराजमान रहें। जिनमें से प्रमुख रूप से स्वर्गीय कल्याण सिंह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, ओम प्रकाश सिंह , स्वर्गीय हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, स्वर्गीय डॉक्टर राजबली तिवारी, स्वर्गीय श्री राम प्रकाश गुप्त, स्वर्गीय डॉ केशरी नाथ त्रिपाठी, जैसे अनेक भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को वे जनसंघ की स्थापना काल से ही कार्यकर्ता निर्माण में लगे रहे।
वे अस्सी घाट से राजघाट तक पैदल चलकर संगठन का प्रचार करते रहें। काशी के ऐसे अनेक संगठनों के वे संस्थापक सदस्य भी रहे उनमें से एक सरयूपारीण ब्राह्मण परिषद तथा विश्व हिंदू परिषद के अनेक आनुषंगिक संगठनों में भी वे सक्रिय सदस्य रहें। संगठन के कार्यकर्ता के रूप में वे आपातकाल तथा राममंदिर आन्दोलन में जेल भी गये थे।
उनकी अंतिम यात्रा में कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, तुलसी जोशी, डॉ उपेंद्र त्रिपाठी, सुधीर मिश्रा, भाऊ आचार्य टोणपे, अभिषेक मिश्रा, अनुराग शर्मा, जगन्नाथ ओझा, मिठाई लाल यादव सहित क्षेत्र के सैकडों लोग शामिल रहे।