श्री काशी विश्वनाथ महादेव का रामेश्वरम के जल से अभिषेक करने की परंपरा है। रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में भी हनुमान जी द्वारा लाए गए शिवलिंग की स्थापना प्रभु श्री राम द्वारा श्री काशी विश्वनाथ महादेव के नाम से ही की गई है। रामेश्वरम में प्रथम दर्शन श्री राम द्वारा स्थापित श्री काशी विश्वनाथ महादेव का ही किया जाता है। तब से ही श्री काशी विश्वनाथ महादेव का जलाभिषेक रामेश्वरम के जल से किए जाने की परंपरा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग के गोपुरम का निर्माण कराने वाले जमींदार परिवार के वंशज श्री सी आर एम अरुणाचलम द्वारा रामेश्वरम जल का कलश भेंट किया गया था। श्री अरुणाचलम कोविलूर स्वामी के शिष्य हैं जो दक्षिण तमिलनाडु के शिवगंगा जनपद में स्थित कोविलूर मठ के प्रधान प्रमुख हैं। ध्यातव्य है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संचालित अन्न सेवा में भोजन निर्माण का कार्य कोविलूर मठ के सहयोग से ही संपन्न किया जाता है। कोविलूर स्वामी की प्रेरणा से ही श्री अरुणाचलम द्वारा रामेश्वर जल श्री काशी विश्वेश्वर के अभिषेक हेतु भेंट किया गया। इसी जल से आज भगवान विश्वनाथ का जलाभिषेक संपन्न किया गया। रामेश्वरम के सागर जल से श्री विश्वेश्वर के अभिषेक की यह परंपरा उत्तर में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से सुदूर दक्षिण के रामेश्वरम धाम तक सनातन धर्म के द्वारा संपूर्ण भारत की राष्ट्रीय एकता के सूत्र में पिरोने का दृष्टांत भी है। यह स्वयं में स्पष्ट भी करता है कि भारत की राष्ट्रीयता सनातन धर्म से ही अभिव्यक्त एवं पुष्ट होती है।