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VDA से 113 करोड़ की ली थी फर्जी छूट वाराणसी के विनायक ग्रुप से होगी 200 करोड़ रुपये की वसूली ?



 20/Apr/25

प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में वाराणसी विकास कार्यक्रम से 113 करोड़ की फर्जी छूट लेने वाले विनायक ग्रुप 200 करोड़ रुपये की वसूली होगी ?

बता दें की इस खबर के प्रकाशित कटिंग को सोशल मीडिया पर इस कदर वायरल किया गया कि घटना जैसे आजकल की ही है, यह खबर इस लिए भी चर्चा में आ गई कि इसमें मुंबई के चर्चित सपा नेता अबू अजमी विनायक ग्रुप में कथित रूप से पार्टनर है।
खबर वायरल होते ही क्लाउन टाइम्स के तमाम सैकड़ो प्रशंसकों ने इसे काफी गंभीरता से लिया और खबर का असली सच प्रसारित करने का अनुरोध भी किया, ताकि सच्चाई से पर्दा उठ सके और इस बात का खुलासा हो जाए की ₹200 करोड़ की वसूली के पीछे का क्या असली सच।
मैं क्लाउन टाइम्स के पाठकों को बताना चाहता हूं कि हमारी टीम ने सबसे पहले विनायक ग्रुप के पार्टनर सर्वेश अग्रवाल और दूसरे पार्टनर अभिनव पाण्डेय से उनका पक्ष जानने के लिए फोन लगाया तो दोनों पार्टनरों का साफ कहना था, कि खबर काफी पुरानी है और इसमें माननीय न्यायालय से उनके पक्ष में कोई आदेश भी आया है, वहीं दूसरी ओर अभिनव पाण्डेय ने इस बात का भी खुलासा किया कि खबर के पीछे लखनऊ के एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र के पत्रकार ने खबर दबाने के लिए कुछ रूपये की डिमांड किया था, उनके मन मुताबिक डिमांड पूरी न करने पर हम लोगों को बदनाम करने के लिए इस प्रकार झूठी खबर प्रकाशित की गई है। क्लाउन टाइम्स इस तरह के आरोप की ना तो कोई पुष्टि करता है और नाही इस बारे में हमें कोई प्रमाण दिखाया गया।
आइये अब हम आपको पूरी खबर के बारे में विस्तार से बताते हैं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रकाशित खबर में इस बात का उल्लेख है कि विनायक ग्रुप ने फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर "वरुणा गार्डन" प्रोजेक्ट पर आयकर छूट पाने में कामयाब हो गए थे।
ईडी भी विनायक ग्रुप के खिलाफ जांच कर रहा है। जिसमें फर्जी पूर्णता प्रमाणपत्र के बारे जानकारी ली थी कि इससे कितने राजस्व का नुकसान हुआ था। इसके आधार पर कंपनी संचालकों की संपत्तियों को जब्त किया जा सके। छापेमारी में फर्जी पूर्णता प्रमाणपत्र मिलने के बाद आयकर विभाग के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने विनायक ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
खबर में आगे लिखा है कि आयकर विभाग से ₹113 करोड़ रुपये की छूट लेने के मामले में वाराणसी के विनायक ग्रुप से वसूली की जाएगी। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक विनायक ग्रुप से जुर्मान और ब्याज के साथ करीब 200 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे। इसकी जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी साझा की जाएगी।
दरअसल, ED भी विनायक ग्रुप के खिलाफ जांच कर रहा है। ईडी ने हाल ही में आयकर विभाग से पूछा था कि विनायक ग्रुप के प्रोजेक्ट वरुणा गार्डन का फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र जमा करने से कितने राजस्व का नुकसान हुआ था ताकि उसी आधार पर कंपनी के संचालकों की संपत्तियां जब्त की जा सकें।
छापे में फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र मिलने के बाद आयकर विभाग के निर्देश पर वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने विनायक ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
ईडी की जांच में यह भी सामने आ चुका है कि महाराष्ट्र के सपा अध्यक्ष अबू आजमी विनायक ग्रुप के पार्टनर हैं। उन्होंने विनायक ग्रुप के साथ मिलकर वाराणसी में बेशकीमती संपत्तियों को खरीदा था। इसके लिए मुंबई से हवाला के जरिये रकम भेजी गई थी।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में हवाला के जरिये रकम मंगाकर संपत्तियों की खरी-फरोख्त की आयकर विभाग और ईंडी गहनता से जांच कर रहे हैं। हालांकि विनायक ग्रुप को बीते दिनों निर्णायक प्राधिकारी ने राहत भी दी थी और आयकर विभाग द्वारा संपत्तियों को जब्त करने के आदेश को खारिज कर दिया था। अब आयकर विभाग निर्णायक प्राधिकारी के आदेश के खिलाफ भी अपील करने जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्राधिकरण की ओर से पुलिस को जानकारी दी गई है कि प्रमाण पत्र में जिस अधिकारी के दस्तखत हैं, उस नाम का कोई अधिकारी कभी तैनात नहीं रहा है। इसी मुकदमे के आधार पर ईडी ने विनायक ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। आयकर विभाग द्वारा बैंक में जमा विनायक ग्रुप के संचालकों के करीब 4 करोड़ रुपये ईडी ने जब्त भी कर लिया था। अब ईडी आयकर विभाग की रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई करते हुए संपत्तियों को जब्त कर सकता है।
क्लाउन टाइम्स की पड़ताल में यह बात भी सामने आई है कि अभिनव पाण्डेय वाराणसी में मुख्यालय वाली एक रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी विनायक विहार प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के रूप में कार्य करते हैं। उन्हें 4 अगस्त, 2008 को इस पद पर नियुक्त किया गया था, और वे इस पद पर बने हुए हैं। कंपनी के अन्य निदेशकों में सर्वेश कुमार अग्रवाल, आभा गणेशकुमार गुप्ता और विमला दिलखुश दोषी भी शामिल हैं।
दोस्तों खबर थोड़ी लंबी हो रही है लिहाजा यहां यह बताना जरूरी है कि सपा नेता अबु आजमी और उनके वाराणसी में स्वजातीय मददगार पूरे कारोबार की देखरेख करते हैं और उन्हीं के जरिए ₹40 करोड़ रूपये मुंबई में ट्रासंफर करने की बात सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,सपा नेता अबू आजमी की भूमिका तब सामने आई थी, जब इनकम टैक्स की टीम ने वाराणसी में विनायक ग्रुप की जांच- पड़ताल कर रहा था उस दौरान विनायक ग्रुप के द्वारा वाराणसी में कई बिल्डिंगों, शॉपिंग काम्पलेक्स, मॉल और आवासीय हाईराइज बिल्डिंग का निर्माण किया गया था।
कुल मिलाकर अभी तक की हुई पड़ताल में विनायक ग्रुप में महाराष्ट्र के सपा नेता आबु आजमी का नाम होनें के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है, जिसके चलते कंपनी से जुड़े बनारस के पार्टनर सर्वेश अग्रवाल और अभिनव पाण्डेय सहित नेताजी के करीबी अक्सर चर्चा में रहते हैं।


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