कोई भी बेगुनाह न फसें रेप केस के मामले में : मोहित अग्रवाल, पुलिस आयुक्त
वाराणसी में हुए गैंगरेप मामले ने अब एक नया मोड़ ले लिया है, अभियुक्तों के परिजनों द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र व सबूतों के आधार पर कमिश्नरेट वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने एसआईटी का गठन किया है, जिसमे वरूणा जोन के पुलिस उपायुक्त प्रमोद कुमार को अध्यक्ष, अपर पुलिस उपायुक्त श्रीमती नीतू, श्रीमती श्रुति श्रीवास्तव,अपर पुलिस उपायुक्त,अपराध, विदुष सक्सेना,सहायक पुलिस आयुक्त कैण्ट, दिनेश कुमार यादव,प्रभारी सर्विलांस सेल, मनीष मिश्रा,प्रभारी एसओजी, मनोज कुमार तिवारी,प्रभारी साइबर सेल को सदस्य, राजीव कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक लालपुर-पाण्डेयपुर को विवेचक व उ0नि0 विवेक कुमार पाठक को राजीव कुमार सिंह को सह विवेचक के रूप में नियुक्त किया गया है। जहाँ सभी अज्ञात में दर्ज अभियुक्तों की गिरफ्तारी विशेष जाँच दल (एस0आई0टी0)की संस्तुति पर ही होगी।
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल द्वारा निर्देशित किया गया है कि गठित विशेष जाँच दल पंजीकृत मु0अ0सं0 94/2025 की निष्पक्ष विवेचना व अभियुक्तों के परिजनों द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र में अंकित निम्न आरोपों की जाँच अपने निकट पर्यवेक्षण में करेगी और साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगी कि कोई भी निर्दोष व्यक्ति का उत्पीड़न न हो।
अभियुक्तों के परिजनों द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र में पीड़िता पर लिखित व इसके अतिरिक्त कुछ मौखिक रूप से भी प्रार्थना पत्र देने वाले व्यक्तियों के निम्न आरोप है
लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देने वाले परिजनों का आरोप:-
1. जब पीड़िता 29 मार्च को घर से लापता हो गयी थी, तो 04 अप्रैल तक परिजनों द्वारा गायब होने की सूचना 112 नम्बर या स्थानीय पुलिस को क्यों नही दी गयी?
2. जब लड़की को पुलिस के द्वारा 04 अप्रैल को उसकी सहेली के घर से बरामद किया गया तो उसने पुलिस को अपने साथ हुए दुष्कर्म की बात क्यो नही बतायी?
3. पीड़िता का 29 मार्च से 04 अप्रैल के मध्य बलात्कार किया गया किन्तु एफआईआर के अनुसार, इस दौरान वह दो बार अपनी सहेली के घर पर रही है। इस दौरान उसने अपनी सहेली को दुष्कर्म के बारे में क्यों नही बताया?
4. पीड़िता की कथित अवधि में बलात्कार के दौरान अपनी सहेली के घर 02 बार रही, जहाँ से पीड़िता का घर मात्र 500 मीटर की दूरी पर है। वह अपने घर क्यों नही गयी?
5. पीड़िता के साथ 23 लोगों नें बलात्कार किया तो शरीर पर चोट के निशान क्यो नही पाये गये ?
6. एफआईआर के अनुसार दिनांक 30.03.2025 को पीड़िता का परिचित समीर व उसके दोस्त द्वारा हाइवे पर मोटरसाईकिल पर गलत काम किया गया, क्या यह सम्भव है? लोकेशन व सीसीटीवी देखकर सच्चाई पता किया जाए।
7. सीसीटीवी रिकार्ड में पीड़िता दिनांक 31.03.2025 को दानिश, सोहेल व आयुष के साथ हँसी-खुशी जाते दिख रही है। बलात्कार पीड़िता का इस प्रकार घुमना कैसे संभव है।
8. इंस्टाग्राम एकाउन्ट पर दिनांक 02.04.2025 को पीड़िता द्वारा स्वयं के कई पोस्ट/फोटो अपलोड किये गये, जिसमें वह स्वस्थ एवं खुश दिख रही है, जबकि उसके साथ 29.03.2025 से 03.04.2025 तक दुष्कर्म की घटना कारित करने की बात एफआईआर में अंकित करायी गयी है।
9. दिनांक 31.03.2025 को पीड़िता अपने इंस्टाग्राम एकाउण्ट से अभियुक्त जाहिद खान (जो कन्टिनेन्टल कैफे में काम करता था) को मैसेज किया कि "हैलो मैं आ रही हूँ कैफे तुम्हारे" इस तथ्य की जाँच करें।
10. अभियुक्त के परिजनों द्वारा अपने प्रार्थना पत्र में एक चार्ट बनाकर एफआईआर में वर्णित उन स्थलों का वर्णन किया गया है, जहाँ पीड़िता के परिचितों व अज्ञात अभियुक्तों ने उसके साथ गलत कार्य कर छोड़ दिया है। 29.03.2025 को हुकुलगंज, 30.03.2025 की नदेसर, 01.04.2025 को होटल के बाहर, 01.04.2025 को ही दुसरे होटल के बाहर, 01.04.2025 को ही सिगरा आईपी माल के पास, 02.04.2025 को अस्सी घाट, 03.04.2025 को सहेली के घर, 03.04.2025 की सायं चौकाघाट, 03.04.2025 को ही पुनः सहेली के घर पीड़िता स्वतंत्र रूप से रही। इन स्थलों पर पीड़िता के साथ कोई अभियुक्त नहीं था, तो पीड़िता द्वारा पुलिस या माता-पिता को गलत कार्य की सूचना क्यों नही दी गयी।
11. एफआईआर के अनुसार 31.03.2025 को दानिश नाम के व्यक्ति ने पीड़िता के साथ रेप किया और उसको छोड़ दिया। पीड़िता उसी दानिश के साथ 03.04.2025 को पुनः चली गयी। जहाँ उसके साथ पुनः बलात्कार हुआ। जब पीड़िता के साथ तीन दिन पूर्व दानिश ने रेप किया था तो स्वेच्छा से पुनः दानिश के साथ कैसे चली गयी?
12. जब होटल/कैफे में बलात्कार की घटना की गयी तो पीड़िता द्वारा शोर-शराबा क्यों नही किया गया?
13. एफआईआर में 12 अभियुक्त नामजद है, जबकि मा० न्यायालय के समक्ष बयान में पीड़िता ने कुछ नामजद अभियुक्तों के नाम नही लिए है। इन अभियुक्तों का नाम क्यों नही बताया गया। इसकी जाँच करें, यदि वह निर्दोष है तो तदानुसार विवेचनात्मक कार्यवाही करें।
मौखिक रूप से प्रार्थना पत्र देने वाले व्यक्तियों का आरोप:-
1. दिनांक 01.04.2025 को पीड़िता ने एक महिला के घर ईद की सिमई खाई थी। जब 29.03.2025 से लगातार बलात्कार हो रहा था, तो ईद की सिमई खाने कैसे आयी?
2. पीड़िता सहेली के घर से बरामदी के बाद अपने घर जाने को तैयार नही थी।
3. अज्ञात अभियुक्तों के नाम पर पीड़िता के परिजनों द्वारा विभिन्न लोगों से पैसा मांगा जा रहा है अन्यथा मुकदमें में फसाने की धमकी दी जा रही है।
4. लोगो को ब्लैकमेल एवं पैसा वसूली के लिए सोची समझी रणनीति के तहत एफआईआर लिखाई गयी है। लड़की की पूरी लोकेशन माता-पिता के जानकारी में थी, इसीलिए उन्होने 29.03.2025 से 04.04.2025 की प्रातः तक पीड़िता के गायब होने की सूचना पुलिस को नहीं दी।
5. अधिकांश अभियुक्त पीड़िता से इंस्टाग्राम से पूर्व से जुड़े हैं।
विवेचना के दौरान एसआईटी उपरोक्त बिन्दुओं पर भी जाँच करेगी, इसके अतिरिक्त विवेचना के दौरान यदि कोई नये तथ्य संज्ञान में आते हैं तो उसके जाँच के लिए भी स्वतंत्र है । धन उगाही के आरोपों के मद्देनजर अज्ञात में दर्ज अभियुक्तों की गिरफ्तारी एसआईटी द्वारा पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त हो जाने एवं एसआईटी की संस्तुति के उपरान्त की जायेगी ।