वाराणसी। लंका युद्ध के पूर्व जब श्री राम प्रभु का मन किंचित विचरण की अवस्था में था तो ऋषि अगस्तय ने उन्हें आदित्य हृदय का उपदेश देकर असमंजस की स्थिति से उबारा। श्री राम के पराक्रम को नई धार दी। राम काज में ऋषिवर के इस विशिष्ट अंशदान को नमन करते हुए शनिवार को श्री राम साम्राज्य पट्टाभिषेकम महोत्सव के यज्ञ मंडप में उनके नाम विशिष्ट आहुतियां अर्पित की गई। मानसरोवर तीर्थ क्षेत्र में चल रहे पट्टाभिषेक महोत्सव में आज आदित्य हृदय स्रोत का स्तवन भी किया गया। इसके साथ ही महोत्सव के यज्ञ हवन अनुष्ठान की पूर्णाहुति भी हो गई। शाम 5:00 बजे भगवान रामचंद्र जी को लेकर भक्तों के द्वारा गंगा घाट पर हवा व्रत स्नान संपन्न हुआ। यज्ञ एवं महोत्सव के अन्य अनुष्ठानों के मुख्य आचार्य उलीमीरी शोमा याजुलू ने बताया कि हवन व बाल्मीकि रामायण के पारायण को विश्राम देने के बाद रविवार को सुबह उत्सव मंडप में सुबह श्री राम जन्म व दोपहर में राम विवाह का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। पट्टाभिषेक महोत्सव सोमवार को विविध शास्त्रीय कर्मकांडो व लोकाचारों के बीच मनाया जाएगा। राजाधीराज प्रभु श्री राम की भव्य शोभायात्रा के साथ महोत्सव को विराम दिया जाएगा। आश्रम के प्रबंध न्यासी वीवी सुंदर शास्त्री ने बताया कि पट्टाभिषेक के पूर्व सागर व प्रमुख नदियों से लाए गए पवित्र जलकलशों की पूजा होगी, बाद में इसी जल से राजा राम के अभिषेक का अनुष्ठान पूरा किया जाएगा। उन्होंने समस्त काशीवासियों से इस महाउत्सव में भागीदारी का निवेदन किया और बताया कि इस विशिष्ट महोत्सव का अभीष्ट देश में राम राज्य की स्थापना की कामना मात्र है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पप्पू कृष्ण प्रसाद, आशीष टंडन, अभिषेक जायसवाल, अनुपम भट्टाचार्य ,अन्नदनम चिदंबर शास्त्री, श्याम शास्त्री, रामचंद्र मूर्ति ,बुद्ध शर्मा, श्रीमती उमा, साईं फनी गणेश उपस्थित रहे।