अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव मुकुल पाण्डेय कि कोर्ट ने झारखण्ड राज्य के दो साइबर अपराधियों प्रमोद कुमार मण्डल पुत्र नरेश मण्डल व मंटु कुमार मण्डल पुत्र ईश्वर मण्डल को 07-07 के सश्रम कारावास व 1,50,000 रूपये के अर्थदण्ड की सजा सुनायी। दोनोँ के विरुद्ध साइबर क्राइम थाना में मु0अ0सं0-48/2021 धारा 420 भादवि व 66 डी आईटी एक्ट से संबंधित मुकदमा पंजीकृत था। थाना बड़ागांव वाराणसी निवासी वादी छेदी ने 8 जून 2021 को तहरीर के माध्यम से अवगत कराया कि किसी अज्ञात द्वारा 03/06/2021 को उसके मोबाइल पर फोन कर अपने को ट्रेजरी आफिसर बताकर व पेंशन फिक्सेशन के नाम पर बैंक खाता सम्बंधित सभी जानकारी ले ली गयी और उसके ठीक 3 दिन के भीतर अर्थात 3 जून से 6 जून के बीच 16,41000/-रुपये बैंक खाते से बिना वादी के जानकारी के धोखे से निकाल लिया गया ।
विवेचना के दौरान झारखण्ड राज्य के दो साइबर अपराधियों का नाम प्रकाश में आया, दोनों अपराधियों के आपराधिक इतिहास को देखते हुए माननीय न्यायालय ने इन्हें अभ्यस्त अपराधी माना और उनके कृत्यों से समाज को गम्भीर क्षति पहुंचने की आशंका की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के नेतृत्व में मानिटरिंग सेल व साइबर क्राइम थाना की प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप दोनों साइबर अपराधियों को सजा सुनायी गयी। पुलिस का यह भी दावा है कि यह साइबर क्राइम का पहला मामला है जिसमें वाराणसी की अदालत ने अभियुक्तों को सजा सुनाई है।
माननीय न्यायालय ने यह भी कहा कि “अभियुक्तों का कृत्य साइबर अपराध है,जो कि अत्यंत जघन्य है। वर्तमान समय में देश जब डिजिटल इण्डियाके नवप्रवर्तन के दौर से गुजर रहा है ऐसी स्थिति में साइबर अपराधी इस महत्वकांक्षी योजना के लिए अभिशाप है । साइबर अपराधी डार्क-वेव व वी.पी.एन.जैसी तकनीक का दुरुप्रयोग कर मात्र कुछ क्षणों में पीड़ित के खातों से धनराशि निकाल लेना तथा उसका प्रयोग बड़े अपराधों में करना देश के समक्ष एक बड़ी चुनौती के रूप में है"।