आज देश, प्रदेश एवं काशी कोविड-19 और उसके गंभीर सामाजिक-आर्थिक दुष्प्रभावों के गंभीर दौर में है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग उससे बेपरवाह ही नहीं, खर्चीले राजनीतिक उत्सवों में मशगूल हैं । अनलॉक -1 काल मे कोरोना महामारी बेलगाम बढ़ रही है, वहीं सत्तारूढ़ दल द्वारा चुनावी राज्यों में बेहद खर्चीली वर्चुअल रैली एवं राज्यसभा चुनावों की राजनीति के लिये लाक डाउन हटाया लिया गया, जोकि बेहद निंदनीय है । सच यही है कि सरकार ने लोगों को पूर्णत: अपने हाल पर छोड़ दिया है।
कोरोना एवं उससे मौत के बढ़ते ग्राफ के साथ देश एवं प्रदेश के विभिन्न व्यसायी तबकों में आसन्न भय का माहौल तथा उन व्यवसायी वर्गों से उतपन्न बेकारी, ठप कारबार, वापस लौट रहे अप्रवासी कामगारों की गंभीर परिस्थितियों, तनाव, कलह एवं विवाद के बीच, उत्तर प्रदेश आत्महत्या एवं हत्या की वारदातों की बाढ़ से आक्रान्त है। वाराणसी में एक दिन में चार-चार आत्महत्या की घटनायें हो रही हैं और उसके सांसद ने इस संकट के समय मे उनकी कोई खोज खबर नहीं ली। आज वाराणसी में असल गंगा पुत्रों (माझी समाज ) एवं माली समाज आर्थिक विपन्नता की कगार पर है । वे लोग महिलाओं के गहनों को बेचकर घर का खर्च चलाने को मजबूर हो गए हैं । प्रदेश में हत्याओं की बाढ़ है। अपनी जबाबदेही की जगह सरकार विपक्ष को ही कह रही है कि उसने क्या किया ? दूसरी ओर कष्ट से पैदल लौट रहे कामगारों की मदद में आगे आने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को जेल में डाल दिया गया है। भाजपा शासन ने विकास को तो पहले ही पागल बना डाला था, पर लगता है कि इन हालात में आत्मनिर्भरता का उसका जुमला तो लोगों को ही पागल बना देगा। इन कठिन परिस्थिति में उसकी चुनावी आभासी रैलियां वैसे ही हैं, जैसे जलते रोम में नीरो की बंशी।
यह कितना उपहासास्पद है कि 144 करोण की आभासी रैली के बाद इस संकट में भाजपा अब सरकार के निकम्मेपन पर पर्दा डालने के दुष्प्रचार के लिये 10 करोण चिठ्ठी भेजेगी, जिस पर लाजिमी तौर पर न्यूनतम एक सौ करोण व्यय होगा। सुरसा की तरह बढ़ती बेकारी के बीच शिक्षक भर्ती भी महज घोटाला बन कर रह गई। लंबे समय की बंदी के बाद देवालय दूर से दर्शन के लिये खुले और खुद गर्भगृह में पूजन के साथ मुख्यमंत्री ने आनलाइन वर्चुअल दर्शन पूजन काशी विश्वनाथ में उद्घाटित किया। यह काम तो पहले भी संभव था। इन सब बातों से साफ है कि सरकार के पास वर्तमान संकट से जनता को उबारने की कोई सुविचारित रीति - नीति नहीं है।
वाराणसी कांग्रेस प्रदेशव्यापी विरोध के क्रम में एक सप्ताह से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू की अनैतिक एवं अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के खिलाफ गांधीवादी ढंग एवं समय की मर्यादा के अनुरूप जरूरतमंदों को भोजन वितरण का विशेष सेवा सत्याग्रह चला रही है। हम इस अन्याय का लगातार रचनात्मक सत्याग्रही विरोध जारी रखेंगे तथा वर्तमान सत्तारूढ़ दल की हर जनविरोधी, निरंकुश तथा विफल नीतिययों को जनता के बीच लेकर जाएंगे । आज देश एवं प्रदेश की जनता जिस तरह से अपनी रोजमर्रा की दुश्वारियों से पीड़ित है, उसे देखते हुए कांग्रेस देश की आम जनता की भलाई के लिए अपनी जन सापेक्ष भूमिका को हमेशा कि तरह निभाने के लिए दृढ़संकल्प बद्ध है ।